Chat with us on WhatsApp

सामान्य शरीर का तापमान कितना होना चाहिए? | Complete Guide in Hindi

सामान्य शरीर का तापमान कितना होना चाहिए? | Complete Guide in Hindi
Book Appointment
By Dr. Saraswati Kushwah in Internal Medicine

Jul 30, 2025

क्या 99 डिग्री बुखार होता है? 
बच्चों और बुज़ुर्गों का तापमान अलग क्यों होता है? 
बुखार कब खतरनाक होता है? 

ये ऐसे सवाल हैं जो हम सभी के मन में आते हैं, खासकर जब किसी अपने को बुखार होता है 
इस ब्लॉग में हम आसान भाषा में जानेंगे कि: 

  • शरीर का सामान्य तापमान कितना होता है? 
  • तापमान कैसे मापें? 
  • बुखार कब मानें? 
  • बच्चों और बुज़ुर्गों के लिए अलग तापमान क्यों होता है? 
  • घरेलू उपाय और सावधानियाँ 
  • कोरोना, वायरल और डेंगू में तापमान कैसा रहता है 
  • और बहुत से सवालों के जवाब 
 

शरीर का सामान्य तापमान क्या होता है?

मानव शरीर का सामान्य तापमान:

यूनिट

 सामान्य सीमा

सेल्सियस (Celsius) 

36.1°C से 37.2°C

फॉरेनहाइट (Fahrenheit)

97°F से 99°F

आमतौर पर हम 98.6°F (37°C) को “normal body temperature” मानते हैं।
पर ध्यान दें – हर व्यक्ति का “normal” थोड़ा अलग हो सकता है। कुछ का 97.5°F भी सामान्य होता है।

दिन के समय के अनुसार तापमान में बदलाव

  • सुबह का तापमान: थोड़ा कम (97°F के आस-पास)
  • शाम का तापमान: थोड़ा ज़्यादा (98.6°F - 99°F तक हो सकता है)
  • रात में: फिर हल्का कम हो जाता है

इसलिए एक बार तापमान बढ़ा दिखे तो घबराएं नहीं, 2-3 बार दिन भर में मापें।

उम्र के अनुसार सामान्य तापमान

बच्चों में:

  • सामान्य सीमा: 36.4°C – 37.5°C (97.5°F – 99.5°F)
  • बच्चों का मेटाबॉलिज़्म तेज होता है, इसलिए उनका तापमान वयस्कों से थोड़ा ज़्यादा हो सकता है।

बुज़ुर्गों में:

  • सामान्य तापमान: 36°C – 36.8°C (96.8°F – 98.2°F)
  • उम्र के साथ मेटाबॉलिज़्म धीमा हो जाता है, जिससे तापमान थोड़ा कम रहता है।

बुखार कब माना जाता है?

तापमान (Fahrenheit)

बुखार का प्रकार

 99°F – 100.3°F

हल्का बुखार (Low-grade)

 

100.4°F – 102°F

 

 सामान्य बुखार 

102°F – 103.5°F

तेज बुखार

104°F +

बहुत तेज बुखार – सावधानी ज़रूरी

105°F +

आपात स्थिति – तुरंत डॉक्टर से मिलें

Same range in Celsius: 

37.2°C से ज़्यादा तापमान बुखार की शुरुआत मानी जाती है। 

तापमान बढ़ने के सामान्य कारण 

  • वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण
  • कोरोना वायरस संक्रमण
  • थकान या डिहाइड्रेशन
  • गर्म मौसम या सनस्ट्रोक
  • हार्मोनल बदलाव
  • ज्वाइंट इन्फेक्शन या टॉन्सिल
  • लंबे समय तक भारी व्यायाम

शरीर का तापमान कम क्यों होता है? (Subnormal Temperature) 

  • Hypothermia: जब तापमान 35°C से नीचे चला जाए 
  • ज्यादा ठंड में रहना 
  • कमजोरी, कुपोषण 
  • हार्ट, थायरॉयड या न्यूरोलॉजिकल समस्या 
  • सर्जरी या एनेस्थीसिया के बाद

थर्मामीटर से तापमान कैसे मापें?

Digital Thermometer से मापने का सही तरीका:

  1. थर्मामीटर चालू करें
  2. जीभ के नीचे या बगल में रखें
  3. बीप आने तक न हटाएं
  4. टेम्परेचर पढ़ें
  5. साफ करें

बच्चों के लिए forehead/ear thermometer उपयोग करें
बुज़ुर्गों के लिए भी forehead thermometer आरामदायक होता है

कोरोना, वायरल और अन्य बीमारियों में तापमान

बीमारी

 तापमान सीमा

अन्य लक्षण

कोविड-19

99°F – 101°F

गंध न आना, खांसी, सांस फूलना

वायरल फीवर

100°F – 102°F

बदन दर्द, थकान, सिरदर्द

 डेंगू 

102°F – 105°F

प्लेटलेट्स गिरना, लाल चकत्ते

टाइफाइड

100°F – 103°F

पेट दर्द, भूख न लगना

अगर बुखार के साथ कोई और गंभीर लक्षण हो, तो जांच ज़रूरी है। 

बुखार का घरेलू इलाज 

  • ठंडे पानी की पट्टी सिर पर रखें 
  • तुलसी, अदरक और हल्दी वाली चाय पिएं 
  • नारियल पानी और सादा खाना लें 
  • खिचड़ी, दाल, और सूप लें 
  • आराम करें और खुद को हाइड्रेट रखें 

क्या करें और क्या न करें? 

करें: 

  • दिन में 2-3 बार तापमान मापें 
  • हल्का और सुपाच्य भोजन लें 
  • आराम करें और नींद पूरी करें 
  • डॉक्टर से संपर्क करें अगर बुखार 2 दिन से ज़्यादा हो 

न करें: 

  • सेल्फ मेडिकेशन (खासकर एंटीबायोटिक) 
  • भारी खाना या तली चीज़ें 
  • बहुत ज़्यादा कपड़े या रजाई ओढ़ना 
  • बुखार को अनदेखा करना

❓अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (Extended FAQs)

Q1. क्या 99 डिग्री को बुखार कहा जा सकता है?

A: यह हल्का बुखार हो सकता है, लेकिन लक्षणों के साथ देखना चाहिए – जैसे कंपकंपी, कमजोरी आदि।

Q2. क्या हर बार तापमान मापना ज़रूरी है?

A: अगर कोई लक्षण नहीं हैं, तो बार-बार मापने की ज़रूरत नहीं। पर बुखार हो तो हर 6 घंटे में तापमान मापना चाहिए।

Q3. क्या बच्चों में 100°F पर डॉक्टर से मिलना चाहिए?

A: अगर बच्चा खाना नहीं खा रहा, सुस्त है, या दौरे जैसी स्थिति है तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।

Q4. क्या बुखार खुद से ठीक हो सकता है?

A: हां, वायरल फीवर अधिकतर 3-5 दिन में खुद ठीक हो जाता है। पर यदि तेज बुखार हो तो डॉक्टर से सलाह लें।

Q5. क्या बार-बार बुखार आना किसी गंभीर बीमारी का संकेत है?

A: हां, यह TB, टाइफाइड, मलेरिया या इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी का संकेत हो सकता है।

Q6. थर्मामीटर में सेल्सियस और फॉरेनहाइट – कौन सा पढ़ना ठीक है?

A: दोनों मान्य हैं। भारत में ज़्यादातर लोग Fahrenheit का उपयोग करते हैं। पर मेडिकल फॉर्मेट में Celsius भी ठीक है।

Q7. क्या बुखार में ठंडा पानी पीना चाहिए?

A: सामान्य तापमान का पानी पिएं। बहुत ठंडा पानी गले में दिक्कत कर सकता है।

Q8. क्या बुखार में नहाना सही है?

A: हल्का गुनगुना पानी उपयोग करें। तेज बुखार हो तो नहाने से बचें।

Q9. क्या दिन भर कंपकंपी आने का मतलब है कि तापमान बढ़ा है?

A: कंपकंपी अक्सर बुखार के साथ आती है, पर डायबिटीज़ या थायरॉयड के मरीजों में भी हो सकती है।

Q10. क्या सिर पर बर्फ की पट्टी रखना सही है?

A: हां, पर सीधी बर्फ न रखें – कपड़े में लपेटकर रखें।

Q11. क्या मौसम बदलने पर भी तापमान बढ़ सकता है?

A: हां, तापमान में बदलाव शरीर को प्रभावित कर सकता है। लेकिन अगर लंबे समय तक बुखार रहे तो चिकित्सीय जांच करवाएं।

Q12. अगर थर्मामीटर न हो तो तापमान कैसे पहचानें?

A: हथेली, गर्दन या पीठ पर हाथ रखकर गर्मी महसूस की जा सकती है। पर सही जानकारी के लिए थर्मामीटर ज़रूरी है।

निष्कर्ष: शरीर का तापमान = सेहत का आईना

शरीर का तापमान आपके स्वास्थ्य का सीधा संकेत है। इसे नजरअंदाज न करें।
थोड़ी जानकारी और सावधानी से आप समय रहते समस्या को पहचान सकते हैं और सही कदम उठा सकते हैं।

याद रखें:
98.6°F सिर्फ एक संख्या नहीं, बल्कि सेहत का बैरोमीटर है!

Dr. Saraswati Kushwah
Consultant • INTERNAL MEDICINE

Meet The Doctor

Recent Blogs

नींबू पानी के फायदे और नुकसान – सेवन का सही तरीका जानें
नींबू — छोटा सा पीला फल, लेकिन इसके अंदर छिपे हैं सेहत के अनगिनत राज़। भारत में शायद ही कोई रसोई ऐसी हो जहाँ नींबू न हो। चाहे खाने में स्वाद बढ़ाना हो, सर्दी-जुकाम भगाना हो, वजन घटाना हो या चेहरे पर चमक लानी हो — नींबू हर काम में असरदार साबित होता है।
Continue Reading
संक्रामक रोग (Sankramak Rog) क्या हैं – उनके प्रकार, लक्षण और बचाव के उपाय
संक्रामक रोग या संचारी रोग (Sanchari Rog) ऐसी बीमारियाँ हैं जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक संक्रमण (Infection) के माध्यम से फैलती हैं। इन रोगों के मुख्य कारण वायरस (Virus), बैक्टीरिया (Bacteria), फंगस (Fungus) और परजीवी (Parasite) जैसे सूक्ष्मजीव हैं जो हमारी शरीर में घुसकर बीमारी उत्पन्न कर देते हैं।
Continue Reading
पाचन स्वास्थ्य के लिए फाइबर युक्त भोजन (Fiber se Bharpur Khadya Padarth)
हम जो खाना खाते हैं, वही हमारे स्वास्थ्य की नींव तय करता है। अगर भोजन संतुलित हो तो शरीर मज़बूत रहता है और बीमारियाँ पास नहीं आतीं। लेकिन जब पाचन तंत्र (digestive system) गड़बड़ हो जाए, तो कब्ज, गैस, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याएँ शुरू हो जाती हैं।
Continue Reading
एंटीऑक्सीडेंट क्या होते हैं और ये शरीर के लिए क्यों ज़रूरी हैं?
आजकल आप अक्सर सुनते होंगे – “एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फल खाएँ”, “ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं”, या “एंटीऑक्सीडेंट सप्लीमेंट्स सेहत के लिए अच्छे होते हैं”। लेकिन असल में एंटीऑक्सीडेंट होते क्या हैं? और हमारे शरीर को इनकी ज़रूरत क्यों होती है?
Continue Reading
मोरिंगा पाउडर (सहजन पाउडर) : वजन घटाने, डायबिटीज़ और इम्युनिटी के फायदे
आजकल स्वास्थ्य और पोषण की बात हो तो मोरिंगा पाउडर (सहजन पाउडर) सबसे ज़्यादा चर्चा में है। इसे “मिरेकल ट्री” यानी चमत्कारी पेड़ भी कहा जाता है। सहजन की पत्तियों को सुखाकर बनाया गया यह पाउडर प्रोटीन, विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है।
Continue Reading
खाने में ऑलिव ऑयल इस्तेमाल करने के फायदे और सावधानियाँ
आजकल हेल्दी खाने की बात होती है तो ऑलिव ऑयल (Olive Oil) का नाम सबसे पहले आता है। इसे दुनिया भर में “हेल्दी फैट” और “हार्ट-फ्रेंडली ऑयल” कहा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि खाने में ऑलिव ऑयल इस्तेमाल करने के फायदे और सावधानियाँ दोनों ही हैं?
Continue Reading
पैरों और टांगों में सूजन: कारण और इलाज
कभी-कभी लंबे समय तक खड़े रहने, बैठने या ज्यादा चलने के बाद पैरों में हल्की सूजन आ जाती है। यह सामान्य है और आराम करने पर ठीक भी हो जाती है। लेकिन अगर पैरों और टांगों में सूजन बार-बार हो या बिना कारण हो रही हो, तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है।
Continue Reading
View all Blogs
loading