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Press Coverage

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Apr 25, 2022

पारस में हार्ट फेलीयर एंड एरिथमिया क्लिनिक लांच

पारस में हार्ट फेलीयर एंड एरिथमिया क्लिनिक लांच
  • बिहार में पहली बार हार्ट फेलीयर एंड एरिथमिया क्लिनिक लांच की गयी, इसका शुभारम्भ डाॅ. एस.एन. आर्या और डाॅ. ए.ए. हई ने किया
  • हाॅस्पिटल के कार्डियोलाॅजी , हार्ट फेलीयर एंड एरिथमिया क्लिनिक के डायरेक्र डाॅ. यू.सी. सामल ने कहा हार्ट फेल्योर से तुरंत मौत की स्थिति नहीं, ऐसे मरीजों को क्लिनिक में इलाज कर बचाया जा सकता है

पटना, 17 नवम्बर, 2017 । पारस एचएमआरआई सुपर स्पेशिलिटी हाॅस्पिटल राजा बाजार, पटना में शनिवार 18 नवम्बर को हार्ट फेलीयर एंड एरिथमिया क्लिनिक लांच की गयी। इसका शुभारम्भ बिहार के जाने-माने डाॅ. एस.एन. आर्या और डाॅ. ए.ए. हई ने किया। यह बिहार की पहली हार्ट फेलीयर एंड एरिथमिया इस क्लिनिक को खोलने का उद्देश्य हार्ट फेलीयर एवं हार्ट की धड़कन (एरिथमिया) बढ़ने से बिहार में हो रही लोगों की मौत को रोकना है। इस मौके पर कार्डियोलाॅजी, हार्ट फेलीयर एंड एरिथमिया क्लिनिक के डायरेक्टर डाॅ. यू.सी. सामल ने कहा कि हार्ट की बीमारी कई वजह से होती है और इसके अंत में हार्ट फेलीयर की स्थिति पैदा होती है। हार्ट फेलीयर से तुरंत मौत नहीं होती है, लेकिन मरीजों के काम करने की क्षमता घट जाती है तथा गुणवत्तापूर्ण जीवन में कमी आना शुरू हो जाता है।

हार्ट फेलीयर के लक्षण के बारे में डाॅ.सामल ने कहा कि इसमें मरीजों का दम फूलने लगता है, पैर फूल जाता है और काम करने का मन नहीं करता है। ये सब स्थितियां पैदा होने के बाद मरीज की धड़कन (एरिथमिया) कम होने लगती है जिससे लकवा तथा अचानक मौत (सडेन डेथ) हो जाती है। उन्होंने कहा कि यह बिहार की पहली हार्ट फेलीयर एंड एरिथमिया क्लिनिक है। बिहार में किसी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में इस तरह की क्लिनिक नहीं थी। हार्ट फेलीयर से बचाने की जिम्मेदारी न सिर्फ हृदय रोग विशेषज्ञों पर है बल्कि बी.पी., डायबिटीज के इलाज करने वाले डाॅक्टरों की भी इसके इलाज में सहभागिता जरूरी है। तभी हार्ट फेलीयर का समुचित इलाज किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सिर्फ दवा से ही इसका इलाज नहीं होता बल्कि इस बीमारी से बचाने के लिए मरीज के शरीर में एक उपकरण सीआरटी लगाया जाता है। इसके बाद दवा बगैरह देकर मरीज को सडेन डेथ से बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बी.पी. डायबिटीज के कारण खून की पम्पिंग कम जाती है और हार्ट फेलीयर की स्थिति पैदा हो जाता है।

उन्होंने कहा कि इस क्लिनिक में हार्ट फेलीयर मरीजों का रजिस्ट्रेशन होगा तथा इससे पता चलेगा कि कितने लोगों का हार्ट फेलीयर हो चुका है। इसका डाटा भी बनाया जायेगा।

Heart Failure and Arryhthimia Clinic launched by Paras HMRI Hospital Patna

डाॅ. सामल एक ख्याति प्राप्त हृदय रोग विशेषज्ञ हैं। वह पटना मेडिकल काॅलेज के कर्डियोलाॅजी और मेडिसीन विभाग के विभागाध्यक्ष रह चुके हैं। डाॅ. सामल देष के पहले कार्डियोलाॅजी रजिस्ट्री में 5225 हार्ट फेलीयर मरीजों का आंकड़ा उपलब्ध कराया था। डाॅ. सामल 2010-11 में इंडियन काॅलेज आॅफ कार्डियोलाॅजी के अध्यक्ष रह चुके हैं। वह आईसीसी हार्ट फेलीयर फाउंडेशन के स्थायी महासचिव, कार्डियोलाॅजिकल सोसाइटी आॅफ इंडिया (सीएमआई) की गवर्निंग काउंसिल के सदस्य तथा सीएसई, बिहार के अध्यक्ष हैं। वह भारत तथा विदेश की कई मेडिकल सोसाईटी के फेलो भी रह चुके हैं।

इस मौके पर पारस हाॅस्पिटल के फैसीलिटी डायरेक्टर डाॅ. तलत हलीम ने कहा कि पारस बिहार के लोगों को मुम्बई और दिल्ली जैसी मेडिकल सुविधाएं देने को कटिबद्ध है, इसलिए हम लोग विशेष क्लिनिक की स्थापना कर रहे हैं। बिहार-झारखंड मंे हृदय रोग से पीड़ितों के इलाज के लिए हार्ट फेल्योर एंड अरिदयिया क्लिनिक लाँच की गयी है ताकि इन दोनों राज्यों के लोगों का सही इलाज किया जा सके।

क्लिनिक के शुभारम्भ के अवसर पर हृदय रोग विशेषज्ञ डाॅ. अजय सिन्हा, डाॅ. नरेन्द्र कुमार समेत हाॅस्पिटल के अन्य विभागों के डाॅक्टर भी मौजूद थे।


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