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Press Coverage

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Mar 2, 2024

पारस ने दो माह के बच्चे के मुंह में फंसा कान का टाॅप निकाला

  • हाॅस्पिटल के गैस्ट्रो के डाॅ. शरद कुमार झा ने अत्याधुनिक इंडोस्कोपी विधि से खाने की नली में फंसे टाॅप को निकाला
  • बहन खेला रही थी बच्चे को कि उसके कान का टाॅप बच्चे के मुंह में चला गया और वह उसे निगल भी लिया, इसके बाद बेचैन होकर बच्चा चिल्लाने लगा

दरभंगा, 9 जून: पारस ग्लोबल हाॅस्पिटल, दरभंगा ने एक दो माह के बच्चे की खाने की नली में फंसे कान के टाॅप को निकालकर बच्चे तथा उसके परिजनों को राहत दिला दी। दो महीने के आदर्श कुमार मंडल को उसकी बहन गोदी में लेकर खेला रही थी कि अचानक टाॅप गिरकर बच्चे के मुंह में चला गया और कुछ ही देर में बच्चा उसे निगल गया। इसके कुछ देर बाद वह बेचैन लगने लगा और रोना शुरू किया। बच्चे को कष्ट इतना ज्यादा था कि उसका रोना रूक ही नहीं रहा था। रोने और बेचैन होने का कारण था कि टाॅप का एक भाग बच्चे की खाने की नली में धंस गया था। परिजनों ने आनन-फानन में उसे पारस ग्लोबल हाॅस्पिटल की इमरजेंसी में भर्ती कराया जहां गैस्ट्रो के डाॅ. शरद कुमार झा ने इंडोस्कोपी विधि का इस्तेमाल कर टाॅप को निकाला।

डाॅ. झा ने बताया कि भर्ती करने के बाद बच्चे के गले का एक्स-रे कराया गया तो पता चला कि टाॅप उसके खाने की नली में धंसा है। उन्होंने कहा कि खाने की नली और सांस नली सटी रहती है, इसलिए बारीकी से टाॅप को निकालना पड़ा क्योंकि जरा सी भी गड़बड़ी होती तो टाॅप खाने की नली और सांस की नली को फाड़ देता। उन्होंने कहा कि बच्चे की खाने और सांस की नली पतली होती है जिससे उसके फटने की संभावना रहती है। उन्होंने कहा कि काफी सावधानी से अत्याधिक इंडोस्कोपी विधि से टाॅप को निकाला गया। इस पूरी प्रक्रिया में एनेस्थेटिस्ट डाॅ. पंकज ने भूमिका निभाई।

डाॅ. झा ने कहा कि इस तरह का मामला उसी हाॅस्पिटल में किया जा सकता है जहां अत्याधुनिक सुविधाएं और उपकरण मौजूद रहते हैं और पारस में सभी चीजें उपलब्ध हैं, इसलिए हमलोग गंभीर से गंभीर मामलों का निबटारा कर देते है। बच्चा अब बिल्कुल स्वस्थ है तथा उसके परिजन हाॅस्पिटल के इलाज से काफी संतुष्ट और खुश हैं।


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