गर्मी में बीमारियों से कैसे बचें? जानें हीटस्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और लू से बचाव के तरीके
Jun 25, 2025
गर्मी का मौसम अपने साथ कई स्वास्थ्य चुनौतियाँ लेकर आता है। अगर समय रहते सावधानी न बरती जाए तो हीटस्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और लू जैसी समस्याएं गंभीर रूप ले सकती हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि गर्मियों में किन बीमारियों का खतरा रहता है, उनके लक्षण क्या हैं और उनसे बचाव के आसान लेकिन प्रभावी तरीके कौन-कौन से हैं।
गर्मियों में होने वाली बीमारियाँ
गर्मियों का मौसम अपने साथ कई तरह की बीमारियाँ लेकर आता है, जो गर्म वातावरण, शरीर में पानी की कमी और भोजन की गुणवत्ता में गिरावट के कारण होती हैं। आइए विस्तार से समझते हैं कि गर्मियों में कौन-कौन सी बीमारियाँ आम हैं और वे हमारे स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकती हैं:
हीटस्ट्रोक (Heatstroke):
जब शरीर अत्यधिक गर्म हो जाता है और खुद को ठंडा नहीं रख पाता, तो हीटस्ट्रोक हो सकता है। यह स्थिति अत्यंत गंभीर होती है और तुरंत इलाज की जरूरत होती है। हीटस्ट्रोक में शरीर का तापमान 104°F से ऊपर चला जाता है, जिससे चक्कर, उल्टी और बेहोशी तक हो सकती है।
डिहाइड्रेशन (Dehydration):
गर्मियों में पसीना अधिक निकलता है, जिससे शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की मात्रा कम हो जाती है। यदि समय पर पानी न पिया जाए, तो डिहाइड्रेशन की स्थिति बन सकती है, जिससे थकान, चक्कर और सुस्ती महसूस होती है।
लू लगना (Heat Exhaustion):
गर्म और शुष्क हवाएं (लू) शरीर को अंदर से कमजोर कर देती हैं। लू लगने पर व्यक्ति को सिरदर्द, चक्कर आना, कमजोरी, उल्टी जैसे लक्षण हो सकते हैं। यह स्थिति बच्चों और बुजुर्गों में अधिक पाई जाती है।
फूड पॉइज़निंग:
गर्मियों में खान-पान की वस्तुएं जल्दी खराब हो जाती हैं। दूषित या बासी भोजन के सेवन से पेट की समस्या, उल्टी-दस्त और पेट दर्द की समस्या हो सकती है। सड़क किनारे के खुले खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए।
घमौरियां (Prickly Heat):
अत्यधिक पसीने के कारण शरीर पर छोटे-छोटे लाल दाने और खुजली हो सकती है, जिसे घमौरियां कहते हैं। यह खासतौर पर गर्दन, पीठ और सीने पर होती हैं। ये दाने जलन और असहजता पैदा करते हैं।
वायरल बुखार और सर्दी-जुकाम:
मौसम में तेजी से बदलाव और एयर कंडीशनर के अधिक उपयोग से वायरल संक्रमण फैल सकते हैं। इसमें बुखार, बदन दर्द, गले में खराश और सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण हो सकते हैं। बच्चों और बुजुर्गों में यह अधिक आम है।
इन बीमारियों से बचने के लिए सावधानी बरतना और सही दिनचर्या का पालन करना अत्यंत आवश्यक है।
गर्मी में बीमारियों से कैसे बचें?
- पर्याप्त मात्रा में पानी और तरल पदार्थ लें।
- दोपहर 12 से 4 बजे तक बाहर निकलने से बचें।
- हल्के और सूती कपड़े पहनें।
- ताजे फल और सब्जियां खाएं।
- हमेशा साफ और सुरक्षित पानी पिएं।
हीटस्ट्रोक (Heatstroke): क्या है और कैसे पहचानें?
हीटस्ट्रोक तब होता है जब शरीर अधिक गर्म हो जाता है और खुद को ठंडा नहीं रख पाता। इसके लक्षण हैं:
- अत्यधिक बुखार (104°F से ऊपर)
- चक्कर आना और उल्टी
- सूखी और लाल त्वचा
- तेज़ सांसें और दिल की धड़कन
बचाव के तरीके:
- ठंडी जगह पर रहें
- खूब पानी पिएं
- सिर को ढककर रखें
- गर्मी में शारीरिक श्रम कम करें
डिहाइड्रेशन (Dehydration): पानी की कमी के लक्षण और समाधान
डिहाइड्रेशन के सामान्य लक्षण:
- मुंह और होंठों का सूखना
- गहरा पीला पेशाब
- थकावट और सुस्ती
- चक्कर आना
उपाय:
- दिनभर थोड़ा-थोड़ा करके पानी पिएं
- नारियल पानी, नींबू पानी, छाछ लें
- ORS या नमक-शक्कर का घोल उपयोग करें
लू (Loo): गर्म हवा से कैसे बचें?
लू गर्म हवाएं होती हैं जो दोपहर के समय शरीर को सीधे प्रभावित करती हैं। इससे हीटस्ट्रोक या कमजोरी हो सकती है।
बचाव के उपाय:
- दोपहर में बाहर न निकलें
- घर से बाहर जाते समय सिर को ढकें
- प्याज, आम पन्ना, बेल शरबत आदि लें
- पानी की बोतल साथ रखें
गर्मियों में होने वाली बीमारियों के लक्षण
गर्मी के मौसम में जब तापमान तेज़ी से बढ़ता है, तो शरीर में कई बदलाव होने लगते हैं जो स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। अगर नीचे दिए गए लक्षण दिखाई दें, तो यह संकेत हो सकता है कि व्यक्ति गर्मी से संबंधित बीमारी से ग्रसित हो सकता है:
- तेज़ बुखार और सिरदर्द: यह हीटस्ट्रोक या वायरल संक्रमण का संकेत हो सकता है।
- पसीना न आना: अगर अत्यधिक गर्मी में भी शरीर से पसीना नहीं निकल रहा, तो यह गंभीर हीटस्ट्रेस की निशानी हो सकती है।
- सूखी त्वचा और चक्कर: पानी की कमी या डिहाइड्रेशन से त्वचा रूखी हो जाती है और चक्कर आने लगते हैं।
- लगातार उल्टी या दस्त: यह फूड पॉइज़निंग या डायरिया के कारण हो सकता है और इससे शरीर में तेजी से पानी की कमी होती है।
- शरीर में कमजोरी और थकान: जब शरीर अधिक गर्म हो जाए या पानी की कमी हो, तो व्यक्ति थकावट महसूस करता है और ऊर्जा की कमी होती है।
इन लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें। प्रारंभिक चरण में इलाज करने से स्थिति नियंत्रण में रह सकती है।
बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें
बच्चे और बुजुर्ग शरीर में तापमान संतुलन बनाए रखने में अपेक्षाकृत कमजोर होते हैं। इन दोनों वर्गों को गर्मी के मौसम में विशेष देखभाल की जरूरत होती है:
- हल्का, सुपाच्य और ताज़ा भोजन दें: तला-भुना या अधिक मसालेदार खाना देने से परहेज़ करें।
- समय-समय पर पानी व तरल पदार्थ दें: नारियल पानी, शिकंजी, छाछ जैसे तरल पेय हाइड्रेशन बनाए रखते हैं।
- धूप और गर्म हवाओं से बचाएं: दोपहर में बाहर जाना टालें, यदि जाना ज़रूरी हो तो छाया, टोपी या छाता लेकर निकलें।
- लक्षणों पर सतर्क रहें: यदि बुखार, उल्टी, चक्कर या सुस्ती जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
सावधानी और नियमित निगरानी से बच्चों और बुज़ुर्गों को गर्मी में सुरक्षित रखा जा सकता है।
कब डॉक्टर को दिखाएं?
गर्मी से संबंधित बीमारियों में कई बार हल्के लक्षणों को नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन कुछ लक्षण ऐसे होते हैं जो संकेत देते हैं कि अब घरेलू उपायों से काम नहीं चलेगा और तुरंत चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है। नीचे दिए गए लक्षणों में से कोई भी दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
- तेज़ और लगातार बुखार: यदि बुखार 102°F से ऊपर है और 24 घंटे से ज्यादा समय तक बना रहता है, तो यह संक्रमण या हीटस्ट्रोक का संकेत हो सकता है।
- बार-बार उल्टी या दस्त: इससे शरीर में पानी और नमक की कमी हो सकती है। लगातार उल्टी या दस्त डिहाइड्रेशन को गंभीर बना सकते हैं।
- बेहोशी या भ्रम की स्थिति: व्यक्ति का बार-बार बेहोश होना, बातों में उलझन या असामान्य व्यवहार हीटस्ट्रोक या इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन का संकेत हो सकता है।
- पसीना बिल्कुल न आना: अत्यधिक गर्मी के बावजूद अगर शरीर पूरी तरह सूखा है, तो यह हीटस्ट्रोक का गंभीर लक्षण हो सकता है।
- तेज़ धड़कन या सांस लेने में तकलीफ: यह हृदय पर दबाव या गंभीर डिहाइड्रेशन का लक्षण हो सकता है। तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
इन लक्षणों को हल्के में न लें। सही समय पर इलाज से स्थिति को नियंत्रण में लाया जा सकता है और जटिलताओं से बचा जा सकता है।
निष्कर्ष
गर्मियों के मौसम में हीटस्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और लू जैसी बीमारियाँ बहुत सामान्य हो जाती हैं, लेकिन थोड़ी सी सावधानी और जागरूकता से आप और आपके परिवार को इन समस्याओं से बचाया जा सकता है। भरपूर मात्रा में पानी पीना, संतुलित और ठंडक देने वाला आहार लेना, दोपहर के समय धूप से बचना, और साफ-सफाई का ध्यान रखना — ये सब गर्मी में स्वस्थ रहने के सरल और प्रभावी उपाय हैं।
याद रखें, गर्मी के लक्षणों को हल्के में लेना कभी भी सुरक्षित नहीं होता। अगर किसी को तेज़ बुखार, उल्टी-दस्त, चक्कर, या पसीना बंद होने जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर उपचार ही सबसे अच्छा बचाव है।
अगर आप या आपके परिवार में किसी को गर्मी से जुड़ी कोई तकलीफ हो रही है, तो तुरंत Paras Health के विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करें। अभी कॉल करें – 8080808069
