डेंगू बुखार के लक्षण, कारण, बचाव और इलाज: पूरी जानकारी
Jun 5, 2025
हर साल बारिश के मौसम में भारत सहित कई देशों में डेंगू बुखार (Dengue Fever) के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती है। सही समय पर पहचान और इलाज मिलने पर डेंगू को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। इस लेख में हम डेंगू बुखार से जुड़ी हर जरूरी जानकारी आसान भाषा में बताएंगे, ताकि आप समय रहते सावधान हो सकें और सही उपचार करा सकें।
डेंगू बुखार क्या है? (What is Dengue Fever in Hindi)
डेंगू बुखार एक वायरल संक्रमण है जो एडिस एजिप्टी (Aedes Aegypti) मच्छर के काटने से फैलता है।
यह मच्छर दिन के समय (सुबह और शाम) ज्यादा सक्रिय होता है और साफ, ठहरे हुए पानी में पनपता है। डेंगू वायरस के चार प्रकार होते हैं — DEN-1, DEN-2, DEN-3 और DEN-4।
डेंगू पहली बार होने पर आमतौर पर सामान्य रहता है लेकिन अगर दुबारा होता है तो यह Severe Dengue या डेंगू हेमोरजिक फीवर (DHF) में बदल सकता है जो जानलेवा भी हो सकता है।
डेंगू वायरस कैसे फैलता है? (How Dengue Spreads)
- डेंगू संक्रमित मच्छर के काटने से वायरस शरीर में प्रवेश करता है।
- संक्रमित व्यक्ति को मच्छर काटे और वही मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटे तो वायरस फैलता है।
- बारिश के मौसम में टंकी, कूलर, गमले, टायर आदि में पानी जमा होने पर मच्छरों की संख्या तेजी से बढ़ती है।
डेंगू बुखार के लक्षण (Symptoms of Dengue Fever)
डेंगू के लक्षण आमतौर पर इन्फेक्शन के 4 से 10 दिन बाद दिखने लगते हैं। लक्षण व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता और डेंगू के प्रकार पर निर्भर करते हैं।
शुरुआती डेंगू के लक्षण:
- अचानक तेज बुखार (102-104°F तक)
- तेज सिरदर्द
- आंखों के पीछे दर्द
- मांसपेशियों, हड्डियों व जोड़ों में तेज दर्द (ब्रेक बोन फीवर कहा जाता है)
- त्वचा पर रैशेज़ या लाल चकत्ते
- कमजोरी, थकान
- मतली, उल्टी
- भूख कम लगना
- गला सूखना
गंभीर डेंगू के लक्षण (Severe Dengue Symptoms):
- प्लेटलेट्स का तेजी से गिरना (Low Platelets)
- नाक, मसूड़ों से खून आना
- स्किन पर नीले-नीले धब्बे (Bleeding Under Skin)
- पेट दर्द व सूजन
- बार-बार उल्टी होना
- चक्कर या बेहोशी
- सांस लेने में परेशानी
सावधानी: अगर प्लेटलेट्स बहुत गिरने लगें तो यह जानलेवा हो सकता है। तुरंत अस्पताल ले जाएं।
डेंगू की पहचान कैसे होती है? (Dengue Diagnosis)
डेंगू की सही पहचान के लिए डॉक्टर निम्न टेस्ट करवा सकते हैं:
- Dengue NS1 Antigen Test (पहले 5 दिन में)
- IgM & IgG Antibody Test (5वें दिन के बाद)
- CBC (Complete Blood Count) – प्लेटलेट्स काउंट की निगरानी के लिए
Paras Health में डेंगू डायग्नोसिस के लिए एडवांस टेस्टिंग उपलब्ध है।
डेंगू का इलाज कैसे होता है? (Treatment of Dengue)
डेंगू वायरस का कोई विशेष एंटीवायरल इलाज नहीं है। इलाज पूरी तरह लक्षणों को कंट्रोल करने पर आधारित होता है। समय पर सही इलाज मिलने से मरीज पूरी तरह ठीक हो सकते हैं।
सामान्य डेंगू का इलाज:
- डॉक्टर द्वारा पैरासिटामोल (fever reducer) देना
- शरीर में पानी की कमी न होने देना (Hydration बहुत जरूरी है)
- नारियल पानी, ओआरएस, जूस व तरल पदार्थ लेना
- पूरी तरह आराम करना
- प्लेटलेट्स की नियमित जांच कराना
गंभीर डेंगू का इलाज:
- अस्पताल में भर्ती कराना
- प्लेटलेट्स ट्रांसफ्यूजन (जब प्लेटलेट्स 20,000 से नीचे हों)
- IV Fluids देना
- ICU निगरानी
- रक्तचाप व अंगों की कार्यक्षमता की निगरानी
Paras Health में डेंगू के इलाज के लिए अनुभवी डॉक्टर्स व ICU फैसिलिटी 24x7 उपलब्ध है।
डेंगू में क्या खाना चाहिए? (Dengue Diet Chart)
खाने योग्य चीजें:
- नारियल पानी
- पपीते के पत्तों का रस
- गिलोय का काढ़ा
- अनार, संतरा, कीवी, सेब
- सुपाच्य खाना (दलिया, मूंग दाल, खिचड़ी)
- दही
- हल्दी वाला दूध
- खूब पानी पीना
किन चीजों से बचें:
- तेलीय व मसालेदार खाना
- फास्ट फूड
- चाय-कॉफी, कैफीन युक्त ड्रिंक
- एल्कोहल
सही खानपान प्लेटलेट्स बढ़ाने में सहायक होता है।
डेंगू से बचाव के उपाय (Prevention of Dengue)
डेंगू से बचाव इलाज से बेहतर है। अगर आप डेंगू से बचना चाहते हैं तो मच्छरों को पनपने से रोकें:
- घर व आसपास पानी जमा न होने दें
- कूलर, टंकी, फूलदान, गमले खाली व साफ रखें
- मच्छरदानी का प्रयोग करें
- शरीर ढकने वाले कपड़े पहनें
- मच्छर भगाने वाले लोशन या क्रीम लगाएं
- खिड़कियों पर जाली लगवाएं
Paras Health द्वारा समय-समय पर डेंगू से बचाव के लिए हेल्थ अवेयरनेस कैम्प भी लगाए जाते हैं।
डेंगू कब खतरनाक हो जाता है? (When Dengue Becomes Critical)
- प्लेटलेट्स 20,000 से कम हो जाना
- खून आना
- सांस लेने में तकलीफ
- लगातार उल्टी होना
- मानसिक भ्रम या चक्कर
- तेज पेट दर्द
ऐसी स्थिति में तुरंत अस्पताल पहुंचें। डिले करने पर जान का खतरा हो सकता है।
कब डॉक्टर के पास जाएं? (When to See a Doctor)
डेंगू बुखार के लक्षण शुरुआत में सामान्य फ्लू जैसे लग सकते हैं, लेकिन कुछ संकेत मिलते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है। देर करने पर बीमारी गंभीर रूप ले सकती है।
डॉक्टर से मिलने के संकेत:
- बुखार लगातार 2-3 दिन से अधिक बना रहे
- तेज सिरदर्द व आंखों के पीछे दर्द
- मांसपेशियों व जोड़ों में असहनीय दर्द
- त्वचा पर लाल रैशेज़ या खून के निशान दिखाई देना
- उल्टी या मतली लगातार बने रहना
- चक्कर आना या बेहोशी
- प्लेटलेट्स तेजी से गिरना
- नाक, मसूड़ों या पेशाब में खून आना
- सांस लेने में तकलीफ
डेंगू के गंभीर मामलों में ICU और विशेष निगरानी की आवश्यकता होती है। Paras Health पर 24x7 आपातकालीन डेंगू देखभाल उपलब्ध है।
महत्वपूर्ण सलाह (Important Tips)
- डेंगू को कभी भी हल्के में न लें।
- बुखार को खुद से दवा लेकर दबाने की बजाय डॉक्टर से उचित जांच कराएं।
- समय पर डेंगू टेस्ट करवाना प्लेटलेट्स की गिरावट को रोकने में मदद करता है।
- घरेलू नुस्खे केवल सपोर्टिव होते हैं; डॉक्टर की सलाह ही सर्वोत्तम है।
- डेंगू के मरीज को हमेशा हाइड्रेट रखें।
- प्लेटलेट्स गिरने पर स्वयं दवा या घरेलू इलाज से बचें।
- Paras Health पर अनुभवी स्पेशलिस्ट की निगरानी में सम्पूर्ण डेंगू ट्रीटमेंट मिलता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
डेंगू बुखार एक गंभीर लेकिन पूरी तरह से नियंत्रित की जाने वाली बीमारी है। सही समय पर डेंगू के लक्षण पहचानना, जांच करवाना और डॉक्टर की सलाह अनुसार इलाज करवाना सबसे महत्वपूर्ण है। मच्छरों से बचाव के उपाय अपनाकर डेंगू के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
Paras Health पर आपको डेंगू से संबंधित:
- एडवांस टेस्टिंग,
- अनुभवी स्पेशलिस्ट डॉक्टर,
- ICU निगरानी सुविधा,
- और 24x7 इमरजेंसी सेवा उपलब्ध है।
अगर लक्षण दिखें तो समय बर्बाद न करें — तुरंत परास हेल्थ के डेंगू स्पेशलिस्ट से संपर्क करें।
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डेंगू बुखार से जुड़े आम सवाल-जवाब (Frequently Asked Questions on Dengue Fever)
डेंगू बुखार के शुरुआती लक्षण क्या होते हैं?
डेंगू के शुरुआती लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, कमजोरी, रैशेज़ और उल्टी शामिल हैं। अगर ये लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
डेंगू में प्लेटलेट्स कितने गिर सकते हैं?
सामान्यतः प्लेटलेट्स 1.5 लाख से 4.5 लाख के बीच होते हैं। डेंगू में प्लेटलेट्स 20,000 से भी कम जा सकते हैं, जो खतरनाक स्थिति मानी जाती है।
डेंगू बुखार कितने दिन तक रहता है?
हल्के मामलों में डेंगू 7-10 दिनों में ठीक हो जाता है। गंभीर मामलों में प्लेटलेट्स सामान्य होने और पूरी रिकवरी में थोड़ा अधिक समय लग सकता है।
डेंगू का टेस्ट कब करवाना चाहिए?
अगर बुखार 2-3 दिन से बना हो और साथ में शरीर दर्द, रैशेज़, उल्टी या कमजोरी दिखे तो तुरंत डेंगू टेस्ट कराना चाहिए। शुरुआती 5 दिन में NS1 Antigen टेस्ट और बाद में IgM/IgG एंटीबॉडी टेस्ट कराए जाते हैं।
डेंगू का इलाज कैसे होता है?
डेंगू का इलाज लक्षणों को नियंत्रित कर के किया जाता है। डॉक्टर की सलाह अनुसार दवा दी जाती है, हाइड्रेशन का खास ध्यान रखा जाता है। गंभीर मामलों में ICU में निगरानी, प्लेटलेट्स ट्रांसफ्यूजन और IV Fluids दिए जाते हैं।
डेंगू में क्या खाना चाहिए?
डेंगू के मरीज को नारियल पानी, पपीते के पत्तों का रस, अनार, संतरा, कीवी, गिलोय का काढ़ा, सुपाच्य भोजन और भरपूर तरल पदार्थ लेने की सलाह दी जाती है।
डेंगू में किन चीजों से बचना चाहिए?
मसालेदार, तैलीय भोजन, फास्ट फूड, कैफीन, एल्कोहल और जंक फूड से बचें। एस्पिरिन या आईबुप्रोफेन जैसी दवाइयाँ डॉक्टर की सलाह के बिना न लें।
डेंगू मच्छर कब काटता है?
डेंगू फैलाने वाला एडिस एजिप्टी मच्छर दिन के समय (सुबह और शाम) अधिक सक्रिय रहता है।
डेंगू से बचाव कैसे करें?
पानी जमा न होने दें, मच्छरदानी का प्रयोग करें, पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें, मच्छर भगाने वाली क्रीम लगाएं और आसपास साफ-सफाई बनाए रखें।
क्या डेंगू जानलेवा हो सकता है?
हां, अगर समय पर इलाज न हो और प्लेटलेट्स तेजी से गिरें तो डेंगू खतरनाक हो सकता है। इसलिए लक्षण दिखते ही डॉक्टर से मिलना जरूरी है।
डेंगू के लिए किस डॉक्टर से मिलना चाहिए?
डेंगू के इलाज के लिए Infectious Disease Specialist, Internal Medicine Specialist और ICU Care Specialist से मिलना चाहिए। Paras Health में डेंगू के इलाज के लिए पूरी टीम उपलब्ध है।
