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Mar 2, 2024

पारस हॉस्पिटल के तीन-दिवसीय गायनेकोलॉजिकल एंडोस्कोपी प्रशिक्षण कार्यशालाओँ में होगा व्याख्यान और लाइव सर्जरी का समायोजन

पारस हॉस्पिटल के तीन-दिवसीय गायनेकोलॉजिकल एंडोस्कोपी प्रशिक्षण कार्यशालाओँ में होगा व्याख्यान और लाइव सर्जरी का  समायोजन
  • पारस सेंटर फॉर मिनिमली इनवेसिव गायनेकॉलजी, ऑब्स्टेट्रिक्स एंड एआरटी द्वारा पारस हॉस्पिटल्स के तहत शहर में तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन मई, जून और अगस्त महीने में किया जाएगा
  • आयोजक हर बैच में 10-10 कैंडिडेट्स के हिस्सा लेने की कर रहे हैं उम्मीद
  • यह प्रशिक्षण कार्यक्रम इस साल 6-8 मई, 20-22 जून और 12-14 अगस्त को आयोजित किया जाता है।
  • लगातार तीन महीनोँ में आयोजित होने वाली इन कार्यशालाओँ में जानकारीपरक व्याख्यान, हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग और लाइव सर्जरी को शामिल किया गया है, जो पद्मश्री से सम्मानित, एम्स की पूर्व प्रोफेसर डॉ. (प्रो.) अल्का कृपलानी, (डायरेक्टर एवम एचओडी, पारस सेंटर फॉर मिनिमली इनवेसिव गायनेकॉलजी, ऑब्स्टेट्रिक्स एंड एआरटी, डॉ. कुसुम भारद्वाज, कंसल्टेंट, डॉ. सीमा शर्मा, कंसल्टेंट व पारस हॉस्पिटल्स के अन्य अग्रणी स्त्रीरोग विशेषज्ञोँ के दिशानिर्देशन में कराई जाएंगी।

गुडगांव,07 th मई.2019: मिनिमली-इनवेसिव (लैप्रोस्कोपिक) सर्जिकल प्रक्रियाओँ से स्त्री रोगोँ के इलाज के बारे में अधिक से अधिक डॉक्टरोँ को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से पारस सेंटर फॉर मिनिमली इनवेसिव गायनेकॉलजी, ऑब्स्टेट्रिक्स एंड एआरटी द्वारा शहर में तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन मई, जून और अगस्त महीने में किया जाएगा, जिसकी अगुवाई करेंगी डॉ. (प्रो.) अल्का कृपलानी, (डायरेक्टर एवम एचओडी, पारस सेंटर फॉर मिनिमली इनवेसिव गायनेकॉलजी, ऑब्स्टेट्रिक्स एंड एआरटी)

यह वर्कशॉप इन तीनोँ महीनोँ में हॉस्पिटल परिसर में आयोजित किया जाएगा, जिसमेँ सूचनापरक व्याख्यान, हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग और लाइव सर्जरी आदि डॉ. (प्रो.) अल्का कृपलानी, (डायरेक्टर एवम एचओडी, पारस सेंटर फॉर मिनिमली इनवेसिव गायनेकॉलजी, ऑब्स्टेट्रिक्स एंड एआरटी, डॉ. कुसुम भारद्वाज, कंसल्टेंट, डॉ. सीमा शर्मा, कंसल्टेंट व पारस हॉस्पिटल्स के अन्य अग्रणी स्त्रीरोग विशेषज्ञोँ के दिशानिर्देशन में कराई जाएंगी। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम इस साल 6-8 मई, 20-22 जून और 12-14 अगस्त को आयोजित किया जाता है।

डॉ. (प्रो.) अल्का कृपलानी, (डायरेक्टर एवम एचओडी, पारस सेंटर फॉर मिनिमली इनवेसिव गायनेकॉलजी, ऑब्स्टेट्रिक्स एंड एआरटी ने कहा कि, “लैप्रोस्कोपिक सर्जरी गायनेकोलॉजिकल सर्जरी का भविष्य है, बावजूद इसके आज भी बहुत सारे लोग इसका इस्तेमाल नही कर रहे हैं, खासकर छोटे शहरोँ में। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को इस प्रकार से योजना बनाकर संचालित किया जा रहा है ताकि इसमेँ शामिल होने वाले डॉक्टरोँ को पहले व्याख्यान में कॉन्सेप्ट समझाया जा सके और फिर हैंड्स-ऑन सेशन और लाइव सर्जरी के दौरान इसकी व्यावहारिकता को स्पष्ट किया जा सके। हमेँ पहले बैच में 10 लोगोँ के हिस्सा लेने की उम्मीद है और बाकी के बैचोँ में भी इतने ही लोग शामिल होंगे। वर्कशॉप में शामिल होने वालोँ की संख्या इसलिए फिक्स कर दी गई है ताककि वर्कशॉप के दौरान हर किसी को व्यक्तिगत तौर पर चर्चा करने का मौका मिल सके।“

इस वर्कशॉप में जो सर्जरी दिखाई जाएंगी उनमेँ शामिल है टोटल लैप्रोस्कोपिक हिस्टरेक्टमी (टीएलएच), फर्टिलिटी एनहांसिंग सर्जरी, लैप्रोस्कोपिक मायोमेक्टमी, मैनेजिंग एंडोमेट्रियॉसिस, पेल्विक साइड वॉल डिसेक्शन, सैल्पिंगो ऊफोरेक्टमी (ओवरी और फैलोपियन ट्यूब को निकालने वाली सर्जरी), लैप मैनेजमेंट ऑफ एक्टॉपिक/प्रेग्नेंसी, ओवेरियन ड्रिलिंग, लैप ट्युबोप्लास्टी और लैप्रोस्कोपिक रिपेयर ऑफ जेनाइटल प्रोलैप्स आदि। इसके अलावा, वर्कशॉप मेंडाइग्नोस्टिक हिस्टेरोस्कोपी, अधेसियोलिसिस, मेट्रोप्लास्टी, ट्युबल कैनुलेशन, मायोमा रिसेक्शन और पोलिप रिमूवल के मामले में हिस्टरेक्टमी करना भी सिखाया जाएगा।

पारस सेंटर फॉर मिनिमली इनवेसिव गायनेकॉलजी ऑब्स्टेट्रिक्स एंड एआरटी के साथ-साथ पारस हॉस्पिटल्स गुडगांव न्युरोसाइंसेज, कार्डियोलॉजी, ऑर्थोपेडिक्स, नेफ्रोलॉजी, गैस्ट्रोइंटेरोलॉजी और क्रिटिकल केयर के क्षेत्र में भी भारत के अग्रणी सेवा प्रदाताओँ में शामिल है।