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Apr 25, 2022

पारस कैंसर सेंटर में सिर्फ धनी ही नहीं, गरीबों का भी होगा इलाज

पारस कैंसर सेंटर में सिर्फ धनी ही नहीं, गरीबों का भी होगा इलाज
  • पारस कैंसर सेंटर में सभी तरह की आधुनिक मषीनें तथा सुविधाएं हैं उपलब्ध, बिहार-झारखंड के मरीजों को दिल्ली, मुम्बई जैसा इलाज मिलेगा कम कीमत पर
  • बिहार सरकार ने कैंसर मरीज को अनुदान देने वाले अस्पतालों की सूची में पारस एचएमआरआई हाॅस्पिटल का नाम भी जोड़ा यानी पारस को भी मिली मान्यता

 

पटना 06 जुलाई 2017। पारस कैंसर सेंटर के डायरेक्टर पद्मश्री डाॅ. जितेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि हम यह धरणा बदलेंगे कि पारस कैंसर सेंटर सिर्फ धनी लोगों के लिए ही नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता होगी कि गरीब लोगों को भी पारस से जोड़ा जाए। इसके अलावा हम इसके लिए भी प्रयासरत हैं कि मरीजों की जरूरतों भोजन, आवास और ट्रांसपोर्टेषन की भी व्यवस्था की जाये। हमारा कैंसर सेंटर देष का एक बेहतरीन कैंसर सेंटर हैं जहां एक छत के नीचे सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं। हम बिहार-झारखंड के मरीजों को दिल्ली, मुम्बई के हाॅस्पिटलों से होने वाले खर्च की उपेक्षा कम खर्च में इलाज करते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने कैंसर मरीज को अनुदान देने वाले अस्पतालों की सूची में पारस एचएमआरआई हाॅस्पिटल का नाम भी जोड़ दिया है। यानी पारस एचएमआरआई को भी मान्यता दे दी गई है। एक लाख तक की आमदनी वाले कैंसर मरीज को बिहार सरकार की ओर से इलाज के लिए 80,000 रुपये दिये जाते हैं।

डाॅ. जितेन्द्र गुरूवार को हाॅस्पिटल परिसर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कैंसर बहुत तेजी से बढ़ने वाली बीमारी है और तुरंत उसके इलाज की जरूरत पड़ती है। इसलिए बिहार-झांरखंड के लोगों के लिए सभी अत्याधुनिक उपकरणों से लैस पारस कैंसर सेंटर पटना, इलाज की उपयुक्त जगह है। डाॅ. सिंह ने कहा कि पारस कैंसर सेंटर में प्रतिदिन एक सौ मरीजों का इलाज होता है। यहां टेलीथेरेपी के लिए लिए लीनियर एक्सलेटर अत्याधुनिक मषीन है जिससे उपयुक्त जगह पर ही रेडिएषन दिया जाता है। पेट सिटी मषीन शरीर के किस भाग में कैंसर है, इसे बताता है। यहाँ कीमोथेरेपी और सर्जीकल अकोंलाॅजी की भी अच्छी व्यवस्था है। यहां 12 बेड कीमो, 30 बेड सर्जरी और बाकी रेडिएषन के लिए है। पारस कैंसर सेंटर के सभी डाॅक्टरों में इलाज के लिए इतना अच्छा समन्वय है कि मरीज को यह पता भी नहीं चल पाता कि किसने और कैसे मेरा इलाज शुरू हुआ। पारस कैंसर सेटर में डेढ़ साल में एक हजार रेडिएषन, नौ सौ सर्जरी, 7200 से ज्यादा कीमोथेरेपी, और 3 बोनमैरो ट्रांसपलांट किये गए हैं। उन्होंने मुम्बई, दिल्ली के इलाज की पटना से तुलना करते हुए कहा कि अगर कोई मरीज रेडिएषन लेने के लिए मुम्बई, दिल्ली जाएगा तो उसका ज्यादा खर्चा पड़ेगा, साथ ही इस इलाज की ताउम्र जरूरत पड़ सकती है, इसलिए यदि दिल्ली, मुम्बई का कुल खर्चा जोड़ा जाए तो पटना से वह खर्चा दुगुना से ज्यादा होगा। इसलिए बिहार-झारखंड के मरीजों लिए यह सेंटर काफी लाभदायक साबित होगा। डाॅ. ंिसंह ने कहा कि हम स्वयं बिहार और झारखंड का दौरा करेंगे तथा डाॅक्टरों को बताएगें कि कैंसर के मरीजों की खातिर पारस एचएमआरआई हाॅस्पिटल प्रबंधन कई कदम उठाने वाले है।


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