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Press Coverage

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Apr 25, 2022

हृदय के घातक ट्यूमर और नस की जटिल बीमारी पारस एचएमआरआई अस्पताल में हुआ सफल आॅपरेशन

हृदय के घातक ट्यूमर और नस की जटिल बीमारी पारस एचएमआरआई अस्पताल में हुआ सफल आॅपरेशन
  • सांस फूलने या फिर चक्कर आने की शिकायत पर डॉक्टर से मिलें
  • पारस में एक 65 वर्षीय महिला मरीज के हृदय के ट्यूमर का सफल ऑपरेशन
  • हृदय के ट्यूमर और बंद नसों का एक साथ हुआ सफल इलाज

पटना 16 अप्रैल 2018। अगर आपकी सांस फूल रही है, लेटने में दिक्कत है या फिर चक्कर आ रहा तो इसे हल्के में नहीं लें। सीधे विशेषज्ञ चिकित्सकों से मिलें। हो सकता है आपको विशेषज्ञ चिकित्सा की जरूरत हो। ऐसे ही एक मामले में पटना स्थित पारस एचएमआरआई हास्पिटल में डाॅ. खालिद इकबाल, डॉ वीरेंद्र कुमार, डाॅ. अजय सिन्हा, डाॅ. शाहीन अहमद, डाॅ. अदित्या भास्कर, डाॅ. अमरनाथ एवं डाॅ.दिनानाथ के नेतृत्व में एक 65 वर्षीय महिला का ट्यूमर एवं बंद नसों का एक साथ सफल ऑपरेशन किया गया।

डॉ वीरेंद्र कुमार ने बताया कि सहरसा की रहने वाली महिला फूल देवी की सांस फूल रही थी। उसे स्थानीय डॉक्टरों ने इलाज किया और उसे दमा का ट्रीटमेंट कर रहे थे। छह से आठ महीने तक इधर-उधर इलाज कराए जाने के बाद उसे पारस हॉस्पिटल लाया गया। पारस में कंसलटेंशन के बाद उसकी जांच की गयी और उनका एंजियोग्राफी कराया गया। इस क्रम में यह बात सामने आयी कि उसके हार्ट में ट्यूमर है। चार चैम्ंबर में एक पूरी तरह से ट्यूमर से भरा हुआ था। नस के ब्लॉकेज की बात भी सामने आयी। चैम्बर से ब्लड का फ्लो होता है। हार्ट का ट्यूमर जेली के शक्ल में आने वाली टॉफी की तरह होता है। यह टूट कर गिरता है। अगर इसका कोई अंश टूट कर ब्रेन में चला गया तो लकवा हो सकता है। चैैम्बर का ब्लड फ्लो बंद हो जाने पर अचानक मौत हो सकती है।

आॅपरेशन के दौरान डाॅ. खालिद एकबाल, डाॅ. अतुलमोहन, डाॅ. राघवेन्द्र, डाॅ. उमाशंकर एवं डाॅ. चन्दन की टीम बनाई गई। आॅपरेशन के दौरान किसी भी तरह की कोई समस्या न हो इसकी पुरी तैयारी कर ली गई। साबधानी पूर्वक हार्टलन्ग (बाइपास मशीन) पर जा कर सारे ट्यूमर को निकाला गया और एक नस जिस में रुकावट थी उसकी बाइपास सर्जरी की गई।

आॅपरेशन के मरीज को गहन चिकित्सा गृह में 48 घंटे तक रखा गया और सारे वरीय चिकित्सक ने दिन रात निगरानी बनायें रखी।

डाॅ. खालिद और वरिय आईसीयु चिकित्सक डाॅ. अतुलमोहन ने बताया की मरीज को बिना किसी दिक्कत के अगले 4-5 दिनों तक रखा गया। अब वो पुर्णतः स्वस्थ है। फूल देवी जो एक बहुत ही गरीब महिला हैं उनका इलाज पारस अस्पताल में बहुत ही न्यूनतम दर पर किया गया।


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