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Mar 2, 2024

ब्रेन ट्यूमर का आॅपरेषन अब बिल्कुल सुरक्षित - डाॅ. मुकुंद प्रसाद, पारस एचएमआरआई हाॅस्पिटल, पटना

ब्रेन ट्यूमर का आॅपरेषन अब बिल्कुल सुरक्षित - डाॅ. मुकुंद प्रसाद, पारस एचएमआरआई हाॅस्पिटल, पटना
  • विष्व ब्रेन ट्यूमर दिवस पर पारस एचएमआरआई के न्यूरो सर्जन डाॅ. मुकुंद प्रसाद ने कहा, नयी-नयी मषीनों के आ जाने से सर्जरी हुई आसान
  • बिना डाॅक्टर की सलाह के एक्स-रे, सीटी स्कैन और रेडियोथेरेपी न कराएं, रेडिएषन से रहता है ट्यूमर के गठन का खतरा
  • पारस में ब्रेन ट्यूमर के आॅपरेषन के लिए उपलब्ध हैं आधुनिक मषीनें और सुविधाएं, 2013 से अब तक ढाई हजार से अधिक आॅपरेषन किये गये

विष्व ट्यूमर दिवस पर गुरूवार को पारस एचएमआरआई सुपर स्पेषिलिटी हाॅस्पिटल, राजाबाजार, पटना के न्यूरो सर्जन डाॅ. मुकुंद प्रसाद ने कहा कि ब्रेन ट्यूमर का आॅपरेषन अब बिल्कुल सुरिक्षत है क्योंकि मेडिकल साइंस में इसके लिए बहुत सारे आधुनिक उपकरण आ गये हैं। अब एमआरआई मषीन है जो ट्यूमर कहां है, इसका सही जगह बताता है और साथ में आॅपरेषन के लिए आधुनिक मषीनें भी आ गयी हैं। एमआरआई से ब्रेन के स्ट्रक्चर का पता चल जाता है जिससे ब्रेन को क्ष्ति न के बराबर पहुंचती है। इसके अलावा आॅपरेषन के बाद अब आईसीयू उपलब्ध है जहां सम्पूर्ण इलाज किया जाता है। उन्होंने कहा कि ट्यूमर होने के कोई खास कारण तो नहीं हैं पर इतना जरूर कहा जाता है कि विकीकरण (रेडिएषन) के प्रभाव इसके होने का खतरा बना रहता है, इसलिए बिना मेडिकल एडवाइस के एक्स-रे, सीटी स्कैन, रेडियोथेरेपी नहीं कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक सीटी स्कैन से 400 एक्स-रे के बराबर का विकिरण (रेडिएषन) निकलता है।

न्यूरो सर्जन डॉ. मुकुंद प्रसाद, पारस एचएमआरआई

ट्यूमर होने के बाद व्यक्ति के लक्षण के बारे में डाॅ. प्रसाद ने कहा कि अगर सिर दर्द, उल्टी, मिर्गी, व्यक्तित्व में परिवर्तन, आंख से नहीं देखना, कान से नहीं सुनना और गंध महसूस नहीं हो तो तुरंत डाॅक्टर से सलाह लेनी चाहिए। क्योंकि ये ट्यूमर होने के लक्षण को दर्षाता है। उन्होंने कहा कि दो प्रकार के ट्यूमर होते हैं-पहला कैंसरस और दूसरा नाॅन कैंसरस (बेनाइन) तथा हर ट्यूमर कैंसरस नहीं होता है। ट्यूमर के आॅपरेषन से अब घबराने की जरूरत नहीं है। अब तो एक से एक नयी मषीनें आ गयी हैं और खास तौर पर पारस एचएमआरआई में तो हर तरह के ट्यूमर के आॅपरेषन के लिए आधुनिकरण उपकरण उपलब्ध हैं, साथ ही अन्य सुविधाएं भी। अब लोगों को दिल्ली, मुम्बई जाने की जरूरत नहीं है क्योंकि वहां से काफी कम खर्च में यहां आॅपरेषन हो जाता है। यहां पर अन्य अस्पतालों की अपेक्षा मरीजों की तुरंत सुधि ली जाती है। खास कर ब्रेन ट्यूमर, ब्रेन हेम्बरेज, दुर्घटना से संबंधित मरीजों का जरूरत पड़ने तुरंत आॅपरेषन करना पड़ता है अन्यथा जान जाने का खतरा बना रहता है। उन्होंने कहा कि इन्हीं कारणों से 2013 से अब तक पारस में ढाई हजार से अधिक न्यूरो सर्जरी हो चुकी है।

अस्पताल से अपने ब्रेन ट्यूमर का इलाज करा चुके मरीज कुमार विषाल ने कहा कि ‘‘मैं तो कई अस्पताल जाकर थक चुका था। वह तो पारस एचएमआरआई ही निकला जहां मेरे ब्रेन ट्यूमर का आॅपरेषन हो गया और अब मैं बिल्कुल ठीक हूँ।’’ ब्रेन ट्यूमर के कारण उसे मिर्गी आती थी।

एक अन्य मरीज नमन कुमार ने कहा कि ‘‘मेरा ट्यूमर तो ब्रेन से चिपका था, आॅपरेषन में काफी समय लगे, लेकिन अब मैं फिट हूँ। वह सिर दर्द के मारे परेषान था। डाॅक्टर का कहना था कि इस आॅपरेषन में अगर जरा सी गड़बड़ी हो जाती तो वह कोमा में चला जाता और वहां से लौटाना असंभव सा हो जाता है।