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पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती लक्षण, कारण और बचाव के आसान उपाय

By Dr. Jay Chordia in Onco Care

Oct 17, 2025

परिचय: पुरुषों के स्वास्थ्य की अनदेखी करें

अक्सर पुरुष अपने स्वास्थ्य को लेकर उतने सजग नहीं रहते जितना रहना चाहिए। छोटे-मोटे लक्षणों को वे सामान्य मानकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पेशाब करने में थोड़ी-सी कठिनाई या बार-बार पेशाब आने जैसे संकेत भी प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती लक्षण (Prostate Cancer Ke Shuruwati Lakshan) हो सकते हैं?

प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) एक ऐसा कैंसर है जो केवल पुरुषों में होता है, और यह prostate gland (प्रोस्टेट ग्रंथि) में विकसित होता हैजो मूत्राशय के नीचे और मलाशय के सामने स्थित एक छोटी-सी ग्रंथि है। यह ग्रंथि वीर्य द्रव (Seminal Fluid) बनाती है जो शुक्राणुओं को पोषण देती है।

यदि इसे शुरुआती चरण में पहचान लिया जाए तो prostate cancer ka ilaj पूरी तरह संभव है। आइए विस्तार से समझते हैं कि prostate cancer kya hota hai, इसके shuruwati lakshan क्या हैं, और इससे bachav ke upay कौन-से हैं।

प्रोस्टेट कैंसर क्या होता है? (Prostate Cancer Kya Hota Hai)

प्रोस्टेट कैंसर तब होता है जब prostate gland की कोशिकाएँ अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और ट्यूमर (tumor) का रूप ले लेती हैं। सामान्यतः यह कैंसर धीरे-धीरे बढ़ता है, लेकिन कुछ मामलों में यह तेजी से फैल भी सकता है।

Prostate gland kya kaam karti hai?

  • वीर्य द्रव (seminal fluid) का निर्माण।
  • शुक्राणुओं को सक्रिय और जीवित बनाए रखना।
  • मूत्र के प्रवाह को नियंत्रित करने में मदद करना।

उम्र बढ़ने पर इस ग्रंथि का आकार बढ़ना सामान्य है, जिसे BPH (Benign Prostatic Hyperplasia) कहा जाता है। लेकिन यदि यह वृद्धि असामान्य हो या अन्य लक्षणों के साथ हो, तो यह prostate cancer ke prarambhik sanket (प्रारंभिक संकेत) हो सकते हैं।

प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती लक्षण (Prostate Cancer Ke Shuruwati Lakshan)

शुरुआती अवस्था में यह कैंसर बहुत हल्के संकेत देता है, जिन्हें अक्सर लोग अनदेखा कर देते हैं। लेकिन इन्हें पहचानना ही जीवन-रक्षक साबित हो सकता है।

1. मूत्र से जुड़े लक्षण (Urinary Symptoms)

  • बार-बार पेशाब आना (Bar bar peshab aana), खासकर रात में।
  • पेशाब करने में कठिनाई (Peshab karne me dikkat) या रुकावट।
  • पेशाब की धारा कमजोर होना।
  • पेशाब के बाद बूंद-बूंद टपकना।
  • पेशाब में जलन या दर्द (Peshab me jalan ya dard)
  • मूत्राशय का पूरा खाली होना।

ये लक्षण इसलिए होते हैं क्योंकि बढ़ा हुआ प्रोस्टेट मूत्रमार्ग (Urethra) पर दबाव डालता है।

2. दर्द या असुविधा (Pain and Discomfort)

  • पेशाब करते या स्खलन (Ejaculation) के समय दर्द।
  • श्रोणि (Pelvic) क्षेत्र या नीचे के भाग में दबाव या भारीपन।
  • कमर या कूल्हे में दर्द जो लगातार बना रहे।

3. रक्त के संकेत (Bleeding Signs)

  • पेशाब में रक्त आना (Peshab me khoon aana)
  • वीर्य में रक्त (Veerya me khoon aana)
    यदि बार-बार ऐसा हो, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाना चाहिए।

4. सामान्य शारीरिक लक्षण (General Body Symptoms)

  • बिना वजह वजन घटना।
  • लगातार थकान और कमजोरी महसूस होना।
  • हड्डियों में दर्द या पीठ में लगातार भारीपन।

भूख कम लगना या नींद आना।

प्रोस्टेट कैंसर के कारण और जोखिम कारक (Prostate Cancer Ke Karan Aur Risk Factor)

हर व्यक्ति में कारण अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य risk factors हैं:

  1. उम्र (Age): 50 साल के बाद खतरा बढ़ जाता है।
  2. पारिवारिक इतिहास (Family History): यदि पिता या भाई को यह कैंसर हुआ हो।
  3. आहार (Diet): अत्यधिक वसा (fat) और लाल मांस का सेवन।
  4. जीवनशैली (Lifestyle): कम physical activity और तनाव।
  5. हार्मोनल बदलाव: Testosterone का स्तर अधिक होना।
  6. अनुवांशिकता (Genetics): कुछ लोगों में यह वंशानुगत रूप से पाया जाता है।

प्रोस्टेट कैंसर की जांच (Prostate Cancer Ki Jaanch Kaise Hoti Hai)

1. PSA Test (PSA Test Kya Hai)

यह रक्त जांच Prostate-Specific Antigen का स्तर बताती है। बढ़ा हुआ PSA स्तर कैंसर, संक्रमण या enlargement का संकेत हो सकता है।

2. Digital Rectal Examination (DRE)

डॉक्टर हाथ से प्रोस्टेट की सतह को जांचते हैं ताकि किसी गांठ या असामान्यता का पता चल सके।

3. बायोप्सी और इमेजिंग टेस्ट्स

MRI, CT Scan या Ultrasound से ट्यूमर की स्थिति और फैलाव का पता लगाया जाता है।

Early Detection = Successful Treatment.
यदि कैंसर शुरुआती अवस्था में पकड़ में जाए तो इलाज बहुत सफल रहता है।

प्रोस्टेट कैंसर का इलाज (Prostate Cancer Ka Ilaj Kaise Hota Hai)

इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि कैंसर कितनी तेजी से बढ़ रहा है और मरीज की उम्र क्या है।

  • Surgery (Prostatectomy): प्रोस्टेट ग्रंथि को शल्यक्रिया से निकाल दिया जाता है।
  • Radiation Therapy: कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए किरणों का उपयोग।
  • Hormone Therapy: Testosterone का स्तर घटाकर कैंसर की वृद्धि रोकना।
  • Chemotherapy: दवाओं से कैंसर कोशिकाओं को खत्म करना।
  • Active Surveillance: धीमी गति से बढ़ने वाले कैंसर के मामलों में नियमित निगरानी।

हर मरीज के लिए डॉक्टर द्वारा बनाई गई personalized treatment plan सबसे सुरक्षित रहती है।

प्रोस्टेट कैंसर से बचाव (Prostate Cancer Se Bachav Ke Upay)

हालांकि प्रोस्टेट कैंसर को पूरी तरह रोका नहीं जा सकता, लेकिन जोखिम कम किया जा सकता है।

  1. संतुलित आहार (Healthy Diet): फाइबर, हरी सब्ज़ियाँ, टमाटर (Lycopene), और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर भोजन लें।
  2. नियमित व्यायाम (Regular Exercise): रोज़ाना 30 मिनट walk या योग करें।
  3. धूम्रपान और शराब से परहेज़: निकोटीन और अल्कोहल हार्मोनल असंतुलन बढ़ाते हैं।
  4. वार्षिक जांच (Annual Check-up): 50 वर्ष से ऊपर के पुरुषों को हर साल PSA टेस्ट करवाना चाहिए।
  5. तनाव नियंत्रण (Manage Stress): Meditation, Deep Breathing और पर्याप्त नींद से तनाव घटता है।

कब डॉक्टर से संपर्क करें

हालांकि प्रोस्टेट कैंसर को पूरी तरह रोका नहीं जा सकता, लेकिन जोखिम कम किया जा सकता है।

  • संतुलित आहार (Healthy Diet): फाइबर, हरी सब्ज़ियाँ, टमाटर (Lycopene), और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर भोजन लें।
  • नियमित व्यायाम (Regular Exercise): रोज़ाना 30 मिनट walk या योग करें।
  • धूम्रपान और शराब से परहेज़: निकोटीन और अल्कोहल हार्मोनल असंतुलन बढ़ाते हैं।
  • वार्षिक जांच (Annual Check-up): 50 वर्ष से ऊपर के पुरुषों को हर साल PSA टेस्ट करवाना चाहिए।
  • तनाव नियंत्रण (Manage Stress): Meditation, Deep Breathing और पर्याप्त नींद से तनाव घटता है।

Key Facts

  • प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में दूसरा सबसे आम कैंसर है।
  • शुरुआती अवस्था में पहचान से 90% मरीज पूरी तरह ठीक हो सकते हैं।
  • हर साल भारत में करीब 1 लाख नए केस सामने आते हैं।
  • नियमित जांच और स्वस्थ जीवनशैली से जोखिम 3040% तक कम किया जा सकता है।
  • 50 वर्ष से ऊपर हर पुरुष को साल में एक बार PSA टेस्ट करवाना चाहिए।

FAQ's

प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या होते हैं?

बार-बार पेशाब आना, पेशाब में कठिनाई, पेशाब की धारा कमजोर होना, या पेशाब में रक्त आना इसके शुरुआती संकेत हैं।

प्रोस्टेट कैंसर किस उम्र में होता है?

यह आमतौर पर 50 वर्ष से ऊपर के पुरुषों में पाया जाता है, लेकिन पारिवारिक इतिहास वाले लोगों में पहले भी हो सकता है।

प्रोस्टेट कैंसर की जांच कैसे होती है?

PSA blood test, Digital Rectal Examination और biopsy से पहचान की जाती है। ये टेस्ट शुरुआती स्टेज में पहचान में मदद करते हैं।

क्या प्रोस्टेट कैंसर का इलाज संभव है?

हाँ, शुरुआती चरण में पकड़े जाने पर प्रोस्टेट कैंसर पूरी तरह ठीक किया जा सकता है, खासकर surgery या radiation से।

क्या बार-बार पेशाब आना प्रोस्टेट कैंसर का संकेत है?

हाँ, यह संकेत हो सकता है, लेकिन BPH (Benign Enlargement) भी इसका कारण हो सकता हैइसलिए जांच करवाना जरूरी है।

प्रोस्टेट कैंसर के कारण क्या होते हैं?

उम्र बढ़ना, असंतुलित आहार, अनुवांशिक कारण, और निष्क्रिय जीवनशैली इसके प्रमुख कारण हैं।

प्रोस्टेट कैंसर से बचाव के उपाय क्या हैं?

स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, तनाव कम करना और समय-समय पर PSA टेस्ट करवाना सबसे अच्छे उपाय हैं।

क्या प्रोस्टेट कैंसर में दर्द होता है?

शुरुआती अवस्था में नहीं, लेकिन बढ़ने पर पीठ, कमर, या हड्डियों में दर्द महसूस हो सकता है।

PSA टेस्ट क्या होता है?

यह एक सरल blood test है जो prostate gland द्वारा निर्मित प्रोटीन (antigen) का स्तर बताता है। उच्च PSA स्तर संभावित खतरे का संकेत है।

प्रोस्टेट कैंसर का इलाज कैसे होता है?

इलाज में surgery, radiation, hormone therapy या chemotherapy शामिल हैंडॉक्टर स्थिति के अनुसार तय करते हैं।

निष्कर्ष

प्रोस्टेट कैंसर का डर सिर्फ़ तब तक है जब तक इसकी जानकारी नहीं होती।
अगर आप अपने शरीर के संकेतों को समझें और prostate cancer ke shuruwati lakshan को नजरअंदाज करें, तो यह बीमारी पूरी तरह नियंत्रण में रह सकती है।

हर पुरुष को 45–50 की उम्र के बाद साल में एक बार PSA टेस्ट करवाना चाहिए और स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिएयही prostate cancer se bachav ka sabse achha upay है।

याद रखें: "सही समय पर पहचान, सही इलाजप्रोस्टेट कैंसर पर जीत आसान।"

Content Written & Approved by
Dr. Jay Chordia
Consultant • ENDOCRINOLOGY

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