गर्भावस्था के दौरान क्या खाएं और किन चीजों से बचें? (Pregnancy Diet in Hindi)
Jun 4, 2025
गर्भावस्था (Pregnancy) का समय हर महिला के जीवन में एक अनमोल और खास समय होता है। इस दौरान मां और बच्चे दोनों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए संतुलित और पौष्टिक आहार (Balanced Diet) बहुत जरूरी होता है। सही खानपान से न सिर्फ बच्चे का विकास बेहतर होता है, बल्कि मां की सेहत भी सुरक्षित रहती है। आइए जानते हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान क्या खाना चाहिए और किन चीजों से बचना चाहिए।
गर्भावस्था में डाइट का महत्व क्यों है?
गर्भावस्था के दौरान शरीर में कई शारीरिक और हार्मोनल बदलाव होते हैं। इस समय आपकी पोषण संबंधी जरूरतें भी बढ़ जाती हैं। यदि सही डाइट ली जाए तो:
- शिशु का सही विकास होता है।
- प्रसव संबंधी जटिलताओं की संभावना कम होती है।
- मां को पर्याप्त ऊर्जा मिलती है।
- इम्यूनिटी मजबूत रहती है।
- एनीमिया, कब्ज, हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं से बचाव होता है।
तिमाही के अनुसार क्या खाएं? (Pregnancy Diet Trimester Wise)
पहली तिमाही (1 से 3 महीने)
यह शुरुआती समय होता है जब भ्रूण का विकास शुरू होता है। इस दौरान निम्न आहार लें:
- फोलिक एसिड युक्त आहार: पालक, ब्रोकोली, हरी सब्जियां, दालें।
- आयरन युक्त भोजन: अनार, गुड़, हरी पत्तेदार सब्जियां।
- विटामिन बी6: केला, आलू, अंडा।
- प्रोटीन: दूध, दही, दालें।
- दिन में थोड़ा-थोड़ा बार-बार खाएं जिससे मतली और उल्टी कम हो सकती है।
- खूब पानी पिएं।
दूसरी तिमाही (4 से 6 महीने)
अब भ्रूण का अंग-विकास हो रहा होता है। इस समय आपको ज्यादा कैल्शियम और प्रोटीन की आवश्यकता होती है:
- कैल्शियम: दूध, दही, पनीर, बादाम।
- प्रोटीन: अंडा, चिकन, मछली (कम मर्करी वाली), दालें।
- फाइबर: साबुत अनाज, फल, सब्जियां।
- वजन नियंत्रित रखने के लिए हल्की फिजिकल एक्टिविटी करें।
तीसरी तिमाही (7 से 9 महीने)
अब बच्चे का वजन तेजी से बढ़ रहा होता है। इस समय ध्यान दें:
- अधिक प्रोटीन और आयरन लें।
- फाइबर युक्त भोजन लें ताकि कब्ज से बचा जा सके।
- नमक का सेवन सीमित करें ताकि ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहे।
- हाइड्रेशन: खूब पानी पिएं, नारियल पानी भी फायदेमंद है।
रोजमर्रा के खाने में क्या शामिल करें? (Daily Pregnancy Diet Chart)
खाद्य समूह |
खाने की चीजें |
फल |
सेब, केला, संतरा, अनार, जामुन, बेरीज |
सब्जियां |
पालक, मेथी, गाजर, ब्रोकोली, लौकी |
प्रोटीन स्रोत |
दालें, पनीर, अंडा, चिकन, मछली (सलमन, ट्राउट) |
डेयरी |
दूध, दही, छाछ, पनीर |
साबुत अनाज |
गेहूं, जौ, ओट्स, ब्राउन राइस |
नट्स और बीज |
बादाम, अखरोट, अलसी के बीज, चिया सीड्स |
तरल पदार्थ |
पानी, नारियल पानी, नींबू पानी |
किन चीजों से बचना चाहिए? (What to Avoid During Pregnancy)
कुछ चीजें ऐसी होती हैं जो बच्चे के विकास पर नकारात्मक असर डाल सकती हैं। इनसे दूर रहना जरूरी है:
- अधपका या कच्चा मांस व अंडा
- अधपके पपीते और अनानास
- फास्ट फूड, डिब्बाबंद और प्रोसेस्ड फूड
- अधिक कैफीन (200mg से अधिक न लें)
- अनपाश्चुरीकृत दूध और चीज़
- हाई मर्करी फिश (जैसे शार्क, स्वोर्डफिश, किंग मैकेरल)
- धूम्रपान और शराब
- ज्यादा नमक और चीनी
यह सभी चीजें गर्भावस्था में नुकसान पहुँचा सकती हैं। इसलिए डॉक्टर की सलाह मानना जरूरी है।
आम परेशानियों में क्या खाएं? (Diet for Common Pregnancy Problems)
मतली और उल्टी:
- अदरक वाली चाय
- सूखे टोस्ट या बिस्किट
- केला और दही
कब्ज:
- फाइबर से भरपूर ओट्स, फल, हरी सब्जियां
- पर्याप्त पानी पिएं
- हल्की वॉक करें
कमजोरी या थकान:
- आयरन युक्त आहार जैसे अनार, गुड़, दालें
- डॉक्टर द्वारा दी गई आयरन की दवा लें
वजन बढ़ाना:
- हेल्दी स्नैक्स जैसे पनीर, ड्राई फ्रूट्स, दूध
डॉक्टर से कब संपर्क करें? (When to Consult Your Doctor)
- वजन तेजी से घटे या बढ़े
- लगातार उल्टी हो
- ब्लड प्रेशर असामान्य हो
- किसी भी गंभीर समस्या के लक्षण दिखें
- हाई रिस्क प्रेगनेंसी के मामले में
डॉक्टर आपकी स्थिति के अनुसार पर्सनलाइज्ड डाइट चार्ट भी बना सकते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
गर्भावस्था के दौरान संतुलित और पोषण युक्त आहार सबसे बड़ा सहारा होता है। सही खानपान से माँ और शिशु दोनों स्वस्थ रहते हैं। याद रखें — हर महिला की स्थिति अलग होती है, इसलिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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FAQ: गर्भावस्था में डाइट से जुड़े सामान्य सवाल (Pregnancy Diet FAQs in Hindi)
प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए?
प्रेगनेंसी में हरी पत्तेदार सब्जियां, ताजे फल (जैसे सेब, केला, अनार), प्रोटीन (दालें, अंडे, चिकन), डेयरी (दूध, दही, पनीर), साबुत अनाज और पर्याप्त पानी लेना चाहिए।
गर्भावस्था में किन चीजों से बचना चाहिए?
अधपका मांस, अधपका पपीता, अनानास, धूम्रपान, शराब, कैफीन (200mg से ज्यादा), प्रोसेस्ड फूड, ज्यादा नमक और हाई मर्करी फिश से बचना चाहिए।
प्रेगनेंसी में पपीता खाना सुरक्षित है या नहीं?
अधपका पपीता हानिकारक हो सकता है। पूरी तरह पका पपीता सीमित मात्रा में खा सकते हैं लेकिन डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर रहेगा।
प्रेगनेंसी में फोलिक एसिड क्यों जरूरी है?
फोलिक एसिड भ्रूण के न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट से बचाव करता है और बच्चे के दिमाग व रीढ़ की हड्डी के विकास में सहायक होता है। इसलिए डॉक्टर शुरुआत से ही इसकी सलाह देते हैं।
गर्भावस्था में कौन से फल नहीं खाने चाहिए?
अधपका पपीता, अनानास, अंगूर (कुछ केस में), हाई शुगर वाले फलों से सीमित मात्रा में सेवन करना चाहिए।
प्रेगनेंसी में वजन कैसे कंट्रोल करें?
संतुलित डाइट लें जिसमें फाइबर, प्रोटीन और हाइड्रेशन हो। फास्ट फूड, मिठाई और प्रोसेस्ड फूड से परहेज करें। डॉक्टर के निर्देश अनुसार हल्की कसरत भी फायदेमंद हो सकती है।
गर्भावस्था में कब्ज होने पर क्या खाएं?
फाइबर युक्त भोजन (जैसे ओट्स, फल, हरी सब्जियां), खूब पानी और नारियल पानी लें। नियमित हल्की वॉक भी कब्ज में राहत देती है।
प्रेगनेंसी में आयरन की कमी कैसे पूरी करें?
आयरन युक्त आहार जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, अनार, गुड़, दालें और डॉक्टर द्वारा दी गई आयरन सप्लीमेंट लें।
गर्भावस्था में डाइट चार्ट कैसे बनाएं?
डाइट चार्ट तिमाही के अनुसार बनता है जिसमें सभी जरूरी पोषक तत्व शामिल हों। डाइटिशियन या गायनोकॉलॉजिस्ट से पर्सनलाइज्ड डाइट प्लान बनवाना सबसे सुरक्षित रहता है।
प्रेगनेंसी में डॉक्टर से कब सलाह लें?
अगर उल्टी अधिक हो, वजन बहुत घटे या बढ़े, ब्लड प्रेशर हाई हो, एनीमिया हो, शुगर लेवल बढ़े या कोई हाई रिस्क pregnancy हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
