chatbot-logo

जानें उच्च जोखिम गर्भावस्था के कारण और उपाय

जानें उच्च जोखिम गर्भावस्था के कारण और उपाय
Book Appointment
By Dr. Meetu Rawat Gupta in Gynecology & Obstetrics

Dec 29, 2022

उच्च जोखिम गर्भावस्था (हाई रिस्क प्रेग्नेंसी) क्या होती हैं

माँ बनने का जो अति आह्लाद होता है मतलब वह बहुत ही सुखद क्षण होता है, जब कोई औरत माँ बनती है और एक स्वस्थ सफल बच्चे को जन्म देती है। तब वह एक बहुत ही संतोषप्रद अनुभव होता है और यह अनुभव हर एक महिला अपनी ज़िंदगी में करना चाहती है। कभी ऐसा होता है कि किन्हीं भी कारणों से या तो महिला में कुछ ऐसी विकृतियाँ हैं या कोई बीमारियाँ हैं या कोई ऐसी जीवनशैली की समस्याएँ हैं या प्रेगनेंसी के दौरान उत्पन्न हो जाने वाली समस्याएँ हैं जिसकी वजह से यह प्रेगनेंसी एक हाई-रिस्क प्रेगनेंसी में बदल जाती है।

  1. उम्र - महिला की उम्र अगर 17 साल से कम या 35 साल से अधिक है तो इस दौरान होने वाली प्रेगनेंसी को हाई-रिस्क प्रेगनेंसी कहा जाता है। 
  2. वजन - महिला का वजन अगर कम या ज़्यादा होता है तो यह भी हाई-रिस्क प्रेगनेंसी हो सकती है। 
  3. जीवनशैली - अगर महिला की जीवनशैली ऐसी रही है जिसमें वह शराब का सेवन करती है या फिर अगर वह ऐसा टूथ पाउडर इस्तेमाल करती है जिसमें तंबाकू है या वह गुटखा का सेवन करती है या फिर धूम्रपान करती है या फिर किसी भी तरह की नशे की दवाईओं का सेवन करती है तो ऐसी प्रेगनेंसी हाई-रिस्क हो सकती है। 
  4. स्वास्थ संबंधी समस्याएं - स्वास्थ्य की कुछ समस्याएं होती हैं जो कि पहले से ही क्रॉनिकली होती हैं और अगर उस महिला को प्रेगनेंसी होती है तो उन स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण उसकी प्रेगनेंसी में कई तरह की समस्याएं आ सकती हैं जिससे इस तरह की प्रेगनेंसी को हाई-रिस्क प्रेगनेंसी माना जाता है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ क्या-क्या हो सकती हैं? अगर किसी महिला को पहले से डायबिटीज, हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) है या फिर किसी भी जाँच में पता चला कि गुर्दे की बीमारी जो कि पहले नहीं थी अभी पता चल रहा है कि वह बीमारी है तो यह भी जोखिमपूर्ण अवस्था होती है। अगर रक्त संबंधी कोई समस्या हो जैसे कि आरएच इनकम्पेटिबिलिटी, एनीमिया, थैलेसीमिया, सिकल सेल एनीमिया या फिर जिसे आईटीपी हो जिसे इडियोपैथिक थ्रॉम्बोसाइटोपेनिक परप्युरा कहते हैं तो उसमें भी हाई रिस्क प्रेगनेंसी होती है। 
  5. पानी की थैली की समस्या - अगर कोई भी पानी की थैली की समस्या हो जैसे की पानी की थैली कभी फट जाती है और कभी-कभी थैली लीक करने लगती है या कभी उसमें पानी कम होता है या कभी ज़्यादा होता है तो ऐसी कई सारी समस्याओं की वजह से महिला को हाई-रिस्क प्रेगनेंसी होती है। 

माँ बनने का जो अति आह्लाद होता है मतलब वह बहुत ही सुखद क्षण होता है, जब कोई औरत माँ बनती है और एक स्वस्थ सफल बच्चे को जन्म देती है।

उच्च जोखिम गर्भावस्था के जोखिम कारक:-

अगर कोई भी पानी की थैली की समस्या होती है जिसमें पानी की थैली कभी फट जाती है और कभी-कभी लीक करने लगती है, कभी उसमें पानी कम होता है या ज़्यादा होता है। इस तरह कई सारी प्रॉब्लम की वजह से महिला को हाई रिस्क प्रेगनेंसी होती है।

हाई रिस्क प्रेगनेंसी के जोखिम क्या होते हैं?

हाई रिस्क प्रेगनेंसी के जोखिम होते हैं जैसे कि शिशु में जन्मजात विसंगतियाँ पैदा हो सकती हैं। अगर गर्भधारण के समय कुछ नॉर्मल नहीं हो जैसे की अगर डायबिटीज़, हाइपर टेंशन या फिर थायराइड की प्रॉब्लम हो तो फ़िर ऐसी महिला के गर्भस्थ शिशु में जन्मजात विसंगतियाँ पैदा हो सकती हैं। हृदय संबंधी समस्या हो सकती हैं। हाई रिस्क प्रेगनेंसी के कारण और कई समस्याएँ जैसे समयपूर्व प्रसव भी हो सकता है या फिर शिशु की ठीक से बढ़त नहीं होने से लो बर्थ वेट का शिशु हो सकता है। कई बार गर्भावस्था के दौरान, मरीज़ में पोषाहार की कमी होती है। उसमें भी कई तरह की विकृतियाँ जाती हैं। प्रसव संबंधी जटिलताएँ भी हो सकती हैं। अगर पहले से मेम्ब्रेन रप्चर (झिल्लियों का समय से पहले टूटना) हो गया है या प्लेसेंटा प्रीविया है तो ब्लीडिंग हो सकती है और प्रसव के दौरान अनियमित प्रसव हो सकता है।

हम कैसे पहचान सकते हैं कि हमें हाई रिस्क प्रेग्नेंसी है?

इसके लिए दो तरह का उपाय है पहला तो यह कि हर प्रेगनेंसी प्लांड होनी चाहिए। सुनियोजित होनी चाहिए। महिला ये जानने की कोशिश करती है कि अगर इतना ही रिस्क है तो इसके बचाव के क्या उपाय हो सकते हैं? अब बचाव के उपाय भी बहुत सारे हैं। महिलाएं अपनी जीवन शैली में बदलाव ला सकती है जैसे की अल्कोहल या शराब लेना, सही और उत्तम पोषाहार लेना, बैलेंस डाइट (संतुलित आहार) खाना और समय पर आराम करना, एक्सरसाइज करना, एक्टिव रहना और अपने आप को फ़िट रखना, पर्याप्त पानी का सेवन करना, भरपूर नींद लेना और शारीरिक और मानसिक रूप से आराम करना।

उच्च जोखिम गर्भावस्था के लिए उपचार के क्या विकल्प होते हैं?

अब इसका क्या इलाज है? जो कारण होंगे उसी हिसाब से इसका इलाज होगा। विशेषज्ञ चिकित्सक की देखरेख में हम इस तरह की प्रेगनेंसी को एक सफल डिलीवरी में बदल सकते हैं और गर्भधारण के दौरान भी अगर प्रसव पूर्ण जाँच नियमित रूप से कराई जाए तो होने वाली किसी भी विसंगतियों को समय पर पकड़ा जा सकेगा और उसका ठीक से इलाज करके जोखिम को कम किया जा सकेगा।

Dr. Meetu Rawat Gupta
NEONATOLOGY
Meet The Doctor

Recent Blogs

Cervical Cancer Screening: Why It Matters and How to Get Tested
Cervical cancer is highly preventable with regular screening and HPV vaccination. Early detection through Pap smears, HPV tests, and advanced screening methods can save lives. Learn about the importance of screening, prevention strategies, and expert care at Paras Hospitals.
Continue Reading
PCOS: Causes, Symptoms, and Treatment Options
Discover the causes, symptoms, and treatment options for PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) in this detailed guide. Learn how to manage your symptoms with lifestyle changes, medical treatments, and expert care. Don’t wait—consult the specialists at Paras Hospitals today for personalized PCOS management. Call us now at 8080808069 to book your appointment!
Continue Reading
High-Risk Pregnancy Unpacking the Challenges & Understanding the Risks Ahead  
Building your life often includes planning your family. While the idea does seem rosy and easy but nowadays it isn’t as easy as one might imagine it to be. There are significant factors that are making conceiving process quite difficult to navigate through.
Continue Reading
Understanding the Potential Impact of Abortion Pill Side Effects on Future Pregnancies
In recent years, medical abortion, often referred to as the abortion pill, has become a common method for terminating early pregnancies. While it offers a non-invasive option for women seeking to end a pregnancy, concerns about its potential impact on future pregnancies have arisen.
Continue Reading
Understanding PCOD vs PCOS: Key Differences and Similarities Explained
Polycystic ovary syndrome (PCOS) and polycystic ovary disorder (PCOD) are two commonly misunderstood conditions affecting women's reproductive health. Despite their similar names, they have distinct characteristics and implications.
Continue Reading
Nurturing Two: A Comprehensive Guide to Month-by-Month Pregnancy Diet
Pregnancy is a miraculous journey marked by profound changes in a woman's body and lifestyle. One crucial aspect of this journey is maintaining a healthy diet that supports both the mother and the growing baby.
Continue Reading
Managing Low Blood Pressure During Pregnancy: A Comprehensive Guide
Low blood pressure, also known as hypotension, during pregnancy can be a concern for expectant mothers. While high blood pressure often gets more attention, low blood pressure can also lead to complications if not managed properly.
Continue Reading
View all Blogs