पारस अस्पताल और पारस कैंसर सेंटर के डॉक्टर्स ने किया 72 वर्षीय महिला का बिना सर्जरी के ब्रेस्ट कैंसर का इलाज | डॉ आर ऐन टैगोर और कैंसर विशेषज्ञों की टीम ने किया नवीनतम टेक्नोलॉजी और सही क्लीनिकल प्रोटोकॉल्स का उपयोग और किया ब्रैस्ट कैंसर सेल्स को नष्ट | एडवांस्ड कीमोथेरेपी और एंटी – एच ई आर (HER) थेरेपी का हुआ उपयोग |
72 वर्षीय पटना की निवासी सरिता कुमारी पारस कैंसर सेंटर, पटना में अपने स्तन में 3-4 महीने से उत्पन हुई गाँठ को दिखाने आई थीं | अपने स्तन में असमानता महसूस होने पर उनको किसी डॉक्टर की सलाह लेना सही लगा और उन्होने डॉ आर ऐन टैगोर, मेडिकल ऑन्कोलॉजी विशेषज्ञ, पारस कैंसर सेंटर, पटना से परामर्श ली| डॉ आर ऐन टैगोर ने स्तन पर गांठ देख कर कुछ और टेस्ट्स करवाने का सुझाव दिया| मैमोग्राफी, ऍफ़ ऐन ए सी (FNAC), गांठ की बीओप्सी और अिल वी ई ऍफ़ (LVEF) टेस्ट के बाद यह पुष्ट हो गया की मार्सेला को ब्रैस्ट कैंसर या स्तन का कैंसर है | पर सही समय पर जांच कराने से मार्सेला के कैंसर का स्टेज हाई रिस्क और अर्ली स्टेज बताया गया , माने उनका कैंसर अभी प्राथमिक अवस्था में ही था | अपने कैंसर की खबर सुन कर मार्सेला ने उसकी जल्द और सही इलाज करवाने का निर्णय लिया |
डॉक्टर की सलाह के बाद उसकी ब्रेस्ट की सर्जरी की गई | उसके बाद डॉ आर ऐन टैगोर ने ब्रेस्ट कैंसर के स्पेशल कीमोथेरेपी (chemotherapy) एवं टारगेटेड थेरेपी द्वारा इलाज किया गया| प्राथमिक अवस्था का कैंसर होने के कारण इलाज का असर सही और सटीक इलाज के कारण मरीज के स्वास्थ्य में सुधार आया| अब मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है और अपने दैनिक कार्य आसानी से कर रही है |
डॉ आर ऐन टैगोर, मेडिकल ऑन्कोलॉजी विशेषज्ञ, पारस कैंसर सेंटर, पटना के अनुसार, ब्रैस्ट कैंसर या स्तन कैंसर 25% – 32% ज़्यादा तर शहरों में रहने वाली भारतीय महिलाओं को होता है | हार साल 1,50,000 से ज़्यादा औरतें को स्ट या स्तन कैंसर डिटेक्ट होता है | पर हॉस्पिटल और डॉक्टर के पास लेट आने के कारण 80% महिलाओं का कैंसर हाई रिस्क और लास्ट स्टेज में ही होता है | इस केस में सही समय पर परामर्श लेने के उपरांत लिया और हाई रिस्क कैंसर होने के बाद भी सही इलाज होने के कारण इलाज का सक्सेस रेट बढ़ गया और रोगी के स्वास्थ्य में जल्द ही सुधर आया |”
डॉ आर ऐन टैगोर यह भी बताते हैं की लेट स्टेज में कैंसर दिएगनोसे होने पर मृत्यु-दर का रिस्क बढ़ जाता है , इसलिए सभी महिलाओं को अपने स्तन की स्वयं जांच करनी चाहिए | यदि उनको अपने स्तन में कोई बदलाव, लाली, कोई रिसाव या दर्द महसूस हो तो तुरंत ही कैंसर विशेषज्ञ को दिखाएं | सही समय पर कदम उठाना आपके लिए लाभदायक हो सकता है |