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Mar 2, 2024

विष्व तम्बाकू निषेध दिवस पर पारस ने दी तम्बाकू सेवन के खिलाफ जागरूकता की ट्रेनिंग

विष्व तम्बाकू निषेध दिवस पर पारस ने दी तम्बाकू सेवन के खिलाफ जागरूकता की ट्रेनिंग
  • एनसीसी छात्रों और आंगनबाड़ी सेविकाओं को दी गयी तम्बाकु के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम चलाने की ट्रेनिंग
  • देश में हर साल पांच लाख तम्बाकुजनित कैंसर के नये मरीज चिन्हित किये जाते हैं जिसमें से 60 प्रतिशत मरीजों की मौत हो जाती है

पारस एचएमआरआई सुपर स्पेषिलिटी हाॅस्पिटल राजाबाजार, पटना और कैंसर अवेयरनेस सोसायटी के संयुक्त तत्वाधान में 31 मई बुधवार को विष्व तम्बाकु निषेध दिवस पर एक कार्यक्रम का आयोजन हाॅस्पिटल परिसर में किया गया जिसमें एनसीसी छात्रों और आंगनबाड़ी सेविकाओं को तम्बाकु सेवन से विरूद्ध जागरूकता कार्यक्रम फैलाने की ट्रेनिंग दी गयी।

पारस हॉस्पिटल पटना- विष्व तम्बाकु निषेध दिवस

कार्यक्रम में आये लोगों का स्वागत करते हुए कैंसर अवेयरनेस सोसायटी के सचिव और पारस अस्पताल के कैंसर व रेडियेषन ओंकोलोजी विषेषज्ञ डाॅ. शेखर कुमार केसरी ने कहा कि लोगों को तम्बाकु या तम्बाकु से बने किसी पदार्थ का सेवन करने का बहिष्कार करना चाहिए। आज तम्बाकुजनित बीमारियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। अकेले भारत में हर साल आठ लाख कैंसर के नये मरीज चिन्हित किये जाते हैं जिसमें लगभग 60 फीसदी मरीजों की मृत्यु हो जाती है। आज की वर्तमान स्थिति में आम लोगों के साथ युवाओं को भी इस जानलेवा बीमारी के प्रति प्रषिक्षित करने की जरूरत है ताकि तम्बाकु की आदत से वे अपने को दूर रख सकें। तम्बाकु सेवन से न सिर्फ कैंसर होता है, बल्कि उससे हृदय रोग, सांस संबंधी बीमारी, बच्चेदानी का कैंसर, हड्डियों की बीमारी और नपुंसकता भी आती है। इसलिए एनसीसी छात्रों और आंगनबाड़ी सेविकाओं को ट्रेनिंग दी गयी है ताकि वे लोगों में तम्बाकुजनित पदार्थ कदापि नहीं सेवन करने की जागरूकता फैलाएं।

अपनी जीवनशैली में परिवर्तन लाकर लोग 50 प्रतिषत कैंसर को रोक सकते हैं। उन्होंने कहा कि तम्बाकू में एक पदार्थ होता है जिसे निकोटिन कहा जाता है। यही निकोटिन लोगों को तम्बाकु खाने का आदी बना देता है। निकोटिन के बारे में कहा जाता है कि इसकी एक बूंद सूई के माध्यम से शरीर में डाल दी जाए तो उस आदमी की मौत हो सकती है। उन्होंने कहा कि इसलिए किसी भी हाल में तम्बाकुजनित पदार्थों का सेवन लोगों को नहीं करना चाहिए।

पारस एचएमआरआई के सर्जन निदेषक एवं सोसायटी के उपाध्यक्ष डाॅ. ए.ए. हई ने कहा कि एनसीसी के छात्र और आंगनबाड़ी सेविकाओं का यह शपथ दिलाया कि जीवन में कभी भी तम्बाकु का सेवन ना करें। साथ ही तम्बाकु से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में लोगों को जागृत किया। महिलाओं में होने वाले कैंसर से अपने जीवनशैली को सुधारते हुए कैसे बचा जा सकता है, इससे भी मौजूद लोगों को अवगत कराया। इस मौके पर उन्होंने तम्बाकू से होने वाली बीमारियों का प्रेजेन्टेषन दिखाकर तम्बाकू का किसी भी हाल में सेवन न करने की अपील की। उन्होंने कहा कि तम्बाकू के 4000 केमिकल पाए जाते हैं जिनमें से अधिकतर शरीर के लिए घातक है।

डाॅ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि तम्बाकू की खपत रोकने के लिए सरकार को सख्त कदम उठाना चाहिए। जब तक सरकार कदम नहीं उठाएगी तबतक इसे पूर्णरूप से प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता। इसके अलावा देष और राज्य के लोगों की भी जिम्मेवारी बनती है कि वे तम्बाकू पदार्थों का सेवन करने वालों को बार-बार तबतक समझाएं जबतक कि वह इसे छोड़ न दे।

हाॅस्पिटल के फैसिलिटी डायरेक्टर डाॅ. तलत हलीम ने आगव्यकां धन्यवाद ज्ञापन किया। इस कार्यक्रम में कैंसर अवेयरनेस सोसायटी के सदस्यों, पारस एचएमआरआई के डाॅक्टरों और अन्य गणमान्य लोगों ने भाग लिया। जागरूकता फैलाने के लिए दी गयी ट्रेनिंग में एनसीसी के छात्र, आंगनबाड़ी सेविकाओं के अलावा हाॅस्पिटल के सुरक्षाकर्मी भी मौजूद थे। इस कार्यक्रम में डाॅ. चिरंजीव खंडेलवाल, डाॅ. वी.पी. सिंह, श्री डी.बी. गुप्ता (उपाध्यक्ष, कैंसर अवेयरनेस सोसायटी), डाॅ. आर.एन. टैगोर उपस्थित थे।