पटना की रहने वाली श्रीमती साथी को पारस कैंसर सेंटर और पारस एच एम् आर आई के वरिष्ठ विशेषज्ञों ने दिया सही और सर्वोत्तम उपचार I पेट के कैंसर से पीड़ित 3 महीने से अंतड़ियों में रुकावट से जूझ रही थी I उनको पेट में दर्द, कब्ज, सूजन और गैस की अत्यंत शिकायत थी I कैंसर विशेषज्ञों के अनुसार ऐसी अवस्था मे पेट के कैंसर का इलाज 3 स्टेज की सर्जरी से होता है – पहले कोलन के एक अंश को कटा जाता है जिससे मेडिकल में कोलोस्टॉमी भी कहा जाता है, फिर पेट के ट्यूमर को सर्जरी से निकला जाता है और अंत में आंत्र ऐसी अवस्था मे निरंतरता सुनिश्चित की जाती है I इन ३ सर्जरी में काफी खर्च लग जाता है और मरीज़ को लम्बे समय तक हॉस्पिटल में भी रहना पड़ता है I पर पेशेंट की आर्थिक स्तिथि और उम्र को मद्देनज़र रखते हुए गैस्ट्रो कैंसर विशेषज्ञ डॉ खंडेलवाल की टीम ने तीनों सर्जरी एक साथ करने का निर्णय लिया I
डॉ (प्रोफ) खंडेलवाल ,विभागाध्यक्ष गैस्ट्रो कैंसर सर्जरी, पारस हॉस्पिटल के अनुसार, “ 70 साल की उम्र के बाद एक से ज़्यादा सर्जरी जान के लिए हानिकारक हो सकती है I मरीज़ की आर्थिक स्थिति और नाज़ुक स्वास्थ्य हालत के अनुसार हमने पेशेंट को छोटा किंतु जोखिम भरा इलाज देने का निर्णय लिया I पहले ही स्टेज में आंत का ट्यूमर निकाला गया, कैंसर से प्रभावित कोलन की जगह को काट दिया गया और हाथ से कोलन अंतड़ियों को जोड़ दिया गया I क्योंकि यह सभी कार्य बहुत की निपुणता से किये गए थे, सर्जरी के बाद कोई लीक नहीं हुआ I”
3 दिन सर्जरी के बाद साथी की स्वास्थ्य में सुधर आया और उन्होने सामान्य आहार लेना शुरू कर दिया I पेट में सेल्स का परिवर्तन न हो और कैंसर फिर से ना हो जाये, इस के लिए साथी को कीमोथेरेपी की सलाह दी गयी|
श्रीमती साथी के अनुसार, ” पारस के डॉक्टर्स और उनके निपुण अनुभव ने मुझे ज़िन्दगी दी है I उनके विश्वास और धैर्य ने मुझे हिम्मत दी और कैंसर से लड़ने की क्षमता भी दी I आज अगर मैं स्वास्थ्य हूँ तो केवल डॉ खंडेलवाल की वजह से I मैं उनकी जीवन भर आभारी रहूंगी I”