मूत्र क्रिएटिनिन (Mootra Creatinine): किडनी की सेहत का सबसे भरोसेमंद पैमाना
Nov 1, 2025
डॉक्टर: “देखिए, मूत्र क्रिएटिनिन एक बहुत ज़रूरी टेस्ट है जो हमें आपकी किडनी की स्थिति के बारे में सटीक जानकारी देता है। बहुत से लोग इस नाम को सुनकर घबरा जाते हैं, लेकिन यह वास्तव में एक सरल और जरूरी जांच है।”
आइए इसे आसान भाषा में समझें — मूत्र क्रिएटिनिन क्या होता है, यह क्यों बढ़ता या घटता है, इसका सामान्य स्तर कितना होना चाहिए, और इसे कैसे नियंत्रित किया जा सकता है।
मूत्र क्रिएटिनिन क्या है? (Mootra Creatinine Kya Hai)
हमारे शरीर की हर मांसपेशी (muscle) हर दिन काम करती है — चलना, उठना, सांस लेना, और यहां तक कि नींद में भी शरीर ऊर्जा बनाता है। जब मांसपेशियाँ ऊर्जा बनाती हैं, तब एक अपशिष्ट पदार्थ (waste product) बनता है — क्रिएटिनिन (Creatinine)।
यह क्रिएटिनिन हमारे खून में प्रवेश करता है, और फिर किडनी (गुर्दे) इसे फ़िल्टर कर के मूत्र (Urine) के ज़रिए शरीर से बाहर निकाल देती हैं। अगर किडनी ठीक से काम नहीं कर रही, तो यह क्रिएटिनिन शरीर में जमा होने लगता है। इसलिए, मूत्र क्रिएटिनिन टेस्ट (Mootra Creatinine Test) किडनी की कार्यक्षमता जांचने के लिए बहुत अहम माना जाता है।
मूत्र क्रिएटिनिन टेस्ट क्यों करवाया जाता है? (Mootra Creatinine Test Kyon Zaroori Hai)
डॉक्टर: “जब हमें यह देखना होता है कि आपकी किडनी रक्त से वेस्ट पदार्थ कितनी कुशलता से निकाल रही है, तब यह टेस्ट किया जाता है।”
यह जांच कई परिस्थितियों में की जाती है:
- जब ब्लड क्रिएटिनिन लेवल असामान्य आता है।
- डायबिटीज़ (Diabetes) या हाई ब्लड प्रेशर (High BP) वाले मरीजों में।
- जब किडनी रोग का संदेह हो।
- किसी दवा (जैसे painkillers, steroids या BP medicines) के असर को मॉनिटर करने के लिए।
- जब पेशाब की मात्रा या रंग में बदलाव दिखे।
- या शरीर में सूजन, थकान, मतली या पेशाब की कमी जैसे लक्षण दिखाई दें।
यह टेस्ट डॉक्टर को बताता है कि आपकी किडनी अपने फ़िल्टरिंग काम को कितना प्रभावी रूप से कर रही है।
मूत्र क्रिएटिनिन का सामान्य स्तर (Mootra Creatinine Normal Range)
मूत्र क्रिएटिनिन की सामान्य मात्रा उम्र, लिंग, डाइट और मसल मास पर निर्भर करती है। आमतौर पर:
- पुरुषों में: 955 से 2936 mg प्रति 24 घंटे
- महिलाओं में: 601 से 1689 mg प्रति 24 घंटे
अगर आपकी रिपोर्ट में वैल्यू इससे ज़्यादा या कम आती है, तो यह संकेत है कि किडनी के काम में असंतुलन हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर आगे की जांच जैसे Creatinine Clearance Test या KFT (Kidney Function Test) करने की सलाह देते हैं।
मूत्र क्रिएटिनिन बढ़ने के कारण (Mootra Creatinine Badhne Ke Karan)
डॉक्टर: “मूत्र में क्रिएटिनिन बढ़ना हमेशा खतरनाक नहीं होता, लेकिन यह एक चेतावनी ज़रूर है कि किडनी पर ज़्यादा दबाव है या शरीर में पानी की कमी है।”
संभावित कारण:
- पानी की कमी (Dehydration): पर्याप्त पानी न पीने से रक्त गाढ़ा हो जाता है और किडनी को फ़िल्टर करने में कठिनाई होती है।
- High Protein Diet: बहुत अधिक प्रोटीन वाले आहार से क्रिएटिनिन स्तर अस्थायी रूप से बढ़ सकता है।
- ज्यादा व्यायाम (Over-exercising): मसल्स का ज़्यादा इस्तेमाल होने से क्रिएटिनिन का उत्पादन बढ़ता है।
- किडनी रोग: जब किडनी ठीक से वेस्ट पदार्थ नहीं निकाल पा रही, तब यह स्तर बढ़ जाता है।
- कुछ दवाइयाँ: Painkillers, antibiotics या BP की दवाइयाँ भी किडनी पर असर डालती हैं।
मूत्र क्रिएटिनिन कम होने के कारण (Mootra Creatinine Kam Hone Ke Karan)
कम मूत्र क्रिएटिनिन का मतलब है कि या तो मसल्स कम हैं या शरीर में पोषक तत्वों की कमी है।
मुख्य कारण:
- Malnutrition (पोषण की कमी): पर्याप्त प्रोटीन या ऊर्जा न लेना।
- Low Muscle Mass: बुज़ुर्गों या लंबे समय से बीमार लोगों में आम।
- Pregnancy: गर्भावस्था में हार्मोनल बदलावों से यह स्तर कम रह सकता है।
- Liver Disorder: लीवर की कार्यक्षमता घटने से क्रिएटिनिन का उत्पादन कम हो जाता है।
- Overhydration: बहुत ज़्यादा पानी पीने से मूत्र पतला हो जाता है।
मूत्र क्रिएटिनिन असामान्य होने के लक्षण (Mootra Creatinine Ke Lakshan)
मरीजों में कुछ सामान्य संकेत देखे जा सकते हैं:
- बार-बार पेशाब आना या बहुत कम पेशाब आना
- झागदार या गाढ़ा मूत्र
- चेहरे, पैरों या आंखों के नीचे सूजन
- थकान, कमजोरी या सांस लेने में तकलीफ
- भूख में कमी या मतली
ऐसे लक्षणों पर ध्यान देना ज़रूरी है क्योंकि ये किडनी रोग का शुरुआती संकेत हो सकते हैं।
मूत्र क्रिएटिनिन टेस्ट कैसे किया जाता है? (Mootra Creatinine Test Kaise Kiya Jata Hai)
यह एक 24 घंटे का मूत्र संग्रह (24-hour Urine Sample Test) होता है। डॉक्टर: “इसमें कोई दर्द नहीं होता, बस थोड़ी सावधानी और धैर्य की जरूरत होती है।”
प्रक्रिया
- सुबह का पहला मूत्र त्याग दें।
- अगले 24 घंटे तक हर बार का मूत्र एक कंटेनर में इकट्ठा करें।
- सैंपल को ठंडी जगह (फ्रिज में) रखें।
- 24 घंटे पूरे होने के बाद कंटेनर लैब में दें।
टेस्ट से पहले की तैयारी
- टेस्ट से एक दिन पहले भारी व्यायाम, शराब या प्रोटीन सप्लीमेंट से परहेज़ करें।
- पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं।
- अपनी सभी दवाओं की जानकारी डॉक्टर को दें।
- टेस्ट की कीमत (Mootra Creatinine Test Cost):
भारत में यह जांच लगभग ₹200 से ₹600 के बीच होती है।
मूत्र क्रिएटिनिन और किडनी का संबंध (Mootra Creatinine Aur Kidney Ka Sambandh)
किडनी का मुख्य काम है — रक्त से वेस्ट पदार्थ निकालना। अगर blood creatinine बढ़ा हुआ है और urine creatinine घटा हुआ है, तो इसका मतलब है कि किडनी फिल्टरिंग सही से नहीं कर पा रही।
डॉक्टर कई बार Creatinine Clearance Test करते हैं ताकि यह पता चले कि आपकी किडनी हर मिनट कितना ब्लड साफ कर रही है — इसे GFR (Glomerular Filtration Rate) कहा जाता है। GFR का घट जाना किडनी की कार्यक्षमता घटने का संकेत है।
मूत्र क्रिएटिनिन का इलाज (Mootra Creatinine Ka Ilaj)
इलाज पूरी तरह इस बात पर निर्भर करता है कि समस्या का कारण क्या है। अगर कारण डिहाइड्रेशन है, तो डॉक्टर fluid intake बढ़ाने की सलाह देंगे। अगर किडनी कमजोर हो रही है, तो diet, lifestyle और medication की मदद से स्थिति संभाली जा सकती है।
डॉक्टर द्वारा सुझाए गए उपाय
- Hydration रखें: दिन में 8–10 गिलास पानी पिएं।
- Salt और Protein Intake कम करें।
- Smoking और Alcohol छोड़ें।
- Blood Pressure और Sugar Level को कंट्रोल में रखें।
- Balanced Diet लें जिसमें फल, हरी सब्जियाँ और whole grains शामिल हों।
मूत्र क्रिएटिनिन कम करने के घरेलू उपाय (Mootra Creatinine Kam Karne Ke Gharelu Upay)
- नींबू पानी (Nimboo Pani): डिटॉक्स में मदद करता है और किडनी को साफ रखता है।
- नारियल पानी (Nariyal Pani): Potassium से भरपूर, शरीर को हाइड्रेट रखता है।
- तुलसी का रस (Tulsi Juice): किडनी को प्राकृतिक रूप से मजबूत करता है।
- गिलोय काढ़ा: इम्युनिटी बढ़ाता है और टॉक्सिन बाहर निकालता है।
- मेथी दाना पानी: सुबह खाली पेट पीने से किडनी की सफाई में मदद मिलती है।
(इन उपायों का उपयोग डॉक्टर की सलाह के साथ करें, ये उपचार नहीं बल्कि सहायक हैं।)
कब डॉक्टर से मिलना चाहिए (When To See a Doctor)
अगर आपकी रिपोर्ट में बार-बार मूत्र क्रिएटिनिन की वैल्यू असामान्य आ रही है, या आपको नीचे दिए गए लक्षण दिख रहे हैं:
- पेशाब में झाग, दर्द या रंग बदलना
- शरीर में सूजन
- लगातार थकान या कमजोरी
- ब्लड प्रेशर का बढ़ना
तो तुरंत नेफ्रोलॉजिस्ट (Nephrologist) या जनरल फिजिशियन से सलाह लें।
निष्कर्ष (Conclusion)
डॉक्टर: “मूत्र क्रिएटिनिन टेस्ट किडनी के कामकाज का एक आईना है। इससे हम जल्दी समस्या पहचान सकते हैं और समय रहते इलाज शुरू कर सकते हैं। बस पानी पर्याप्त मात्रा में पीजिए, डाइट का ध्यान रखिए और समय-समय पर टेस्ट करवाइए — आपकी किडनी लंबे समय तक स्वस्थ रहेंगी।”
FAQ's
मूत्र क्रिएटिनिन टेस्ट क्यों करवाया जाता है?
यह टेस्ट किडनी की कार्यक्षमता जानने के लिए किया जाता है। इससे पता चलता है कि किडनी रक्त से वेस्ट पदार्थ सही तरीके से बाहर निकाल रही है या नहीं।
मूत्र क्रिएटिनिन का सामान्य स्तर कितना होता है?
पुरुषों में 955–2936 mg और महिलाओं में 601–1689 mg प्रति 24 घंटे सामान्य माना जाता है। यह उम्र, वजन और डाइट पर निर्भर करता है।
मूत्र क्रिएटिनिन बढ़ने के मुख्य कारण क्या हैं?
पानी की कमी, ज़्यादा प्रोटीन लेना, भारी एक्सरसाइज़ या किडनी की कमजोरी के कारण क्रिएटिनिन बढ़ सकता है।
मूत्र क्रिएटिनिन कम होने के कारण क्या हैं?
पोषण की कमी, कम मसल्स मास, लीवर की समस्या या गर्भावस्था में यह स्तर घट सकता है।
मूत्र क्रिएटिनिन टेस्ट कैसे किया जाता है?
यह 24 घंटे के मूत्र सैंपल पर आधारित जांच है। मरीज एक दिन का पूरा मूत्र इकट्ठा कर लैब में देता है।
मूत्र क्रिएटिनिन टेस्ट की कीमत कितनी होती है?
भारत में यह टेस्ट ₹200 से ₹600 के बीच होता है। कीमत लैब और शहर पर निर्भर करती है।
मूत्र क्रिएटिनिन कैसे घटाएं?
पर्याप्त पानी पिएं, नमक और प्रोटीन का सेवन कम करें, और डॉक्टर की बताई दवाइयाँ नियमित लें।
क्या ज्यादा पानी पीने से क्रिएटिनिन कम होता है?
हाँ, शरीर में पर्याप्त हाइड्रेशन रहने से किडनी बेहतर फ़िल्टरिंग करती है और क्रिएटिनिन स्तर संतुलित रहता है।
किडनी की सेहत के लिए क्या खाएं?
फल, सब्जियाँ, नींबू पानी, नारियल पानी और कम नमक वाला भोजन किडनी को स्वस्थ रखते हैं।
किडनी को हेल्दी रखने के लिए क्या करें?
समय-समय पर किडनी टेस्ट करवाएं, धूम्रपान और शराब से बचें, तनाव कम रखें और पर्याप्त नींद लें।

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