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हृदय रोग के लक्षण और इलाज: हार्ट अटैक के शुरुआती संकेत, कारण व बचाव

हृदय रोग के लक्षण और इलाज की जानकारी
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By Dr. Kunwer Abhishek Ary in Cardiac Sciences

Jun 07, 2025

दिल हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। आज के समय में बदलती जीवनशैली, खानपान की गलत आदतें, तनाव, मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता के कारण हृदय रोग (Heart Disease) बहुत तेजी से बढ़ रहा है। भारत में हार्ट अटैक, हार्ट ब्लॉकेज और कार्डियक फेल्योर जैसी बीमारियाँ आम होती जा रही हैं।

समय रहते हृदय रोग के लक्षण पहचानना और डॉक्टर से सलाह लेना जीवन बचा सकता है। इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि हृदय रोग के लक्षण क्या होते हैं, इसके कारण क्या हैं, इलाज व बचाव कैसे संभव है और कब डॉक्टर से मिलना चाहिए।

हृदय रोग क्या है? (What is Heart Disease?)

हृदय रोग यानी Cardiovascular Disease (CVD) दिल और रक्त वाहिनियों से जुड़ी कई बीमारियों का समूह है। इसमें शामिल हैं:

  • कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease)
  • हार्ट अटैक (Myocardial Infarction)
  • हार्ट फेल्योर (Heart Failure)
  • एरिदमिया (Arrhythmia)
  • वाल्व डिजीज (Valve Disorders)
  • जन्मजात हृदय रोग (Congenital Heart Disease)

ये रोग धीरे-धीरे बढ़ते हैं और अक्सर शुरुआती लक्षणों को लोग नजरअंदाज कर देते हैं।

हृदय रोग के मुख्य लक्षण (Main Symptoms of Heart Disease)

सीने में दर्द या जकड़न (Chest Pain)

  • भारीपन, दबाव, जलन या जकड़न महसूस होना
  • दर्द बाएं हाथ, जबड़े, पीठ या गर्दन तक फैल सकता है

सांस फूलना (Shortness of Breath)

  • हल्की मेहनत पर भी सांस फूलना
  • सोते समय सांस में रुकावट आना

ठंडा पसीना आना (Cold Sweating)

  • बिना किसी मेहनत के पसीना आना

अत्यधिक थकावट (Extreme Fatigue)

  • छोटी-छोटी गतिविधियों में भी थकावट महसूस होना

धड़कनों में गड़बड़ी (Irregular Heartbeat)

  • दिल की धड़कन तेज या अनियमित होना

बेहोशी या चक्कर आना (Dizziness)

  • खड़े होने पर सिर चकराना या बेहोश हो जाना

टांगों व पैरों में सूजन (Swelling)

  • पैरों, टखनों व पेट में सूजन आना

हार्ट अटैक के शुरुआती संकेत (Early Signs of Heart Attack)

  • छाती के बीच में दबाव या दर्द
  • बाएं हाथ में झनझनाहट या दर्द
  • सांस फूलना
  • अत्यधिक पसीना आना
  • कमजोरी व घबराहट

महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण (Heart Attack Symptoms in Women)

महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण कई बार अलग हो सकते हैं:

  • मतली या उल्टी
  • पीठ, जबड़े या गर्दन में दर्द
  • अत्यधिक थकावट
  • नींद में परेशानी
  • हल्का सा सीने में दबाव

इसलिए महिलाओं को भी इन संकेतों पर सतर्क रहना चाहिए।

हृदय रोग के प्रमुख कारण (Major Causes of Heart Disease)

कारण

विवरण

हाई ब्लड प्रेशर (High BP)

धमनियों पर ज्यादा दबाव

हाई कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol)

धमनियों में फैट जमा

डायबिटीज (Diabetes)

हृदय पर असर

धूम्रपान व शराब (Smoking & Alcohol)

दिल पर सीधा प्रभाव

मोटापा (Obesity)

 हृदय पर अतिरिक्त भार

तनाव (Stress)

हार्मोनल असंतुलन

पारिवारिक इतिहास (Family History)

जेनेटिक कारण

कब डॉक्टर से मिलना चाहिए?

  • बार-बार सीने में दर्द होना
  • थोड़ी मेहनत पर भी सांस फूलना
  • दिल की धड़कन तेज़ या अनियमित होना
  • चक्कर या बेहोशी आना
  • अचानक थकावट
  • पैरों में सूजन आना

इन लक्षणों के दिखते ही तुरंत कार्डियोलॉजिस्ट से मिलें। देर करना खतरनाक हो सकता है।

हृदय रोग की जांच कैसे होती है?

जांच (Test)

विवरण (Details)

ईसीजी (ECG)

दिल की लय को जांचना

इकोकार्डियोग्राफी (Echocardiography)

दिल की बनावट देखना

स्ट्रेस टेस्ट (TMT)

व्यायाम के दौरान हृदय की कार्यक्षमता देखना

कार्डियक एंजियोग्राफी (Angiography)

धमनियों के ब्लॉकेज की जांच

लिपिड प्रोफाइल (Lipid Profile)

कोलेस्ट्रॉल की मात्रा देखना

ब्लड शुगर टेस्ट (Blood Sugar)

डायबिटीज की जांच

हृदय रोग से बचाव के उपाय (Preventive Measures for Heart Disease)

  • रोजाना 30-40 मिनट की वॉक करें
  • कम नमक, कम तेल व संतुलित आहार लें
  • धूम्रपान व शराब से दूरी बनाएं
  • तनाव कम करें (योग, मेडिटेशन करें)
  • वजन नियंत्रित रखें
  • समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराएं
  • पर्याप्त नींद लें

40 वर्ष की उम्र के बाद हर साल कार्डियक चेकअप कराना बेहद जरूरी है।

अगर लक्षण दिखें तो क्या करें? (What to Do If Symptoms Appear?)

  • तुरंत पास के अस्पताल जाएं
  • एंबुलेंस बुलाएं, खुद ड्राइव न करें
  • घर पर एस्पिरिन केवल डॉक्टर की सलाह से लें
  • देर करना जानलेवा हो सकता है

निष्कर्ष (Conclusion)

हृदय रोग एक साइलेंट किलर है। शुरुआती लक्षणों को पहचान कर समय पर इलाज करवाना जीवन की सुरक्षा है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, समय-समय पर चेकअप कराएं और दिल का ख्याल रखें।

अपॉइंटमेंट बुक करें (Book Your Appointment)

अगर आपको या आपके किसी परिजन को दिल से संबंधित लक्षण दिखें तो तुरंत हमारे हृदय रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।

अपॉइंटमेंट के लिए कॉल करें: 8080808069
नजदीकी Paras Health (गुरुग्राम, पटना, पंचकूला, श्रीनगर, रांची, दरभंगा, कानपुर, उदयपुर) पर विजिट करें।

 

हृदय रोग / हार्ट अटैक से जुड़े सामान्य प्रश्न (Frequently Asked Questions on Heart Disease / Heart Attack)

हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षण क्या होते हैं?

सीने में दबाव या दर्द, बाएं हाथ में दर्द या सुन्नता, सांस फूलना, ठंडा पसीना आना, अचानक कमजोरी और चक्कर आना हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। समय रहते इन्हें पहचानना जीवन बचा सकता है।

हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण कैसे पहचानें?

सीने में भारीपन, हल्का दर्द जो बाएं हाथ, जबड़े या पीठ तक जाए, सांस फूलना, थकावट और तेज धड़कन हार्ट ब्लॉकेज के संकेत हो सकते हैं।

दिल की बीमारी के लिए कौन-कौन से टेस्ट जरूरी होते हैं?

ECG, इकोकार्डियोग्राफी, स्ट्रेस टेस्ट (TMT), कार्डियक एंजियोग्राफी, लिपिड प्रोफाइल और ब्लड शुगर टेस्ट दिल की बीमारी की पहचान के लिए किए जाते हैं।

हृदय रोग से बचने के लिए कौन-कौन से उपाय करें?

नियमित व्यायाम करें, संतुलित आहार लें, धूम्रपान और शराब से दूर रहें, तनाव कम करें, वजन नियंत्रित रखें और समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराएं।

महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण कैसे होते हैं?

महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण हल्के हो सकते हैं: मतली, उल्टी, पीठ या जबड़े में दर्द, अत्यधिक थकान, नींद में परेशानी और हल्का सीने में दबाव।

हाई ब्लड प्रेशर से हृदय रोग का कितना खतरा है?

हाई ब्लड प्रेशर हृदय की धमनियों पर दबाव बढ़ाता है, जिससे हार्ट ब्लॉकेज, हार्ट फेल्योर और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। इसे नियंत्रित रखना बहुत जरूरी है।

हृदय रोग किन लोगों को सबसे अधिक होता है?

हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, धूम्रपान, मोटापा, खराब जीवनशैली और पारिवारिक इतिहास वाले लोग सबसे ज्यादा जोखिम में होते हैं।

हार्ट अटैक आने पर क्या करें?

तुरंत नजदीकी अस्पताल जाएं, एंबुलेंस बुलाएं, खुद वाहन न चलाएं और डॉक्टर की सलाह अनुसार प्राथमिक दवा लें। समय पर इलाज जीवन बचा सकता है।

हृदय रोग का इलाज कैसे होता है?

इलाज में जीवनशैली में सुधार, दवाइयां, एंजियोप्लास्टी, बायपास सर्जरी, और नियमित निगरानी शामिल होती है। इलाज का तरीका रोग की गंभीरता पर निर्भर करता है।

कितनी उम्र के बाद हार्ट चेकअप कराना जरूरी है?

40 वर्ष की उम्र के बाद हर व्यक्ति को सालाना कार्डियक चेकअप कराना चाहिए, खासकर यदि परिवार में दिल की बीमारी का इतिहास हो।

Kunwer Abhishek Ary
Dr. Kunwer Abhishek Ary
Consultant - CARDIOLOGY
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