Apr 25, 2022
पारस, दरभंगा ने डेढ़ साल से बोलने एवं सांस लेने में तकलीफ से परेषान महिला को दिलाई राहत
- ईएनटी विषेषज्ञ डाॅ. अनुराग श्रीवास्तव ने 45 मिनट तक एमएलएस आॅपरेषन कर आवाज तंत्रिका से मांस का बड़ा टुकड़ा निकाला
- न बोल पा रही थी, न ठीक से सांस ले पा रही थी मरीज, आॅपरेषन के बाद पूर्ववत बोल रही है तथा सांस लेने में भी नहीं है तकलीफ
दरभंगा, 09 जुलाइ 17। पिछले डेढ़ साल से बोलने और सांस लेने में तकलीफ से परेषान मर्जीना खातून नामक 35 साल की मरीज को पारस ग्लोबल हाॅस्पिटल, दरभंगा में ईएनटी विभाग द्वारा आॅपरेषन कर राहत दिला दी गयी। अब वह पहले की तरह बोल रही है तथा सांस लेने में भी कोई तकलीफ नहीं है। आॅपरेषन के द्वारा आवाज तंत्रिका में जमा बड़े से सिस्ट (मांस का बड़ा टुकड़ा) को निकाल देने से बाद उसके कष्ट दूर हो गये।
आॅपरेषन करने वाले डाॅ. अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि मरीज को बोलने और सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी। उसने कई सरकारी और निजी अस्पतालों में अपना इलाज करवाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इस दौरान सिस्ट और भी बढ़ता गया और बोलने और सांस लेने में तकलीफ बढ़ती चली गयी। नौबत तो यहां तक आ गयी कि आवाज भी बदल गयी। पारस में आने के बाद उसकी विभिन्न तरह की जाँच की गयी जिसके माध्यम से यह पता चला कि उसकी आवाज तंत्रिका में बड़ा सा सिस्ट जमा है। उन्होंने कहा कि हमारे हाॅस्पिटल में इस तरह के आॅपरेषन के लिए सभी तरह के औजार और उपकरण उपलब्ध हैं, इसलिए माइक्रो लैरिंजियल (एमएलएस) आॅपरेषन 45 मिनट तक किया गया और बड़े से मांस के टुकड़े को निकाल दिया गया। उन्होंने कहा कि इस आॅपरेषन के दौरान आवाज की तंत्रिका में गड़बड़ी की आषंका व्याप्त रहती है, लेकिन आॅपरेषन सुचारू रूप से सम्पन्न हो गया। जिस मरीज की आवाज पहले कर्कष निकला करती थी, अब वह पूर्व की भांति निकल रही है तथा उसे सांस लेने में कोई तकलीफ नहीं है।
पारस हाॅस्पिटल, दरभंगा के यूनिट हेड डाॅ. आनन्द ने बताया कि हमारे हाॅस्पिटल का हर विभाग हर तरह के जरूरी उपकरण और सुविधाओं से लैस है, इसलिए हम अपने यहां आनेवाले मरीजों का समुचित इलाज कर पाते हैं।