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मुंह के कैंसर की जल्दी पहचान क्यों है इतनी ज़रूरी?

By Dr. Alankrita Singh in Onco Care

Oct 24, 2025

भारत में हर साल लगभग 1 लाख से अधिक लोग मुंह के कैंसर (Oral Cancer) से पीड़ित पाए जाते हैं। यह कैंसर भारत में सबसे आम कैंसरों में से एक है, खासकर उन लोगों में जो तंबाकू, गुटखा, खैनी, पान मसाला या शराब का सेवन करते हैं।

कई बार यह बीमारी धीरे-धीरे शुरू होती है और शुरुआती लक्षण बहुत मामूली लगते हैंजैसे कि मुँह में छाला, सफेद या लाल दाग, या हल्की सूजन। लोग सोचते हैं कि यह सामान्य है और खुद ही ठीक हो जाएगा।
लेकिन यही लापरवाही भविष्य में गंभीर बीमारी में बदल सकती है।

अगर मुंह के कैंसर की पहचान शुरुआती अवस्था में हो जाए, तो इसका इलाज बेहद आसान और पूरी तरह संभव है। इसलिए, जागरूकता ही सबसे बड़ी रोकथाम है।

मुंह का कैंसर क्या होता है?

मुंह का कैंसर (Oral Cancer) एक प्रकार का head and neck cancer है, जो मुँह के किसी भी हिस्से में हो सकता हैजैसे होंठ, जीभ, मसूड़े, गाल, तालु या गले का हिस्सा। यह तब होता है जब मुँह की कोशिकाएँ (cells) अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और एक गांठ (lump) या घाव (sore) का रूप ले लेती हैं। समय के साथ ये कोशिकाएँ आसपास के टिश्यूज़ और अंगों को भी नुकसान पहुँचाती हैं।

भारत में यह कैंसर पुरुषों में ज़्यादा पाया जाता है, लेकिन अब महिलाओं और युवाओं में भी इसके मामले बढ़ रहे हैं।
इसकी सबसे बड़ी वजह है तंबाकू और पान मसाला का बढ़ता उपयोग और कम जागरूकता।

मुंह के जिन हिस्सों में कैंसर हो सकता है:

  • होंठ (Lips)
  • जीभ (Tongue)
  • मसूड़े (Gums)
  • गाल के अंदर (Cheek lining)
  • तालु (Roof of mouth)
  • गले का पिछला हिस्सा (Oropharynx)

मुंह का कैंसर के शुरुआती लक्षण (Early Signs and Symptoms)

कैंसर धीरे-धीरे बढ़ता है, लेकिन यह शरीर को पहले से संकेत देता है। इन संकेतों को पहचान लेना ही ज़िंदगी बचाने की पहली कदम है।

1. मुँह में सफेद या लाल धब्बे (White or Red Patches)

अगर मुँह के अंदर सफेद (leukoplakia) या लाल (erythroplakia) दाग दिखें जो दो हफ्ते से ज़्यादा रहें और दर्द करेंतो यह कैंसर की शुरुआत हो सकती है।
कई बार यह जगहें थोड़ी खुरदरी महसूस होती हैं या उनमें हल्का जलन का एहसास होता है।

2.  ठीक होने वाला छाला या घाव (Non-Healing Sore)

अगर मुँह के अंदर या जीभ पर कोई छाला 2 हफ्ते बाद भी ठीक हो, या बार-बार वहीं लौट आए, तो इसे सामान्य ulcer समझने की गलती करें।
कैंसर के छाले अक्सर दर्दरहित होते हैं, लेकिन धीरे-धीरे आकार बढ़ाते हैं।

3. गाल या जबड़े में गांठ या सूजन (Lump or Swelling)

अगर मुँह या जबड़े के किसी हिस्से में कठोरपन या गांठ महसूस हो, या एक तरफ का चेहरा भारी लगे, तो यह abnormal growth का संकेत हो सकता है।
कभी-कभी यह सूजन बाहर से दिखती भी नहीं है, लेकिन खाने या बोलने में असुविधा पैदा करती है।

4. बोलने या निगलने में परेशानी (Difficulty in Speaking or Swallowing)

अगर खाना निगलते समय दर्द या रुकावट महसूस हो रही है, या बोलते समय जुबान फिसल रही है, तो यह मुँह या गले के कैंसर का संकेत हो सकता है।
कैंसर अक्सर मुँह के निचले हिस्से या जीभ के बेस पर शुरू होता है, जिससे ये लक्षण जल्दी दिखते हैं।

5. दर्द, जलन या सुन्नपन (Pain, Burning or Numbness)

मुँह या जीभ में लगातार दर्द या जलन रहनाखासकर बिना किसी चोट केएक early warning है।
कुछ मरीजों को मुँह के हिस्सों में सुन्नपन (numbness) भी महसूस होता है, जो nerve damage के कारण होता है।

6. दाँत ढीले होना या डेंचर फिट होना (Loose Teeth / Denture Fit Change)

अगर आपके दाँत पहले मजबूत थे और अचानक ढीले पड़ने लगे, या denture पहले जैसा फिट हो, तो यह हड्डियों में कैंसर की वजह से structural change का संकेत हो सकता है।

7. मुँह से खून आना (Bleeding in Mouth)

बिना किसी कारण के मुँह से बार-बार खून आना भी शुरुआती संकेत हो सकता है।

8. मुँह से बदबू आना (Persistent Bad Breath)

कैंसर के टिश्यूज़ टूटने से संक्रमण और बदबू पैदा हो सकती है। अगर मुँह की सफाई के बाद भी बदबू बनी रहे, तो यह चेतावनी है।

9. वजन घटना या थकान रहना (Unexplained Weight Loss)

कैंसर शरीर की ऊर्जा कम करता है। इसलिए बिना डाइट बदले वजन घटना या हमेशा थकान रहना भी संकेत हो सकता है।

मुंह का कैंसर के कारण (Causes and Risk Factors)

1. तंबाकू और पान मसाला (Tobacco & Betel Quid Use)

भारत में 70% से अधिक केस तंबाकू से जुड़े हैं। चाहे वह smoking (cigarette, bidi) हो या chewing (gutkha, khaini, paan masala) — सभी में carcinogens होते हैं जो DNA को नुकसान पहुंचाते हैं।

2. शराब (Alcohol)

जो लोग लंबे समय तक शराब पीते हैं, उनमें मुँह और गले की कोशिकाएँ कमज़ोर पड़ जाती हैं।
जब शराब और तंबाकू दोनों साथ लिए जाते हैं, तो खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

3. HPV संक्रमण (HPV Infection)

Human Papilloma Virus (HPV) गले और जीभ के कैंसर से जुड़ा है। यह oral contact के ज़रिए फैल सकता है।

4. सूर्य की किरणें (Sun Exposure)

ज्यादा समय धूप में रहने से होठों की त्वचा को नुकसान पहुँचता है, जिससे lip cancer का खतरा बढ़ता है।

5. मुँह की सफाई की कमी (Poor Oral Hygiene)

तेज़ दाँत या गलत फिटिंग वाले dentures से बार-बार irritation होना टिश्यू को नुकसान पहुँचाता है।

6. Genetic & Family History

अगर परिवार में किसी को head-neck cancer हुआ है, तो जोखिम दोगुना हो जाता है।

मुंह का कैंसर की पहचान कैसे करें (How to Detect Muh Ka Cancer Early)

घर पर Self Examination (At-Home Check)

हर व्यक्ति को महीने में एक बार अपने मुँह की जांच करनी चाहिए।

  1. Mirror और bright light के साथ मुँह के सभी हिस्सों को देखें।
  2. होंठ, जीभ, गाल, मसूड़े, तालु और गले को ध्यान से निरीक्षण करें।
  3. किसी भी तरह का दाग, छाला, रंग या texture में बदलाव दिखे, तो इसे नज़रअंदाज़ करें।
  4. किसी हिस्से को छूने पर दर्द या कठोरपन महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।

Tip:

"Bas do minute ka self-check aapki zindagi bachaa sakta hai."

Professional Screening (By Doctor or Dentist)

  • Dentist या ENT specialist mirror और special lights की मदद से आपके मुँह का हर कोना जांचते हैं।
  • किसी भी suspicious हिस्से की biopsy ली जाती है।
  • Regular dental check-up हर 6 महीने में करवाना चाहिए।

मुंह का कैंसर की जांच (Diagnosis and Tests)

  1. Biopsy: यह सबसे महत्वपूर्ण टेस्ट है जिसमें डॉक्टर कैंसर की संभावना वाले हिस्से से छोटा tissue sample निकालते हैं और microscopic जांच करते हैं।
  2. Imaging Tests (CT/MRI/PET): इनसे यह पता चलता है कि कैंसर कितना फैला है और कौन-से हिस्सों को प्रभावित कर रहा है।
  3. HPV Testing: HPV infection वाले throat cancer के मामलों में यह टेस्ट किया जाता है।
  4. Blood Tests: इनसे शरीर की सामान्य स्थिति और अन्य अंगों के कार्य का मूल्यांकन किया जाता है।

डॉक्टर को कब दिखाएँ (When to See a Doctor)

  • मुँह में कोई छाला या घाव 2 हफ्ते से ठीक नहीं हुआ हो।
  • मुँह या जीभ में दर्द, सूजन, या सुन्नपन बना रहे।
  • सफेद या लाल दाग लगातार बने रहें।
  • बोलने, निगलने या खाने में दिक्कत हो।
  • मुँह से बार-बार खून आए या बदबू बनी रहे।

“Delay mat karein — early detection se treatment simple aur effective hota hai.”

मुंह के कैंसर से बचाव (Prevention Tips)

  1. तंबाकू और शराब से दूरी रखें।

    कैंसर से बचाव का सबसे आसान तरीका है इन आदतों को पूरी तरह छोड़ देना।
  2. सूरज से सुरक्षा करें।

    SPF युक्त lip balm का इस्तेमाल करें, खासकर outdoor काम करने वालों के लिए।
  3. संतुलित आहार लें।

    Vitamin A, C, E वाले फल और सब्जियाँ कोशिकाओं को मजबूत बनाते हैं।
  4. मुँह की सफाई रखें।

    दिन में दो बार brushing करें, mouthwash का उपयोग करें, और tongue cleaning भूलें।
  5. हर 6 महीने में dental check-up कराएँ।

    छोटी समस्या का समय पर इलाज future में बड़ी बीमारी को रोक सकता है।
  6. Stress कम करें और पर्याप्त नींद लें।

    तनाव शरीर की immunity कम करता है, जिससे infection और कैंसर का खतरा बढ़ता है।

जल्दी पहचान क्यों ज़रूरी है (Why Early Detection Saves Lives)

  • Early stage में इलाज आसान होता हैकई बार सिर्फ surgery से पूरा ठीक हो सकता है।
  • Recovery तेज़ होती है और जीवन गुणवत्ता बेहतर रहती है।
  • Late stage में बीमारी फैलने पर radiation और chemotherapy की ज़रूरत पड़ती है।
  • Early detection से survival rate 80–90% तक बढ़ जाता है।

Paras Health के doctors आधुनिक तकनीक और compassion के साथ हर मरीज को personalized treatment प्रदान करते हैं।

Paras Health में मुंह के कैंसर की जांच (Screening & Treatment)

Paras Health के सभी केंद्रों पर उपलब्ध हैं:

  • Advanced Oral Cancer Screening Technology
  • ENT और Oncology Specialists की विशेषज्ञ टीम
  • Biopsy और Imaging Facilities
  • Multidisciplinary Treatment Approach
  • Patient Counselling और Post-treatment Care

अगर मुँह में कोई दाग या घाव 2 हफ्ते से ठीक नहीं हो रहा है, तो आज ही screening करवाएँ।
अपने नज़दीकी Paras Health Hospital जाएँ।

Key Facts (महत्वपूर्ण तथ्य)

  • भारत में हर साल लगभग 1 लाख नए केस सामने आते हैं।
  • यह पुरुषों में सबसे आम कैंसर है।
  • 70% से ज़्यादा केस तंबाकू और गुटखा से जुड़े हैं।
  • शुरुआती अवस्था में पकड़े जाने पर इलाज की सफलता दर 90% तक होती है।

देर से पहचान होने पर survival rate 40% तक गिर जाता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

मुंह का कैंसर एक गंभीर लेकिन रोकथाम योग्य बीमारी है। इसकी शुरुआती पहचान और नियमित जांच से इस बीमारी को पूरी तरह रोका जा सकता है।

“Bas do minute ka self-check aapki zindagi bachaa sakta hai.”

Paras Health की oncology और ENT टीम हर मरीज को advanced screening, सही diagnosis और compassionate treatment प्रदान करती है।

FAQs

मुंह का कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या होते हैं?

मुँह में सफेद या लाल दाग, ठीक होने वाले छाले, या गाल में गांठ शुरुआती संकेत हैं। अगर ये लक्षण दो हफ्ते से ज़्यादा बने रहें या बढ़ते जाएँ, तो डॉक्टर से जांच ज़रूर करवाएँ।

क्या मुँह के छाले से कैंसर हो सकता है?

साधारण छाले नहीं, लेकिन अगर छाला बार-बार होता है, बढ़ता है या ठीक नहीं होता, तो यह precancerous बदलाव हो सकता है। समय रहते biopsy करवाना जरूरी है।

मुंह का कैंसर कैसे पहचाने?

Mirror में हर हफ्ते मुँह देखें। किसी हिस्से में दाग, दर्द, खून या कठोरपन दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। Self-exam habit बनाना ज़रूरी है।

क्या तंबाकू छोड़ने से कैंसर का खतरा कम होता है?

हाँ, तंबाकू छोड़ने के कुछ सालों में मुंह के कैंसर का खतरा आधा हो जाता है। लंबे समय तक abstinence से risk लगभग सामान्य हो सकता है।

मुंह के कैंसर की जांच कैसे होती है?

Biopsy सबसे सटीक जांच है। इसके अलावा CT, MRI और PET scans से बीमारी की स्थिति और फैलाव पता चलता है।

क्या मुंह का कैंसर दर्द देता है?

शुरुआती stage में नहीं, लेकिन बढ़ने पर दर्द, जलन और बोलने में कठिनाई होती है। इसी वजह से awareness बहुत ज़रूरी है।

मुंह का कैंसर का इलाज कैसे होता है?

Surgery, radiation और chemotherapy इसके मुख्य उपचार हैं। Early detection से इलाज सरल, सस्ता और अधिक सफल होता है।

मुंह का कैंसर किसे ज़्यादा होता है?

जो लोग तंबाकू, गुटखा, खैनी, शराब या पान मसाला का सेवन करते हैं, उनमें खतरा सबसे अधिक होता है।

क्या मुंह का कैंसर पूरी तरह ठीक हो सकता है?

हाँ, अगर इसे शुरुआती अवस्था में पकड़ा जाए तो यह पूरी तरह ठीक हो सकता है। Early detection सबसे बड़ा इलाज है।

मुंह का कैंसर से कैसे बचें?

तंबाकू और शराब से दूरी, oral hygiene, healthy diet और regular screening से मुंह का कैंसर रोका जा सकता है। Prevention is always better than cure.

Content Medically Written & Approved by
Dr. Alankrita Singh
Consultant • RADIATION ONCOLOGY

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