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Press Coverage

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Apr 25, 2022

बिहार में प्रत्येक वर्ष 9000 से अधिक लोग एड्स से मरते हैं, उनमें से 10ः बच्चे हैं

बिहार में प्रत्येक वर्ष 9000 से अधिक लोग एड्स से मरते हैं, उनमें से 10ः बच्चे हैं

दरभंगा, 02 दिसम्बर 2017। पारस के वरिष्ठ डाॅ. अजय कुमार लाल दास और गइनिकोलोजिस्ट डाॅ. तलत फातिमा ने बताया कि बिहार में प्रत्येक वर्ष एड्स से मरने वालों की संख्या 9000 से भी अधिक है और इनमें से 10 प्रतिशत बच्चे हैं। इससे भी दुखद बात हैं की एचआईवी एड्स के बाद समाज भी इन मरीजों से सम्पर्क तोड़ देता हैं जिससे ये और भी अकेला महसूस करते हैं। ऐसा इसलिए होता है कि समाज में एचआईवी वायरस के प्रति कई अफवाह फैली हुई है। डाॅ. तलत फातिमा ने महत्त्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि

  • एचआईवी एक वायरस है जिससे एड्स नामक बीमारी होती है।एचआईवी एक वायरस है जिससे एड्स नामक बीमारी होती है।
  • एड्स के मरीज के साथ की एक ही हवा में सांस लेने से नहीं फैलता एचआईवी वायरस।
  • एड्स के मरीज को छूने से, उसके पसीने से, उसका तौलिया या बर्तन इस्तेमाल करने से या साथ खाने-पीने से भी नहीं फैलता एचआईवी वायरस।
  • एड्स के मरीज को काटने वाले मच्छरों से भी नहीं फैलता एचआईवी वायरस।
  • एचआईवी के मरीज का ट्वाइलेट या ट्वाइलेट सीट इस्तेमाल करने से नहीं फैलता एचआईवी संक्रमण।
  • एचआईवी वायरस से संक्रमित होने पर मरीज को अपने आप इसकी जानकारी नहीं होती जब तक कोई डाइगनोसिस न करे।
  • एड्स से ग्रसित मां का दूध पीने वाले बच्चे को एचआईवी से संक्रमण का खतरा बना रहता है।

सैंकड़ों मिथीलावासियों ने इस चर्चा में भाग लिया। मधुबनी से आये युवक चंद्रा कुमार ने कहा कि ‘‘पारस दरभंगा का ये कार्यक्रम में एड्स के मरीजों के प्रति कई सारे सामाजिक भ्रम तोड़ दिये जिससे मरीजों को अकेला छोड़ने या उनसे घृर्णा करने के बजाए समाज उनका ख्याल रखे। हम पारस दरभंगा के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं।’’ इस चर्चा में एचआईवी के बारे में क्वीज भी आयोजित किया गया जिसमें लोगों ने उत्यसाह पूर्वक भाग लिया।


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