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प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) – लक्षण, कारण, जांच और उपचार

प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) – लक्षण, कारण, जांच और उपचार
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By Dr. Anurag Khaitan in Urology

Oct 13, 2025

प्रोस्टेट कैंसर क्या होता है? 

प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) पुरुषों में होने वाला एक सामान्य कैंसर है, जो प्रोस्टेट ग्रंथि (Prostate Gland) में विकसित होता है।
Prostate gland kya hoti hai?
यह एक छोटी, अखरोट के आकार की ग्रंथि है जो मूत्राशय (Bladder) के नीचे और मलाशय (Rectum) के सामने होती है। इसका मुख्य कार्य वीर्य द्रव (Seminal Fluid) बनाना है जो शुक्राणुओं को पोषण देता है।

जब प्रोस्टेट की कोशिकाएँ असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और रुकती नहीं हैं, तब यह प्रोस्टेट कैंसर का रूप ले लेती हैं। यह कैंसर धीरे-धीरे बढ़ने वाला भी हो सकता है और कुछ मामलों में बहुत तेजी से फैलने वाला (Aggressive Prostate Cancer) भी हो सकता है।

प्रोस्टेट कैंसर के प्रकार (Types of Prostate Cancer):

  • Localized Prostate Cancer (स्थानीय): जब कैंसर केवल प्रोस्टेट तक सीमित रहता है।
  • Locally Advanced Prostate Cancer (आसपास फैला हुआ): जब यह आसपास के ऊतकों या सेमिनल वेसिकल्स तक पहुँच जाता है।
  • Metastatic Prostate Cancer (मेटास्टेटिक): जब कैंसर हड्डियों या लसीका ग्रंथियों (Lymph Nodes) तक फैल जाता है।

प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण (Prostate Cancer ke Lakshan)

Early stage prostate cancer symptoms अक्सर नहीं दिखते। लेकिन जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, मूत्र से संबंधित या यौन समस्याएँ शुरू हो जाती हैं।
नीचे prostate cancer ke symptoms in hindi सूचीबद्ध हैं

मूत्र से संबंधित समस्याएँ (Urinary Problems)

  • बार-बार पेशाब लगना (Frequent Urination), खासकर रात मेंNocturia
  • पेशाब शुरू करने में कठिनाई (Difficulty in starting urination)
  • कमजोर या रुक-रुक कर पेशाब आना (Weak or Interrupted Urine Flow)
  • पेशाब के बाद टपकना (Post-void dribbling)
  • मूत्र रुकना या निकल पाना (Urinary Retention)
  • पेशाब करते समय जलन या दर्द (Painful Urination / Dysuria)
    ये लक्षण तब होते हैं जब प्रोस्टेट का आकार बढ़कर मूत्र नली (Urethra) पर दबाव डालता है।

खून से जुड़े लक्षण (Blood-related Symptoms)

  • पेशाब में खून आना (Hematuria)
  • वीर्य में खून आना (Hematospermia)
    ये दोनों लक्षण गंभीर संकेत हैं और तुरंत डॉक्टर से जांच करानी चाहिए।

दर्द और असहजता (Pain & Discomfort)

  • पेल्विक क्षेत्र या कमर में दर्द (Pelvic Pain / Lower Back Pain)
  • कूल्हे, जांघ या रीढ़ की हड्डी में दर्द (Hip, Thigh or Bone Pain)
  • स्खलन के समय दर्द (Painful Ejaculation)
    ये लक्षण तब दिखते हैं जब prostate cancer bone tak phail jata hai (Bone Metastasis)

यौन समस्याएँ (Sexual Dysfunction)

  • स्तंभन दोष (Erectile Dysfunction – ED)
  • स्खलन में दर्द या वीर्य की मात्रा में कमी

गंभीर चरण के लक्षण (Advanced Stage Prostate Cancer Symptoms)

  • पैरों में सूजन (Swelling in Legs / Lymphedema)
  • कमजोरी और थकान (Fatigue & Weakness)
  • अचानक वजन घटना (Unexplained Weight Loss)
  • भूख कम लगना (Loss of Appetite)
  • हड्डियों में लगातार दर्द या चलने में कठिनाई
  • रीढ़ की हड्डी पर दबाव (Spinal Cord Compression) जिससे पैरों में सुन्नता या लकवा भी हो सकता है।

ध्यान दें: इन लक्षणों का मतलब हमेशा कैंसर नहीं होता। Benign Prostatic Hyperplasia (BPH) या Prostatitis जैसी स्थितियाँ भी ये लक्षण दिखा सकती हैं। लेकिन यदि ये समस्याएँ लगातार बनी रहें तो urologist se checkup jaruri hai

प्रोस्टेट कैंसर के कारण (Prostate Cancer ke Karan)

Prostate cancer hone ke karan पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन कुछ जोखिम कारक (Risk Factors) इसके खतरे को बढ़ाते हैं

  1. उम्र (Age): 50 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों में जोखिम अधिक।
  2. परिवारिक इतिहास (Family History): जिनके पिता या भाई को प्रोस्टेट कैंसर हुआ है, उनमें जोखिम 2-3 गुना बढ़ जाता है।
  3. आनुवंशिक कारण (Genetics): BRCA1, BRCA2 या Lynch Syndrome वाले लोगों में जोखिम अधिक होता है।
  4. जाति और नस्ल (Ethnicity): अफ्रीकी या एशियाई मूल के पुरुषों में इसका खतरा अधिक होता है।
  5. मोटापा (Obesity): मोटे पुरुषों में उन्नत या आक्रामक कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
  6. आहार (Diet): ज्यादा मांस, डेयरी उत्पाद और वसा (Fatty foods) खाना जोखिम बढ़ा सकता है।
  7. हॉर्मोन असंतुलन (Hormonal Imbalance): उच्च टेस्टोस्टेरोन स्तर (High Testosterone) कैंसर को बढ़ावा दे सकता है।
  8. धूम्रपान और निष्क्रिय जीवनशैली (Smoking & Sedentary Lifestyle): अधिक आक्रामक प्रोस्टेट कैंसर से जुड़ा है।

प्रोस्टेट कैंसर की जांच (Prostate Cancer Diagnosis in Hindi)

Early detection prostate cancer me jaan bachata hai.
इन टेस्ट्स से डॉक्टर प्रोस्टेट कैंसर की पहचान करते हैं:

  1. डिजिटल रेक्टल एग्जाम (DRE Test):
    डॉक्टर उंगली के जरिए प्रोस्टेट की सतह को महसूस करके कठोर गांठ या असामान्यता की जांच करते हैं।
  2. पीएसए टेस्ट (PSA Test):
    यह एक रक्त जांच (Blood Test) है जिसमें Prostate Specific Antigen का स्तर मापा जाता है। उच्च PSA स्तर कैंसर, संक्रमण या सूजन का संकेत हो सकता है।
  3. इमेजिंग टेस्ट (Imaging Tests):
    • Transrectal Ultrasound (TRUS)
    • MRI of Prostate
    • CT या Bone Scanयह जांच बताती है कि कैंसर फैला है या नहीं।
  4. प्रोस्टेट बायोप्सी (Prostate Biopsy):
    प्रोस्टेट से ऊतक का सैंपल लेकर माइक्रोस्कोप से जांच की जाती है। इससे Gleason Score पता चलता है जो कैंसर की तीव्रता बताता है।

प्रोस्टेट कैंसर का इलाज (Prostate Cancer ka illaj)

Prostate cancer treatment का चुनाव मरीज की उम्र, स्टेज और समग्र स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।

  1. Active Surveillance / Watchful Waiting:
    यदि कैंसर धीमी गति से बढ़ रहा है, तो PSA टेस्ट और बायोप्सी के जरिए निगरानी रखी जाती है।
  2. सर्जरी (Radical Prostatectomy):
    कैंसर हटाने के लिए प्रोस्टेट ग्रंथि और कभी-कभी आसपास के लिम्फ नोड्स निकाले जाते हैं।
    • ओपन, लेप्रोस्कोपिक या Robot-Assisted Surgery (Da Vinci System) के माध्यम से की जा सकती है।
    • संभावित दुष्प्रभाव: पेशाब पर नियंत्रण की कमी (Incontinence) या स्तंभन दोष (Erectile Dysfunction)
  3. रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy):
    • External Beam Radiation Therapy (EBRT)
    • Brachytherapy (Internal Radiation)
      उन्नत चरण में इसे Hormone Therapy के साथ मिलाया जाता है।
  4. Hormone Therapy (Androgen Deprivation Therapy):
    टेस्टोस्टेरोन जैसे पुरुष हार्मोन को कम करके कैंसर की वृद्धि को रोका जाता है।
  5. Chemotherapy (कीमोथेरेपी):
    कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए दवाओं का प्रयोग किया जाता है, खासकर जब कैंसर शरीर में फैल गया हो।
  6. Targeted Therapy / Immunotherapy:
    कुछ मरीजों में विशेष जीन म्यूटेशन होने पर ये नई थेरेपी असरदार साबित होती हैं।
  7. Palliative Care:
    उन्नत चरण में लक्षणों से राहत देने के लिए सहायक उपचार दिए जाते हैं।

रोकथाम और जीवनशैली (Prostate Cancer Prevention in Hindi)

Prostate cancer se bachav ke upay:

  • फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज का सेवन बढ़ाएँ।
  • रेड मीट और फैटी फूड्स कम करें।
  • नियमित व्यायाम करें और वजन नियंत्रित रखें।
  • धूम्रपान और अत्यधिक शराब से बचें।
  • 45 वर्ष के बाद नियमित स्वास्थ्य जांच (Health Check-up) कराएँ।

प्रोस्टेट कैंसर का परिणाम 

यदि Prostate cancer early stage me pakda jaye, तो इलाज से लगभग 100% मरीज स्वस्थ हो सकते हैं।
उन्नत चरण में भी नए उपचार लंबे समय तक जीवन और बेहतर गुणवत्ता प्रदान करते हैं।
नियमित PSA जांच और फॉलो-अप आवश्यक हैं ताकि पुनः संक्रमण या वृद्धि का पता लगाया जा सके।

डॉक्टर से कब संपर्क करें (When to See a Doctor)

यदि आपको पेशाब से जुड़ी समस्या, मूत्र या वीर्य में खून, या पेल्विक दर्द महसूस होतो तुरंत Urologist या Oncologist से संपर्क करें।
शुरुआती जांच आपकी जान बचा सकती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 

प्रोस्टेट कैंसर क्या होता है? (Prostate cancer kya hota hai?)

प्रोस्टेट कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो प्रोस्टेट ग्रंथि में कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि से होता है। यह धीरे-धीरे बढ़ सकता है या कुछ मामलों में तेजी से फैल भी सकता है।

प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण क्या होते हैं? (Prostate cancer ke lakshan kya hote hain?)

इसमें बार-बार पेशाब लगना, पेशाब में जलन या खून आना, और कमर या हड्डियों में दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं। शुरुआती चरण में कोई लक्षण नहीं भी हो सकते हैं।

क्या प्रोस्टेट कैंसर का इलाज संभव है? (Kya prostate cancer ka ilaj sambhav hai?)

हाँ, अगर prostate cancer early stage me पकड़ा जाए तो सर्जरी, रेडिएशन या हार्मोन थेरेपी से पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।

प्रोस्टेट कैंसर का पता कैसे चलता है? (Prostate cancer ka pata kaise chalta hai?)

इसकी पहचान PSA blood test, Digital Rectal Exam (DRE) और Prostate Biopsy से होती है। कुछ मामलों में MRI या Bone Scan भी की जाती है।

प्रोस्टेट कैंसर होने के कारण क्या हैं? (Prostate cancer hone ke karan kya hain?)

इसका सही कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन उम्र, आनुवंशिकता, मोटापा, हॉर्मोन असंतुलन और अस्वस्थ जीवनशैली इसके प्रमुख कारण हैं।

क्या प्रोस्टेट कैंसर से यौन समस्या होती है? (Kya prostate cancer se sexual problem hoti hai?)

हाँ, कुछ मरीजों में इलाज के बाद Erectile Dysfunction या स्खलन में बदलाव हो सकता है। लेकिन उचित थेरेपी और दवाओं से स्थिति सुधारी जा सकती है।

प्रोस्टेट कैंसर किस उम्र में होता है? (Prostate cancer kis umar me hota hai?)

यह आमतौर पर 50 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों में देखा जाता है। इस उम्र के बाद हर साल PSA screening करवाना फायदेमंद होता है।

प्रोस्टेट कैंसर से बचाव कैसे करें? (Prostate cancer se bachav kaise karein?)

स्वस्थ आहार लें, नियमित व्यायाम करें, धूम्रपान और शराब से दूर रहें। साथ ही समय-समय पर urology check-up करवाते रहें।

प्रोस्टेट कैंसर का सर्वाइवल रेट कितना है? (Prostate cancer ka survival rate kya hai?)

अगर prostate cancer early stage me मिल जाए तो इसका 5-year survival rate लगभग 100% है। उन्नत चरणों में भी आधुनिक उपचार से जीवन लंबा और बेहतर बन सकता है।

क्या प्रोस्टेट बढ़ना और प्रोस्टेट कैंसर एक ही चीज़ है? (Kya prostate enlargement aur prostate cancer ek hi cheez hai?)

नहीं, Prostate Enlargement (BPH) एक सामान्य बढ़ोतरी है जो कैंसर नहीं होती। जबकि Prostate Cancer में कोशिकाएँ असामान्य रूप से बढ़कर ट्यूमर बनाती हैं।

Content Medically Written & Verified by
Dr. Anurag Khaitan
Chief & HOD • UROLOGY

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