40 वर्षीय महिला श्रीमती नीरा देवी की पारस हॉस्पिटल दरभंगा में सफल ब्रेन ट्यूमर सर्जरी की गई I कुछ दिन पहले वह न्यूरो सर्जरी ओपीडी में सर में दर्द, उल्टी और शरीर में कमज़ोरी की शिकायत के साथ आयी थीं I निदान के समय यह पता चला की यह लक्षण उनको 1 महीने से ऊपर हो रहे थे और उन्होने कई घरेलु नुक्से एवम आम मिलने वाली दवायों का भी सहारा लिया, पर कुछ भी असर न पड़ने पर उन्होने पारस हॉस्पिटल आने का निर्णय लिया I डॉक्टर्स के परीक्षण पर यह जानना ज़रूरी था की यह लक्षण किस कारण से हो रहे हैं I उन्होने शुगर की बीमारी को बहुमूल्य कारण माना और साथ में सी टी स्कैन करवाने की भी राय दी I सी टी स्कैन में ब्रेन के राईट फ्रंटल रीजन में एक मास्स दिखा जो ब्रेन पर प्रेशर डाल रहा था I डॉक्टर्स ने यह बताया की यह मास्स उनके सभी लक्षणों का कारण था और तुरंत सर्जरी करने की सलाह दी I
डॉ एजाज़ आलम के अनुसार, “ऐसे ब्रेन ट्यूमर के केस काफी नाज़ुक होते हैंI ब्रेन पर ट्यूमर के प्रेशर से कई कॉम्प्लीकेशन्स हो सकती हैं I ब्रेन हेमेरहेज, स्ट्रोक और पैरालिसिस जैसी जटिल बीमारियां आम हैं I ऐसी स्थिति में मरीज की जान को भी खतरा हो सकता है I इन केसेस में सही समय पर निदान और इलाज बेहद ज़रूरी है I हमने नीरा देवी और उनके घर वालों को तुरंत सर्जरी करवाने की राय दी I मरीज़ के लक्षण और हाल देखते हुए हमने इमरजेंसी न्यूरोसर्जरी की I 8 घंटे की जटिल प्रक्रिया के बाद हम ट्यूमर निकलने में सफल हुए I पेशेंट के डायबिटीज या शुगर की बीमारी की वजह से सर्जरी में भी कई उतार चढ़ाव आए , पर पारस की निपुण टीम ने इसे काम्बियाबी से पूरा किया I”
नीरा देवी के ब्रेन का ट्यूमर आम भी नहीं था I कुछ मिलीमीटर ही छोटा और कई ब्रेन की नसों में जकड़ा हुआ था I ऐसे ट्यूमर को लो ग्रेड ग्लिओमा भी कहते हैं I इन केसेस में सर्जरी जटिल होती है और सर्जन काफी निपुण और प्रतिष्ठित होना चाहिए I एक भी गलत कदम मरीज के मौत का कारण बन सकता है I सही उपकरणों और टेक्नोलॉजी से समर्थित पारस हॉस्पिटल दरभंगा के न्यूरो सर्जन , न्यूरो एनेस्थेटिस्ट और न्यूरोलॉजिस्ट की टीम ने केस बेखूबी से निभाया I
नीरा देवी के घर वालों के अनुसार, “हम बहुत डर गए थे I सही इलाज, ज़्यादा हॉस्पिटल खर्च और मरीज़ की देख भाल के सवाल हमें झिंझोड़ रहे थे I लेकिन पारस दरभंगा की टीम ने हमें आश्वासन दिया और बहुत की कम हॉस्पिटल के खर्च में हमारी नीरा को ठीक कर दिया I अगर पारस दरभंगा में न होता तोह हमें ट्रीटमेंट के लिए पटना या किसी और शहर में जाना पड़ता I ज़्यादा खर्च, असुविधा और अनजान शहर में जाने से पारस ने हमें बचा लिया I हम पारस के सभी डॉक्टर्स की टीम के तेह दिल से आभारी हैं की उन्होने अपनी इस सही पहल से हमरी नीरा की जान बचाई I पारस हॉस्पिटल दरभंगा वाकई में मिथिला के लिए एक वरदान है I”
पारस हॉस्पिटल दरभंगा में छोटे ब्रेन ट्यूमर, ग्रेड ४ के ब्रेन ट्यूमर और सर की चोट की सर्जरी की जाती है I हॉस्पिटल की विशेषता ब्रेन हॅयिमॅर्हेज, अनुरिस्म, ब्रेन में ब्लड क्लॉट्स और नर्व डॅमेज है I न्यूरो सर्जरी के साथ साथ हॉस्पिटल में न्यूरो रोग का उचित और सुलभ उपचार भी किया जाता है I