बार-बार बुखार आना: कारण और सेहत पर खतरे
Sep 10, 2025
बुखार हमारे शरीर का एक प्राकृतिक रक्षा तंत्र है। जब शरीर किसी संक्रमण या बीमारी से लड़ रहा होता है, तो शरीर का तापमान बढ़ जाता है। लेकिन अगर किसी व्यक्ति को बार-बार बुखार आना शुरू हो जाए, तो यह सामान्य नहीं है। यह किसी छिपी हुई बीमारी या संक्रमण का संकेत हो सकता है।
इस ब्लॉग में हम जानेंगे – बार-बार बुखार आने के कारण, इसके खतरों, बचाव, इलाज और जरूरी जानकारियों के बारे में।
बार-बार बुखार आना क्या है?
सामान्य तौर पर शरीर का तापमान 98.6°F (37°C) के आसपास होता है। अगर तापमान 100.4°F (38°C) से ऊपर जाता है, तो इसे बुखार माना जाता है।
- लगातार बुखार मतलब लगातार कई दिनों तक तापमान बढ़ना।
- बार-बार बुखार का अर्थ है कि व्यक्ति को छोटे-छोटे अंतराल में बार-बार बुखार हो रहा है।
यह समस्या बच्चों, बड़ों और गर्भवती महिलाओं में अलग-अलग कारणों से हो सकती है।
बार-बार बुखार आने के सामान्य कारण
- संक्रमण (Infections)
- वायरल संक्रमण: डेंगू, मलेरिया, फ्लू, चिकनगुनिया और कोविड-19।
- बैक्टीरियल संक्रमण: टाइफॉइड, टीबी (क्षय रोग), न्यूमोनिया, यूरिन इन्फेक्शन।
- पैरासाइटिक संक्रमण: मलेरिया सबसे बड़ा कारण है, खासकर भारत में।
- ऑटोइम्यून बीमारियाँ
- रूमेटाइड आर्थराइटिस, ल्यूपस जैसी बीमारियों में शरीर की इम्यूनिटी खुद ही अपने अंगों पर हमला करती है, जिससे बार-बार बुखार आता है।
- क्रॉनिक बीमारियाँ
- कैंसर से जुड़ा बुखार (लीकेमिया, लिंफोमा)।
- एचआईवी/एड्स और हेपेटाइटिस जैसी बीमारियाँ।
- लाइफस्टाइल और पर्यावरण कारण
- बार-बार संक्रमण वाले माहौल में रहना।
- साफ पानी और खाने की कमी।
- तनाव और कमजोर इम्युनिटी।
बच्चों बनाम बड़ों में बार-बार बुखार
- बच्चों में: वायरल इन्फेक्शन, गले या कान का इंफेक्शन, या गंदे पानी/खाने से संक्रमण।
- बड़ों में: बार-बार बुखार अक्सर क्रॉनिक बीमारियों, टीबी, या इम्यून सिस्टम की कमजोरी से जुड़ा होता है।
बार-बार बुखार से होने वाले खतरे
बार-बार बुखार को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। इसके कुछ जोखिम हैं:
- डिहाइड्रेशन (पानी की कमी)।
- कमजोर इम्युनिटी, जिससे बार-बार संक्रमण।
- वजन कम होना और थकान।
- सेप्टीसीमिया (खून का इंफेक्शन)।
- गंभीर मामलों में अंगों को नुकसान।
कब डॉक्टर को दिखाना जरूरी है?
- अगर बुखार 7 दिन से ज्यादा रहे।
- अगर बुखार के साथ रात को पसीना, वजन कम होना, या थकान हो।
- अगर बुखार बार-बार बच्चों या गर्भवती महिला को हो।
- अगर तापमान 103°F (39.5°C) से ज्यादा हो।
बार-बार बुखार की जांच (Diagnosis)
डॉक्टर आमतौर पर यह टेस्ट करवा सकते हैं:
- ब्लड टेस्ट (CBC, ESR, CRP): इंफेक्शन या सूजन का पता लगाने के लिए।
- यूरिन टेस्ट: यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के लिए।
- एक्स-रे: टीबी या न्यूमोनिया की जांच के लिए।
- विशेष टेस्ट: मलेरिया, डेंगू, टाइफॉइड।
बार-बार बुखार का इलाज
इलाज का तरीका कारण पर निर्भर करता है:
- एंटीबायोटिक्स या एंटीवायरल दवाएँ: संक्रमण के लिए।
- ऑटोइम्यून बीमारियों के लिए: इम्यूनोसप्रेसिव दवाएँ।
- लाइफस्टाइल सुधार: साफ पानी, पौष्टिक भोजन, आराम और तनाव कम करना।
- गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती भी जरूरी हो सकता है।
ध्यान रखें: खुद से दवा लेना खतरनाक हो सकता है। हमेशा डॉक्टर से परामर्श लें।
बार-बार बुखार से बचाव के तरीके
- हमेशा साफ पानी पिएं और खाने को ढककर रखें।
- हाथ धोने की आदत डालें।
- समय पर टीकाकरण करवाएं (टाइफॉइड, फ्लू, COVID-19 आदि)।
- इम्युनिटी बढ़ाने के लिए संतुलित आहार लें।
- संक्रमण वाले क्षेत्रों से बचें।
Key Facts (लोकप्रिय संस्थाओं से)
- WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के अनुसार, बुखार दुनिया की सबसे आम बीमारियों का लक्षण है।
- UNICEF बताता है कि 5 साल से कम उम्र के बच्चों में मलेरिया और न्यूमोनिया से बुखार सबसे बड़ा कारण है।
- CDC (USA) चेतावनी देता है कि लगातार बुखार डेंगू, मलेरिया और टीबी जैसी गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है।
- ICMR (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) कहता है कि भारत में हर साल लाखों लोग बार-बार बुखार की वजह से अस्पताल जाते हैं।
Sources
- World Health Organization (WHO)
Fever and infectious diseases overview
https://www.who.int/news-room/fact-sheets - Centers for Disease Control and Prevention (CDC, USA)
Information on fever, infections like malaria, dengue, TB
https://www.cdc.gov/fever
https://www.cdc.gov/malaria - UNICEF
Child health and recurrent fever causes in children (pneumonia, malaria, infections)
https://www.unicef.org/health - Indian Council of Medical Research (ICMR)
Epidemiology of fever, dengue, malaria, typhoid in India
https://main.icmr.nic.in - National Center for Biotechnology Information (NCBI)
Research articles on recurrent fever and its health risks
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/
निष्कर्ष
बार-बार बुखार आना सिर्फ एक सामान्य समस्या नहीं है, बल्कि यह आपके शरीर का चेतावनी संकेत है। हल्का वायरल बुखार आम हो सकता है, लेकिन लगातार या बार-बार बुखार को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। समय रहते जांच और इलाज करवाने से गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।
अगर आपको या आपके बच्चे को बार-बार बुखार आ रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
(FAQs)
बार-बार बुखार क्यों आता है?
यह वायरल, बैक्टीरियल, मलेरिया, टीबी या ऑटोइम्यून बीमारियों के कारण हो सकता है।
क्या बार-बार बुखार गंभीर बीमारी का लक्षण है?
हाँ, कभी-कभी यह टीबी, कैंसर या HIV जैसी गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है।
बच्चों में बार-बार बुखार क्यों होता है?
गले/कान का इंफेक्शन, वायरल इन्फेक्शन और साफ-सफाई की कमी बच्चों में आम कारण हैं।
बार-बार बुखार कब खतरनाक होता है?
अगर यह 7 दिन से ज्यादा रहे, तेज बुखार हो या इसके साथ वजन कम होना और थकान हो।
क्या कैंसर से बार-बार बुखार हो सकता है?
हाँ, लीकेमिया और लिंफोमा जैसे कैंसर में बुखार एक सामान्य लक्षण है।
बार-बार बुखार की जांच कैसे होती है?
ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट, एक्स-रे और मलेरिया, डेंगू, टाइफॉइड के टेस्ट से।
बार-बार बुखार को नजरअंदाज करने से क्या खतरे हैं?
डिहाइड्रेशन, इम्युनिटी कमजोर होना, सेप्सिस और अंगों को नुकसान।
बार-बार बुखार होने पर किस डॉक्टर को दिखाएं?
शुरुआत में जनरल फिजिशियन, और जरूरत पड़ने पर इंफेक्शन स्पेशलिस्ट, रूमेटोलॉजिस्ट या ऑन्कोलॉजिस्ट।
बार-बार बुखार से बचाव कैसे करें?
हाइजीन, साफ पानी, टीकाकरण और पौष्टिक भोजन से।
बार-बार बुखार का घरेलू इलाज क्या है?
आराम करें, हल्का खाना खाएं, पर्याप्त पानी पिएं और ठंडी पट्टी लगाएं। लेकिन डॉक्टर की सलाह जरूरी है।
