Chat with us on WhatsApp

गर्भावस्था में कितना पानी पीना चाहिए? जानिए सही मात्रा (Pregnancy me kitna pani pina chahiye?)

गर्भावस्था में कितना पानी पीना चाहिए? जानिए सही मात्रा (Pregnancy me kitna pani pina chahiye?)
Book Appointment
By Dr. Akanksha Tripathi in Obstetrics & Gynaecology

Jul 2, 2025

अगर आप ये जानना चाहती हैं कि "गर्भावस्था में कितना पानी पीना चाहिए?", तो आप अकेली नहीं हैं। गर्भावस्था में हर छोटी चीज़ मायने रखती हैखासकर पानी पीना। यह न सिर्फ आपकी सेहत बल्कि आपके होने वाले बच्चे के विकास के लिए भी बेहद ज़रूरी है।

थोड़ी सी जानकारी और समझ से आप आसानी से अपनी डेली वॉटर इंटेक (daily water intake in pregnancy) को सही रख सकती हैं।

इस ब्लॉग में हम जानेंगे: 

  • गर्भावस्था में पानी पीना क्यों ज़रूरी है? (Importance of hydration during pregnancy)
  • गर्भवती महिला को कितना पानी पीना चाहिए रोज़? (Pregnant women water requirement per day)
  • एक आसान पानी पीने का शेड्यूल (water drinking schedule for pregnant women)
  • डिहाइड्रेशन के लक्षण और असर (Signs of dehydration in pregnancy)
  • क्या बहुत ज़्यादा पानी पीना भी नुकसानदेह है?
  • कौन से और तरल पदार्थ ले सकते हैं प्रेगनेंसी में?
  • कुछ ज़रूरी बातें जो शायद आप नहीं जानती हों

गर्भावस्था में पानी क्यों ज़रूरी है? 

जब आप गर्भवती होती हैं, तो आपके शरीर को पहले से ज़्यादा पानी की ज़रूरत होती है। यह इसलिए क्योंकि: 

  • शरीर में खून की मात्रा 40-50% तक बढ़ती है
  • अम्नियोटिक फ्लुइड का स्तर बनाए रखना होता है
  • पोषक तत्वों को बच्चे तक पहुंचाने में मदद मिलती है
  • कब्ज, पेशाब संक्रमण और थकावट से बचाव होता है
  • शरीर का तापमान संतुलित रहता है

आप कह सकती हैंपानी = सुरक्षित गर्भावस्था की नींव।

गर्भवती महिला को कितना पानी पीना चाहिए?

आमतौर पर एक स्वस्थ गर्भवती महिला को दिनभर में 8 से 12 गिलास (2.5 से 3 लीटर) पानी पीना चाहिए।

ट्राइमेस्टर के अनुसार पानी की जरूरत:

ट्राइमेस्टर

पानी की ज़रूरत (औसतन)

पहला ट्राइमेस्टर

~2.5 लीटर (10-12 गिलास)

दूसरा ट्राइमेस्टर

~3 लीटर (12-14 गिलास)

तीसरा ट्राइमेस्टर

3 लीटर से अधिक (14-15 गिलास)

टिप: अगर मौसम गर्म हो, आपको ज्यादा पसीना आता हो, या आप ज़्यादा एक्टिव हैं, तो पानी की मात्रा और बढ़ा दें।

पानी पीने का आसान शेड्यूल Water Drinking Schedule for Pregnant Women

प्यास लगने पर ही पानी न पिएंबल्कि पूरे दिन में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पानी लेते रहें। यहाँ एक आसान और फॉलो करने वाला शेड्यूल है:

  • सुबह उठते ही: 1 गिलास गुनगुना पानी
  • हर भोजन से पहले: 1 गिलास
  • भोजन के साथ: थोड़ा-थोड़ा पानी
  • मिड-मॉर्निंग स्नैक पर: 1 गिलास
  • शाम की वॉक के बाद: 1 गिलास
  • सोने से पहले: आधा गिलास (ताकि बार-बार पेशाब से नींद न टूटे)

चाहें तो रिमाइंडर सेट करें या वाटर ट्रैकिंग ऐप का इस्तेमाल करें।

डिहाइड्रेशन के लक्षण Signs of Dehydration in Pregnancy

अगर आप पर्याप्त पानी नहीं पीती हैं, तो आपके शरीर में डिहाइड्रेशन हो सकता है। इसके लक्षण हैं:

  • सिरदर्द या चक्कर
  • गाढ़ा पीला या बहुत कम पेशाब
  • मुँह और होंठ सूखना
  • थकान और मांसपेशियों में खिंचाव
  • कब्ज
  • चिड़चिड़ापन या मूड स्विंग

अगर ये लक्षण दिखें, तो तुरंत पानी पिएं और डॉक्टर से संपर्क करें।

क्या ज़्यादा पानी पीना नुकसानदायक है?

हाँ, लेकिन केवल तब जब आप बहुत अधिक मात्रा (5+ लीटर) पानी बहुत कम समय में पी लें। इससे शरीर का सोडियम लेवल गिर सकता है, जिसे “वॉटर इंटॉक्सिकेशन” कहते हैं।

लेकिन अगर आप 2.5 से 3 लीटर पानी पूरे दिन में धीरे-धीरे पीती हैं, तो ये पूरी तरह सुरक्षित है।

प्रेग्नेंसी में पानी के अलावा क्या-क्या पी सकते हैं?

सिर्फ पानी ही नहीं, आप कुछ और हेल्दी तरल भी ले सकती हैं:

  • नारियल पानी (Coconut water)
  • नींबू पानी
  • दूध
  • हर्बल टी (कैफीन फ्री)
  • सूप्स
  • छाछ या मट्ठा
  • ताजे फलों का रस (बिना शक्कर के)

⚠️ कैफीन, कोल्ड ड्रिंक्स, और बहुत ज्यादा मीठे ड्रिंक्स से बचें।

कुछ जरूरी बातें जो वेबसाइट्स आमतौर पर नहीं बतातीं

  • पर्याप्त पानी पीने से अम्नियोटिक फ्लूइड का स्तर संतुलित रहता है
  • प्रीमैच्योर डिलीवरी का रिस्क कम होता है
  • फॉल्स लेबर पेन (Braxton Hicks) कम होते हैं
  • हाई ब्लड प्रेशर और सूजन (swelling) में भी मदद मिलती है
  • पानी की सही मात्रा से आपकी स्किन और पाचन भी बेहतर रहता है

डॉक्टर से कब मिलें? 

अगर आपको ये लक्षण दिखें तो डॉक्टर से तुरंत मिलें: 

  • बहुत ज़्यादा प्यास या बार-बार चक्कर 
  • बहुत गाढ़ा पेशाब या पेशाब में जलन 
  • उल्टी-दस्त से पानी नहीं रुक रहा 
  • लगातार सूजन 
  • आपको लगता है कि अम्नियोटिक फ्लूइड कम हो रहा है 

Conclusion: पानी पिएं, सेहत पाएं 

गर्भावस्था के दौरान पानी पीना एक सिंपल लेकिन ज़रूरी काम है। यह आपको स्वस्थ रखता है, आपके बच्चे को पोषण देता है और गर्भावस्था को सहज बनाता है। थोड़ा-थोड़ा लेकिन लगातार पानी पीना आपकी और आपके बेबी की सेहत के लिए वरदान है। 

📞 परामर्श हेतु कॉल करें: +91-8080808069

📍 या अपने नज़दीकी Paras Health अस्पताल में विज़िट करें। 

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

गर्भावस्था में रोज़ाना कितनी मात्रा में पानी पीना चाहिए?

से 12 गिलास यानी लगभग 2.53 लीटर पानी।

क्या नारियल पानी प्रेगनेंसी में सुरक्षित है? 

हाँ, यह एक नेचुरल इलेक्ट्रोलाइट है और बहुत फायदेमंद होता है।

क्या पानी की कमी से बच्चे पर असर पड़ता है? 

हाँ, इससे अम्नियोटिक फ्लूइड कम हो सकता है और विकास पर असर पड़ सकता है।

क्या सिर्फ प्यास लगने पर पानी पीना चाहिए? 

नहीं। प्रेगनेंसी में शरीर को ज़्यादा पानी की ज़रूरत होती है, इसलिए नियमित अंतराल पर पानी पीते रहें।

क्या बहुत ज़्यादा पानी पीना नुकसानदेह हो सकता है?

बहुत ज़्यादा पानी एक साथ पीना नुकसानदेह हो सकता है। लेकिन दिन भर में 2.53 लीटर पीना सुरक्षित और ज़रूरी है।

क्या पानी कब्ज और सूजन को कम करता है?

बिलकुल! ये पाचन में मदद करता है और शरीर से विषैले तत्व बाहर निकालता है।

Dr. Akanksha Tripathi
Consultant • OBSTETRICS AND GYNAECOLOGY

Meet The Doctor

Recent Blogs

गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण – कैसे पहचानें
गर्भावस्था जीवन का एक अनोखा अनुभव है। लेकिन इसका पता चलने से पहले ही शरीर आपको संकेत देना शुरू कर देता है। बहुत सी महिलाओं को गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण समझ में आते हैं, जबकि कई बार इन्हें पीरियड के लक्षणों से भ्रम हो सकता है। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण क्या होते हैं, इन्हें कैसे पहचानें और कब डॉक्टर से संपर्क करें।
Continue Reading
अपूर्ण गर्भपात क्या है? Incomplete Abortion Guide
गर्भपात (Abortion) या स्वाभाविक गर्भपात (Miscarriage) के बाद शरीर से गर्भ से जुड़ा सारा ऊतक बाहर आ जाना चाहिए। लेकिन कई बार गर्भाशय में कुछ ऊतक (tissue) या खून के थक्के (clots) रह जाते हैं। इसी स्थिति को अपूर्ण गर्भपात (Incomplete Abortion / Apurn Garbhpat) कहा जाता है।
Continue Reading
क्या आप PCOD से परेशान हैं? जानिए कारण, लक्षण और इलाज
आज भारत में हर 5 में से 1 महिला PCOD (Polycystic Ovarian Disease) से जूझ रही है — और ज़्यादातर को पता भी नहीं चलता कि इसके लक्षण क्या हैं, या इसका इलाज कैसे किया जाए। इस ब्लॉग में हम PCOD के बारे में पूरी जानकारी देंगे — आसान भाषा में, बिना किसी मेडिकल जटिलताओं के।
Continue Reading
गर्भावस्था (प्रेग्नेंसी) के दौरान किन बातों का रखें खास ध्यान? जानें खानपान, सावधानियां और जांचें
गर्भावस्था (Pregnancy) एक खूबसूरत और भावनात्मक यात्रा होती है। इस दौरान मां और होने वाले बच्चे दोनों की सेहत की सही देखभाल बेहद ज़रूरी है। अगर आप पहली बार मां बनने जा रही हैं या कोई अपने परिवार में गर्भवती है, तो यह जानना बेहद जरूरी है कि प्रेगनेंसी के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
Continue Reading
गर्भावस्था के दौरान क्या खाएं और किन चीजों से बचें? (Pregnancy Diet in Hindi)
गर्भावस्था (Pregnancy) का समय हर महिला के जीवन में एक अनमोल और खास समय होता है। इस दौरान मां और बच्चे दोनों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए संतुलित और पौष्टिक आहार (Balanced Diet) बहुत जरूरी होता है। सही खानपान से न सिर्फ बच्चे का विकास बेहतर होता है, बल्कि मां की सेहत भी सुरक्षित रहती है।
Continue Reading
View all Blogs
loading