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Mar 2, 2024

चलने-फिरने से पूर्णः लाचार वृद्ध को पारस ने दिलाई राहत

चलने-फिरने से पूर्णः लाचार वृद्ध को पारस ने दिलाई राहत
  • आस्टियो आर्थराइटिस से पीड़ित 80 साल के वृद्ध चार लोगों की मदद से आये थे हाॅस्पिटल, दोनों घुटनों और कमर में था दर्द
  • हड्डी रोग विभाग ने सर्जन डाॅ. दिलषाद अनवर ने बिना आॅपरेषन ने बिना आॅपरेषन किये कंजरवेटिवली मैनेज्ड विधि से किया इलाज, नसों और जोड़ों की मरम्मत के लिए दी गयी दवा

दरभंगा, 07 अक्टुबर 2017। चलने-फिरने से पूर्णतः लाचार 80 साल के वृद्ध कुषेषवर झार पारस ग्लोबल हाॅस्पिटल, दरभंगा में इलाज के बाद पूरी तरह ठीक है और अपने दैनिक काम में किसी से मदद नहीं लेते। वह अब सामान्य जीवन बिता रहे हैं और अत्याधिक प्रसन्न नजर हा रहे हैं उकने इलाज करने वाले डाॅ. दिलषाद अनवर ने कहा कि इनके दोनों घुटनों और कमर में काफी दर्द था तथा चार लोगों की मदद से वह अस्पताल आये थे। वे आॅस्तियों आर्थराइटिस बीमारी से पीड़ित थे। डाॅ. अनवर जो कि हड्डी रोग के सर्जन हैं, ने बिना आॅपरेषन के इलाज कर उन्हें दर्द से मुक्ति दिलायी।

आस्टियो आर्थराइटिस से पीड़ित 80 साल के वृद्ध पारस ग्लोबल में सफल इलाज

डाॅ. अनवर बताते हैं कि उन्हें दस दिनों तक हाॅस्पिटल में रखा गया कंजरवेटिबली मैनेज्ड विधि से इलाज किया गया। इस विधि में दवाओं से इलाज किया जाता है। ऐसी-ऐसी दवाएं दी गयीं जो नस और जोड़ों की मरम्मत में सहायक होती है। उन्होंने बताया कि अब उन्हें चलने-फिरने में कोई दिक्कत नहीं है तथा स्वयं चलकर अब हाॅस्पिटल भी दिखाने आते हैं। डाॅ. अनवर ने कहा कि उन्हें दवा देने के सााि ही उनकी लाइफ-स्टाइल में भी बदलाव किया गया है व्यायामक रने की सलाह दी गयी है तथा रोजाना एक घंटे टहलने को कहा गया है। इसके अलावा उन्हें पालथी न माने और नहीं चूक्की माली बैठने से परहेज करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि 80 वर्ष में आॅस्टियो आर्थराइटिस का इलाज, संभव नहीं हो पाता है। फिर भी पारस के हड्डी रोग विभाग के डाॅक्टरों की टीम की मददसे यह सब संभव हो पाता है। पारस में हम सफल इलाज करने का हर संभव प्रयास करते हैं।