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Press Coverage

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Apr 25, 2022

पारस ग्लोबल हाॅस्पिटल में उमड़ी मरीजों की भीड़

पारस ग्लोबल हाॅस्पिटल में उमड़ी मरीजों की भीड़
  • हृदय व किडनी रोग मुफ्त चिकित्सा शिविर में सुबह से शाम लगी रही जांच कराने वालों की भीड़
  • हृदय रोग विशेषज्ञ डाॅ. ज्योति प्रकाश कर्ण तथा किडनी रोग विशेषज्ञ डाॅ. प्रशांत कुमार ने की लोगों की स्वास्थ्य जांच

दरभंगा 14 मई 2018: पारस ग्लोबल हाॅस्पिटल, दरभंगा के परिसर में हृदय रोग और किडनी रोग के लिए मुफ्त चिकित्सा शिविर लगाया गया जिसमें इन रोगों के प्रति लोगों में जागरूकता भी जगायी गयी। मिथिलांचल के सैकड़ों लोगों ने इस शिविर में आकर अपने स्वास्थ्य की जांच करायी। हाॅस्पिटल के हृदय रोग विशेषज्ञ डाॅ. ज्योति प्रकाश कर्ण तथा किडनी रोग विशेषज्ञ डाॅ. प्रशांत कुमार ने शिविर में आये लोगों के स्वास्थ्य की जांच की तथा इन बीमारियों से बचाव के तरीके भी बताये। सुबह से शुरू शिविर में शाम तक स्वास्थ्य जांच कराने वालों की भीड़ उमड़ती रही। शिविर में स्वास्थ्य की जांच कराने वाले लोगों ने हाॅस्पिटल की सेवा की जमकर तारीफ की।

इस मौके पर डाॅ. कर्ण ने कहा कि हृदय रोग से बचने के लिए लोगों को कम से कम चर्बी खाने का प्रयास करना चाहिए तथा सुबह में टहलने के अलावा कुछ व्यायाम भी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पारस में हृदय रोगियों के इलाज की मुकम्मल व्यवस्था है। यहां हर तरह के इलाज या सर्जरी का प्रबंध है। इसके लिए आपको पटना तथा देश के अन्य शहरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि हमारे यहां अब तक 800 से ज्यादा एंजियोप्लास्टी, 200 से अधिक पेसमेकर, 2000 से अधिक एंजियोग्राफी तथा 400 से अधिक हृदय रोग की सर्जरी की गयी है। उन्होंने कहा कि हमारे हाॅस्पिटल में हर तरह के उपकरण तथा सुविधाएं उपलब्ध है, इसलिए यहां हर तरह की सर्जरी की जाती है। यहां छोटा सा चीरा लगाकर भी आॅपरेशन किया जताा है जो कि अन्य अस्पतालों में उपलब्ध नहीं है।

किडनी रोग विशेषज्ञ डाॅ. प्रशांत ने कहा कि डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों की लापरवाही से किडनी की बीमारी का खतरा अधिक रहता है। इसके अलावा वैसे लोगों की किडनी में भी खराबी आती है जिनके परिवार में पहले किसी को किडनी की समस्या रही हो। किडनी की बीमारी का कोई लक्षण तब तक नहीं दिख पाता है जबतक वह एडवांस स्टेज में नही पहुंच जाए। उन्होंने कहा कि इस बीमारी से बचने के लिए लोगों को पेशाब की जांच तथा सेरम क्रेटनिन कराते रहना चाहिए जिससे पता चल सकेगा कि किडनी की स्थिति क्या है। इसके लिए दो और टेस्ट काफी महत्वपूर्ण है जिन्हें एलबुमिन क्रेटनिन रेसिओ (एसीआर) और ग्लोमेरूलर फिल्टरेशन रेट (जी.एफ.आर) कहा जाता है। इससे पता चलता है कि किडनी किस हाल में है और वह गन्दगी को कितना प्रतिशत तक निकाल पाती है। डाॅ. कुमार ने कहा कि लोगों को किडनी सुरक्षित रखने के लिए अपने खान-पान, जीवन शैली पर ध्यान देना जरूरी है।


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