Mar 2, 2024
पटना 24 अक्टूबर 2019 : बिहार में किसी प्राइवेट हॉस्पिटल में पहली बार पारस एचएमआरआई सुपर स्पेषिलिटी हॉस्पिटल, राजा बाजार, पटना में मरीज की जागृत अवस्था में (पूर्ण चेतना में) मस्तिष्क का ऑपरेशन कर ट्यूमर निकाला गया। जागृत अवस्था में ऑपरेशन के दौरान मरीज के विभिन्न अंगो के संचालन तथा दुष्परिणामों की जानकारी डॉक्टरों को मिलती रहती है। ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर मरीज से उसके अंगो की हरकत के बारे में पूछताछ करते रहता है। तीन साल से मिर्गी से जूझ रहे 45 वर्षीय मरीज भवेश राम कई जगह इलाज कराने के बाद पारस हॉस्पिटल आया तो जांच में पता चला कि मस्तिष्क में ट्यूमर के कारण उसे मिर्गी आती है। तब उसका ऑपरेशन कर ट्यूमर निकाला गया और अब वह पूर्ण स्वस्थ है।
हॉस्पिटल परिसर में आज गुरूवार 24 अक्टूबर को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी देते हुए हॉस्पिटल के न्यूरो सर्जरी के हेड डॉ. मुकुन्द प्रसाद ने जागृत अवस्था में ऑपरेशन का कारण बताया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के दौरान जरा सी गड़बड़ी से उसे लकवा हो सकता था, इसलिए हमलोगों ने पूर्ण चेतना में ऑपरेशन करने का फैसला किया ताकि विभिन्न अंगों के संचालन की जानकारी मिलती रहे। चार घंटे तक चले ऑपरेशन की बारीकी से मॉनिटरिंग की जा रही थी ताकि पता चल सके कि उसके हाथ-पैर में कमजोरी तो नहीं आ रही है। जागृत अवस्था में ऑपरेशन के लिए मरीज को लोकल एनेस्थेसिया दिया गया था।
डॉ. प्रसाद ने कहा कि यह लो ग्रेड ट्यूमर था यानी नॉन कैंसरस था, लेकिन इसके कभी-कभी हाई ग्रेड ट्यूमर यानी कैंसरस होने की भी आशंका बनी रहती है। हालांकि मरीज दवा पर ठीक था, लेकिन ट्यूमर के बड़ा होने के बाद इसका दुष्परिणाम होने का अंदेशा रहता है। इसके अलावा उसे लकवा भी हो सकता था। अभी दवा पर तो ठीक था, लेकिन आगे चलकर दवा काम नहीं करती इसलिए वह ट्यूमर निकालना आवश्यक था। अब वह सामान्य जीवन जी सकता है। उन्होंने बताया कि पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल में अत्याधुनिक उपकरण और मशीनें तथा सुविधाएं उपलब्ध हैं, इसलिए इस तरह की जटिल से जटिल सर्जरी भी की जाती है। उन्होंने इस ऑपरेशन के दौरान एनेस्थेसिया हेड डॉ. श्री नारायण और डॉ. सुनील तथा डॉ. कुंजन के योगदान की सराहना की और कहा कि ऐसे ऑपरेशन के दौरान एनेस्थेसिया के डॉक्टरों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है।
डॉ. प्रसाद ने बताया कि पारस हॉस्पिटल में अब तक दो हजार से ज्यादा जटिल से जटिल न्यूरो सर्जरी की जा चुकी है जिसमें एनुरिज्म के 200 से ज्यादा ऑपरेशन शामिल हैं। एनुरिज्म में ब्रेन की रक्त सीरा बैलून की तरह फुल जाती है जिसके फटने से ब्रेन हैमरेज होता है। यह ब्रेन हैमरेज काफी गंभीर होता है। उन्होंने कहा कि ऑटेरियो बेनस माल फॉरमेशन (ए.बी.एम.) में रक्त सीरा का गुच्छा बन जाता है जिससे ब्रेन हैमरेज होता है और इसके परिणामस्वरूप लकवा, मिर्गी आदि होते हैं। उन्होंने कहा कि मस्तिष्क के किसी प्रकार के ऑपरेशन यहां सफलतापूर्वक किये जाते हैं। यहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम है जो विचार-विमर्श कर रणनीति तय करती है।
हॉस्पिटल के रिजनल डायरेक्टर डॉ. तलत हलीम ने कहा कि पारस हॉस्पिटल प्रबंधन बिहार-झारखंड के मरीजों को सभी तरह के इलाज और ऑपरेशन की सुविधाएं देने को कटिबद्ध है ताकि यहां के लोगों को इलाज के लिए मुम्बई, दिल्ली जाने की जरूरत न पड़े।