संक्रामक रोग (Sankramak Rog) क्या हैं – उनके प्रकार, लक्षण और बचाव के उपाय
Oct 25, 2025
परिचय – संक्रामक रोग क्या हैं (Sankramak Rog Kya Hai)
संक्रामक रोग या संचारी रोग (Sanchari Rog) ऐसी बीमारियाँ हैं जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक संक्रमण (Infection) के माध्यम से फैलती हैं। इन रोगों के मुख्य कारण वायरस (Virus), बैक्टीरिया (Bacteria), फंगस (Fungus) और परजीवी (Parasite) जैसे सूक्ष्मजीव हैं जो हमारी शरीर में घुसकर बीमारी उत्पन्न कर देते हैं।
भारत जैसे घनी जनसंख्या वाले देश में मलेरिया, डेंगू, टीबी, हैजा, टायफॉयड, और कोविड-19 जैसे Sankramak Rog बहुत आम हैं। खराब सफाई, अस्वच्छ पानी, मच्छरों की भरमार और टीकाकरण (Vaccination) की कमी इन रोगों के फैलाव के मुख्य कारण हैं।
साधारण भाषा में कहें तो: संक्रामक रोग वो बीमारियाँ हैं जो हमारे संपर्क, भोजन, हवा या पानी के माध्यम से एक से दूसरे तक जाती हैं।
संक्रामक रोगों के प्रकार (Sankramak Rog ke Prakar)
संक्रामक रोग चार मुख्य श्रेणियों में बाँटे जा सकते हैं: वायरल, बैक्टीरियल, फंगल और परजीवी संक्रमण। हर एक प्रकार का Infection अलग रोगजनक द्वारा होता है और उसके लक्षण (Lakshan) भी अलग होते हैं।
वायरल संक्रमण (Viral Infection)
वायरल संक्रमण वायरस के कारण होता है जो हमारी शरीर की कोशिकाओं में घुसकर उन्हें नष्ट या कमज़ोर कर देता है।
उदाहरण: फ्लू (Influenza), कोविड-19, चिकनपॉक्स, हेपेटाइटिस A/B, पोलियो, खसरा (Measles)।
लक्षण: बुखार, गले में खराश, थकान, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, त्वचा पर दाने।
कई बार वायरल संक्रमण में भूख कम लगना और कमज़ोरी भी होती है।
इलाज और बचाव:
वायरल संक्रमण में ज़्यादातर मामलों में आराम, तरल पदार्थ और डॉक्टर द्वारा दी गई दवाएँ ही सहायक होती हैं।
टीकाकरण (Vaccination) वायरल बीमारियों से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है।
साथ ही Hand Hygiene और Mask Pehanna भी संक्रमण को रोकने में मदद करता है।
बैक्टीरियल संक्रमण (Bacterial Infection)
बैक्टीरियल संक्रमण ऐसे सूक्ष्मजीवों से होता है जो तेजी से बढ़ते और विभाजित होते हैं।
उदाहरण: टायफॉयड, क्षय रोग (TB), हैजा (Cholera), निमोनिया, मूत्र संक्रमण (UTI या Mutra Rog)।
लक्षण: लगातार बुखार, खाँसी, दस्त, पेट दर्द, वजन कम होना, थकान।
इलाज: बैक्टीरियल संक्रमण में एंटीबायोटिक्स काम करती हैं, परंतु उन्हें केवल Doctor ki Salah से ही लें।
इलाज पूरा किए बिना दवा छोड़ना संक्रमण को वापस लौटा सकता है।
फंगल संक्रमण (Fungal Infection)
यह संक्रमण त्वचा, नाखून या मुँह में ज़्यादा पाया जाता है।
उदाहरण: रिंगवर्म (Daad), कैंडिडियासिस (Candidiasis), और नाखून का फंगल इन्फेक्शन।
कारण: नमी वाले क्षेत्र जैसे कान, बगल या पैर के बीच – जहाँ पसीना अधिक होता है – वहाँ फंगस तेजी से फैलता है।
बचाव: शरीर को हमेशा सूखा रखें, ढीले कपड़े पहनें, और दूसरों का तौलिया या कपड़े न उपयोग करें।
परजीवी संक्रमण (Parasitic Infection)
यह संक्रमण परजीवियों (Parasites) से होता है जो कभी-कभी कीड़ों या मच्छरों (Mosquito-borne Diseases) द्वारा फैलते हैं।
उदाहरण: मलेरिया, जियार्डियासिस, अमीबिक डिसेंट्री।
लक्षण: तेज़ बुखार, ठंड लगना, दस्त, उल्टी, शरीर में कंपकंपी।
बचाव: घर के आसपास पानी न जमने दे, मच्छरदानी और रिपेलेंट का प्रयोग करें। साफ-सफाई ही सबसे अच्छा उपाय है।
संक्रामक रोगों के लक्षण (Sankramak Rog ke Lakshan)
संक्रमण के लक्षण रोग के प्रकार पर निर्भर करते हैं, लेकिन कुछ लक्षण लगभग हर रोग में देखे जाते हैं।
सामान्य लक्षण:
- लगातार बुखार या ठंड लगना
- गले में दर्द और खाँसी (Khansi aur Jukam ke Lakshan)
- शरीर में दर्द, थकान और कमज़ोरी
- उल्टी, दस्त या पेट में मरोड़
- त्वचा पर लाल दाने, फोड़े या रैशेस (Skin Rashes)
- सांस लेने में तकलीफ (Breathing Difficulty)
- भूख कम लगना और नींद में कमी
गंभीर लक्षण:
- बुखार तीन दिन से अधिक रहना
- खून के साथ मल या उल्टी होना
- अत्यधिक थकान या बेहोशी
- सीने में दर्द या साँस की समस्या
Key Fact: ऐसे लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें – यह टीबी, मलेरिया या वायरल इन्फेक्शन का संकेत हो सकता है।
संक्रामक रोगों के कारण और फैलने के तरीके (Sankramak Rog ke Karan aur Transmission)
संक्रमण कैसे फैलता है (Infection kaise failta hai) यह जानना बचाव के लिए सबसे जरूरी है।
- व्यक्ति से व्यक्ति (Contact Transmission): संक्रमित व्यक्ति के संपर्क, छींक या खाँसी से वायरस फैल सकता है। उदाहरण – कोविड-19, फ्लू।
- हवा से (Airborne Diseases): हवा में मौजूद रोगजनक सूक्ष्मजीव फेफड़ों में घुस कर संक्रमण फैला सकते हैं जैसे टीबी।
- पानी या भोजन से (Waterborne / Foodborne Diseases): दूषित पानी या खाना हैजा और टायफॉयड जैसी बीमारियाँ फैलाता है।
- मच्छरों या कीड़ों से (Mosquito/Vector-borne Diseases): डेंगू और मलेरिया मच्छर के काटने से फैलते हैं।
- रक्त या शारीरिक तरल से (Blood-borne Diseases): हेपेटाइटिस-B या HIV संक्रमित रक्त के माध्यम से फैलते हैं।
Tip: अस्वच्छ परिस्थितियाँ और भीड़भाड़ संक्रमण के प्रसार को तेज़ कर देती हैं।
🇮🇳 भारत में सामान्य संक्रामक रोग (Common Infectious Diseases in India)
|
रोग |
प्रकार |
माध्यम |
मुख्य लक्षण |
बचाव के उपाय |
|
मलेरिया |
Parasitic Infection |
मच्छर |
बुखार, ठंड लगना |
मच्छरदानी, पानी न जमने देना |
|
डेंगू |
Viral Infection |
मच्छर |
प्लेटलेट कम होना, दर्द |
मच्छर से बचाव |
|
टीबी |
Bacterial Infection |
हवा |
लगातार खाँसी, वजन कम |
इलाज पूरा करना |
|
हैजा |
Bacterial Infection |
दूषित पानी |
दस्त, डिहाइड्रेशन |
स्वच्छ पानी पिएँ |
|
कोविड-19 |
Viral Infection |
हवा/संपर्क |
बुखार, खाँसी |
मास्क, Vaccination |
संक्रामक रोगों से बचाव के उपाय (Sankramak Rog se Bachav ke Upay)
“इलाज से बेहतर है बचाव।” इन आदतों को अपनाकर आप संक्रमण के खतरे को कम कर सकते हैं।
हाथों की स्वच्छता (Hand Hygiene)
- हाथ संक्रमण का मुख्य स्रोत हैं।
- खाने से पहले, शौचालय के बाद, और बाहर से घर आने पर साबुन या सैनिटाइज़र से हाथ धोएँ।
- यह सरल आदत हर दिन सैकड़ों जर्म्स को रोकती है।
टीकाकरण (Vaccination)
- Vaccination संक्रामक रोग से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है।
- बच्चों को टीबी, डिप्थीरिया, टायफॉयड, हेपेटाइटिस और खसरा के टीके समय पर लगवाएँ।
- COVID-19 और फ्लू के टीके भी जरूरी हैं।
मच्छर से सुरक्षा (Mosquito Protection)
- मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियाँ मच्छरों से फैलती हैं।
- पानी जमने न दे, मच्छरदानी का प्रयोग करे और शरीर को ढककर रखें।
सुरक्षित भोजन और पानी (Safe Food and Water)
- भोजन को ढककर रखें और साफ बर्तन का प्रयोग करें।
- उबला या फिल्टर किया पानी ही पिएँ।
- दूषित भोजन कई Waterborne Diseases का कारण बनता है।
प्रतिरक्षा बढ़ाएँ (Immunity Badhane ke Upay)
- संतुलित भोजन, हरी सब्ज़ियाँ, फल और पर्याप्त पानी पिएँ।
- नींद की कमी या तनाव भी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमज़ोर कर देते हैं।
- Yoga और meditation भी फायदेमंद हैं।
Key Fact: Hand Hygiene + Vaccination से हर साल लाखों जीवन बचाए जा सकते हैं।
संक्रामक रोग का इलाज (Sankramak Rog ka Ilaj)
इलाज रोग के कारण और तीव्रता पर निर्भर करता है।
- Viral Infection: आराम, तरल पदार्थ और डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाएँ।
- Bacterial Infection: एंटीबायोटिक (Doctor ki Salah se hi लें)।
- Fungal Infection: Antifungal क्रीम या गोलियाँ।
- Parasitic Infection: Anti-parasitic दवाएँ।
Doctor se kab mile: अगर बुखार तीन दिन से ज़्यादा रहे, खाँसी बढ़ रही हो, या पेट दर्द व उल्टी बंद न हो तो तुरंत चिकित्सक से मिलें।
Self-medication खतरनाक है। गलत दवा शरीर की प्रतिरक्षा को कमजोर कर सकती है।
सावधानियाँ और महत्वपूर्ण तथ्य (Precautions and Key Facts)
- High-risk groups: बच्चे, गर्भवती महिलाएँ, बुजुर्ग और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग।
- अधूरा इलाज न करें: संक्रमण लौटकर और ज़्यादा गंभीर हो सकता है।
- सफाई का महत्व: साफ कपड़े, साफ पानी और स्वच्छ वातावरण ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।
- Hospital Infection Control: अस्पताल में मास्क, सेनिटाइज़ेशन और गाउन का उपयोग जरूरी है।
Paras Health जैसी संस्थाएँ संक्रमण नियंत्रण (Infection Control) में उन्नत मानक अपनाती हैं ताकि हर मरीज सुरक्षित रहे।
निष्कर्ष (Conclusion)
संक्रामक रोग आज भी दुनिया के लिए चुनौती हैं, लेकिन सही जागरूकता, स्वच्छता और समय पर इलाज से इनसे पूरी तरह बचा जा सकता है। Sankramak Rog se Bachav ke Upay जैसे हाथ धोना, मच्छर से सुरक्षा, टीकाकरण और साफ पानी का उपयोग रोज़मर्रा की आदत बनाना चाहिए।
Paras Health में संक्रमण की पहचान (Diagnosis), रोकथाम (Prevention) और इलाज (Treatment) की उन्नत सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
हमारा उद्देश्य है — हर व्यक्ति स्वस्थ रहे, हर परिवार सुरक्षित रहे।
FAQs
संक्रामक रोग क्या होते हैं?
संक्रामक रोग (Sankramak Rog) वे बीमारियाँ हैं जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलती हैं। ये वायरस, बैक्टीरिया, फंगस या परजीवी के कारण होते हैं और हवा, पानी या संपर्क से फैल सकते हैं।
संक्रामक रोग के कितने प्रकार होते हैं?
संक्रामक रोग चार प्रकार के होते हैं — वायरल, बैक्टीरियल, फंगल और परजीवी संक्रमण। हर प्रकार के रोग के लक्षण और इलाज अलग-अलग होते हैं।
संक्रामक रोग कैसे फैलते हैं?
ये रोग हवा, पानी, संक्रमित व्यक्ति, मच्छरों या दूषित भोजन के माध्यम से फैलते हैं। कई बार खाँसी, छींक या स्पर्श से भी संक्रमण हो सकता है।
संक्रामक रोग के सामान्य लक्षण क्या हैं?
बुखार, खाँसी, थकान, पेट दर्द, उल्टी, दस्त और त्वचा पर दाने इसके आम लक्षण हैं।
गंभीर मामलों में सांस लेने में तकलीफ या कमजोरी भी हो सकती है।
संक्रामक रोग से बचाव कैसे करें?
नियमित रूप से हाथ धोएँ, साफ पानी पिएँ, मच्छरों से बचें और टीकाकरण करवाएँ।
स्वच्छता और Immunity बढ़ाना संक्रमण रोकने के सबसे अच्छे तरीके हैं।
Viral और Bacterial Infection में क्या फर्क है?
Viral Infection वायरस से होता है और इसका इलाज मुख्यतः आराम व तरल पदार्थ से किया जाता है।
Bacterial Infection बैक्टीरिया से होता है और इसमें Antibiotics काम करती हैं।
क्या हर बुखार संक्रामक रोग का संकेत है?
हर बुखार संक्रमण का नहीं होता, परंतु लगातार बुखार रहना या अन्य लक्षण दिखना संक्रामक रोग का संकेत हो सकता है।
ऐसे में डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है।
बच्चों में संक्रामक रोग जल्दी क्यों होते हैं?
बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली (Immunity System) पूरी तरह विकसित नहीं होती, इसलिए वे संक्रमण के प्रति संवेदनशील होते हैं।
स्कूल या सार्वजनिक स्थानों पर बार-बार संपर्क से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
क्या Vaccination से संक्रामक रोग रोके जा सकते हैं?
हाँ, टीकाकरण (Vaccination) कई संक्रामक रोगों जैसे COVID-19, टायफॉयड और हेपेटाइटिस से बचाता है।
समय पर टीके लगवाना बच्चों और बुजुर्गों के लिए बेहद जरूरी है।
क्या संक्रामक रोग घर पर ठीक हो सकते हैं?
हल्के संक्रमण जैसे सर्दी-जुकाम या वायरल बुखार घर पर आराम और तरल पदार्थ से ठीक हो सकते हैं।
लेकिन गंभीर लक्षणों पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए।

Dr. Abhay Jain is a highly experienced Senior Consultant in Internal Medicine at Paras Health, Udaipur, with an MD in Internal Medicine from R.N.T. Medical College. With over two decades of clinical excellence, he is known for accurate diagnosis and effective treatment of chronic diseases, infections, and lifestyle disorders. Trusted by patients across Udaipur, Dr. Jain offers compassionate care and comprehensive internal medicine services. Book an appointment with one of the best internal medicine doctors in Udaipur today.
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