चक्कर आना (Dizziness) और वर्टिगो (Vertigo): कारण, लक्षण और घरेलू उपचार
Sep 5, 2025
क्या आपको अक्सर अचानक चक्कर आना (dizziness) महसूस होता है? या कभी ऐसा लगता है कि चारों तरफ सब घूम रहा है? इसे ही आम भाषा में वर्टिगो (Vertigo) कहा जाता है।
ध्यान दें: वर्टिगो कोई बीमारी नहीं, बल्कि एक लक्षण (symptom) है, जो अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हो सकता है।
इस ब्लॉग में हम समझेंगे –
चक्कर आने के कारण, वर्टिगो के लक्षण, आसान घरेलू उपचार और कब डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है।
चक्कर आना और वर्टिगो क्या है?
- चक्कर आना (Dizziness): जब आपको हल्कापन या अस्थिरता महसूस हो।
- वर्टिगो (Vertigo): जब आपको लगे कि सब चीजें घूम रही हैं या आप खुद घूम रहे हैं।
यह समस्या कभी-कभी कुछ सेकंड रहती है, तो कभी घंटों या दिनों तक भी परेशान कर सकती है।
चक्कर आने और वर्टिगो के आम कारण (Detailed Causes of Dizziness & Vertigo)
कान से जुड़े कारण (Ear-related Causes)
हमारे भीतरी कान (inner ear) में एक विशेष सिस्टम होता है जिसे वेस्टिब्युलर सिस्टम कहते हैं। यह हमारे संतुलन (balance) को नियंत्रित करता है।
- कान में संक्रमण: वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन कान के अंदर सूजन पैदा कर सकता है, जिससे अचानक चक्कर आते हैं।
- भीतरी कान का असंतुलन: यदि कान में तरल पदार्थ का स्तर बदल जाए या नसों पर दबाव बने तो व्यक्ति को बार-बार वर्टिगो महसूस होता है।
- मेनिएर्स रोग (Meniere’s Disease): यह एक दीर्घकालिक स्थिति है जिसमें कान में तरल पदार्थ जमा हो जाता है। इसके कारण चक्कर, कान बजना (tinnitus), और सुनने की क्षमता कम होना शामिल है।
ब्लड प्रेशर (Blood Pressure)
- लो ब्लड प्रेशर (Low BP): अचानक खड़े होने पर BP गिर जाता है जिससे postural hypotension होता है और चक्कर आते हैं।
- हाई ब्लड प्रेशर (High BP): लगातार हाई BP से भी दिमाग की रक्त आपूर्ति प्रभावित होती है और dizziness महसूस हो सकता है।
डिहाइड्रेशन (पानी की कमी)
- शरीर में पानी की कमी या पसीने के जरिए ज़्यादा फ्लूइड निकलने से इलेक्ट्रोलाइट्स (सोडियम, पोटैशियम) का असंतुलन होता है।
- यह असंतुलन दिमाग तक सही मात्रा में ऑक्सीजन और ब्लड फ्लो पहुंचने से रोकता है, जिससे अचानक चक्कर आ जाते हैं।
विटामिन और मिनरल की कमी (Vitamin & Mineral Deficiency)
- विटामिन B12 की कमी: नसों की कार्यप्रणाली कमजोर हो जाती है जिससे संतुलन बिगड़ता है।
- आयरन की कमी (Anemia): खून में ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता घट जाती है, जिससे थकान और dizziness होता है।
- मैग्नीशियम की कमी: यह मांसपेशियों और नसों के कामकाज को प्रभावित करता है।
दवाइयों के साइड इफेक्ट (Side Effects of Medicines)
कुछ दवाइयाँ शरीर में ब्लड फ्लो और नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती हैं।
- ब्लड प्रेशर की दवाइयाँ (Antihypertensives): BP तेजी से गिरने पर चक्कर आते हैं।
- एंटी-डिप्रेशन और एंटी-एंग्ज़ायटी दवाइयाँ: इनके साइड इफेक्ट के रूप में dizziness सामान्य है।
- Antibiotics और Sedatives: कुछ मामलों में यह भी वर्टिगो पैदा कर सकते हैं।
न्यूरोलॉजिकल कारण (Neurological Causes)
- माइग्रेन: जिन लोगों को बार-बार माइग्रेन होता है, उन्हें वर्टिगो भी हो सकता है। इसे vestibular migraine कहते हैं।
- स्ट्रोक (Stroke): स्ट्रोक होने पर दिमाग के बैलेंस सेंटर प्रभावित हो जाते हैं जिससे तेज़ चक्कर आते हैं।
- नसों की बीमारी: Multiple Sclerosis जैसी neurological conditions में भी dizziness एक सामान्य लक्षण है।
अन्य कारण (Other Common Causes)
- थकान और तनाव: मानसिक और शारीरिक थकान से शरीर असंतुलित महसूस करता है।
- नींद की कमी: पर्याप्त नींद न मिलने से nervous system सही काम नहीं करता और dizziness होता है।
- Postural Hypotension: अचानक खड़े होने या लेटने से BP गिरता है और तुरंत चक्कर आने लगते हैं।
- Lifestyle Factors: ज्यादा अल्कोहल, धूम्रपान और कैफीन भी कारण हो सकते हैं।
वर्टिगो के लक्षण (Symptoms of Vertigo)
- बार-बार चक्कर आना
- संतुलन खोना या लड़खड़ाना
- उल्टी या मितली आना
- कानों में घंटी बजना (Tinnitus)
- सिर भारी लगना
- आंखों के सामने धुंधलापन
घरेलू उपचार (Home Remedies for Vertigo and Dizziness)
ध्यान रहे: अगर लक्षण लंबे समय तक बने रहें तो डॉक्टर से ज़रूर मिलें। घरेलू उपाय सिर्फ शुरुआती या हल्की समस्या में मददगार हैं।
- अदरक (Ginger): अदरक की चाय दिन में 1–2 बार लें, मितली और चक्कर कम होते हैं।
- हाइड्रेशन: दिनभर पर्याप्त पानी पिएं, नारियल पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स शामिल करें।
- तुलसी और नींबू पानी: तुलसी की पत्तियाँ और नींबू पानी शरीर को तरोताज़ा रखते हैं।
- ब्राह्मी और अश्वगंधा: तनाव और मानसिक थकान कम करने में मददगार।
- संतुलित आहार: विटामिन B12, आयरन और मैग्नीशियम से भरपूर आहार लें – जैसे दालें, पालक, दूध, अंडे।
- पर्याप्त नींद: रोज़ाना 7–8 घंटे सोएं।
- Epley Maneuver Exercise: कान से जुड़े वर्टिगो में यह एक्सरसाइज़ उपयोगी है (डॉक्टर की सलाह से करें)।
कब डॉक्टर से संपर्क करें?
- अचानक तेज़ चक्कर आना
- बार-बार गिरने या संतुलन बिगड़ने की स्थिति
- लगातार उल्टी होना
- बोलने या चलने में कठिनाई
- शरीर के किसी हिस्से में सुन्नपन
- स्ट्रोक जैसे लक्षण दिखना
वर्टिगो से बचाव के उपाय
- अचानक उठने-बैठने से बचें
- अल्कोहल और धूम्रपान कम करें
- हेल्दी और संतुलित डाइट लें
- नियमित एक्सरसाइज़ और योग करें
- तनाव और चिंता कम करें
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
चक्कर आने का सबसे बड़ा कारण क्या है?
लो BP, कान की बीमारी और डिहाइड्रेशन सबसे आम कारण हैं।
क्या वर्टिगो कोई गंभीर बीमारी है?
यह खुद बीमारी नहीं, बल्कि लक्षण है। लेकिन बार-बार होने पर जांच ज़रूरी है।
चक्कर आने पर तुरंत क्या करें?
बैठ जाएं या लेट जाएं, पानी पिएं और गहरी सांस लें।
क्या बच्चों में वर्टिगो हो सकता है?
हां, लेकिन कम मामलों में। डॉक्टर से सलाह लें।
क्या वर्टिगो का इलाज संभव है?
हां, सही दवाइयाँ, एक्सरसाइज़ और आहार से।
क्या माइग्रेन और वर्टिगो जुड़े हैं?
हां, कुछ मरीजों में माइग्रेन के साथ वर्टिगो भी होता है।
क्या घरेलू नुस्खे मदद करते हैं?
हां, अदरक, तुलसी, नींबू पानी जैसे नुस्खे असरदार हो सकते हैं।
वर्टिगो का असर कितने दिन तक रहता है?
कुछ मिनट से लेकर कई दिनों तक, कारण पर निर्भर करता है।
क्या चक्कर आने पर गाड़ी चलाना सुरक्षित है?
नहीं, बिल्कुल नहीं। पहले आराम करें।
वर्टिगो से बचने के लिए क्या डाइट लें?
हरी सब्ज़ियाँ, फल, दालें, दूध और विटामिन B12 से भरपूर चीजें।
चक्कर आना और वर्टिगो (Dizziness & Vertigo) एक आम समस्या है, लेकिन इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। शुरुआती स्तर पर पानी पीना, संतुलित आहार, पर्याप्त नींद और अदरक जैसे घरेलू उपाय मददगार होते हैं।
लेकिन अगर लक्षण बार-बार हों या बढ़ते जाएं, तो तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें। समय पर पहचान और इलाज से आप जल्दी ठीक हो सकते हैं।
