Emergency ()

Press Coverage

Mar 2, 2024

आधुनिक अस्पताल व्यवस्था के कारण बिहार समेत अन्य राज्यों में प्रसव मृत्यु दर में 20% से अधिक की गिरावट

आधुनिक अस्पताल व्यवस्था के कारण बिहार समेत अन्य राज्यों में प्रसव मृत्यु दर में 20% से अधिक की गिरावट

पटना, 12 अक्तूबर: प्रसव मृत्यु याने बच्चा जन्ने के समय या उसके पश्चात माकी मृत्यु, हमारे देश में एक बड़ा दुर्भाग्य रहा है | लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ समय पूर्व एक अच्छा समाचार दिया जिसमे यह स्पष्ट किया गया की पिछले कुछ वर्षों में प्रसव मृत्यु में 20% से अधिक की गिरावट आई है। उन्होने यह भी स्पष्ट किया की बिहार एवं अन्य कुछ राज्यों में अस्पतालों की व्यवस्था में सुधारहोने के कारण ऐसा हो पाया है। लोगों का अस्पतालों पे भरोसा भी पहले से काफ़ी बढ़ा है। आधुनिक व्यवस्था वाले अस्पतालों को इसका श्रेय जाता है।

प्रसव मृत्यु का एक बड़ा कारण है पोस्ट पार्टम हेमरेज। इसने कई माओं की जाने ली हैं। प्रसव के दौरान या पश्चात शरीर से काफ़ी रक्त बह जाने के कारण कई माओं ने अपनी जान गावा दी। इसकी एक बड़ी वजह यह भी रही है की पोस्ट पार्टम हेमरेज वाली महिला का सही समय पे अच्छी व्यवस्था वाले अस्पताल तक नही पहुँच पाना।

दरभंगा के सर्वोत्तम अस्पताल पारस ग्लोबल हॉस्पिटल में कार्यरत मिथिला की विख्यात स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर तलत फात्मा ने भी उपरोक्त बातों से सहमति व्यक्त किया और हाल ही की एक घटना के बारे में बताया। जब 24 वर्षीया महिला सविता देवी को बच्चा जनने के दौरान पोस्ट पार्टम हेमरेज हुआ। बच्चा तो स्वस्थ पैदा हुआ परंतु सविता का रक्त इतना अधिक मात्रा में बह चुका था की उसकी जान जाने का काफ़ी ख़तरा था। सविता के परिजन उसे पारस अस्पताल के आपातकालीन विभाग में ले गये।

अस्पताल ने तुरंत मरीज की जाँच कर उसे डॉक्टर तलत फात्मा के अंदर भर्ती किया। शीघ्र ही डॉक्टर तलत ने एक सफल ऑपरेशन कर सविता की जान बचाई। डॉक्टर तलत ने बताया “की अच्छा हुआ की सविता के परिजन उसे पारस ले आए। यहाँ की आधुनिक व्यवस्था, आधुनिक उपकरण और सॉफ सुथरे कीटाणुरहित माहौल में ऐसे आपातकालीन मामले को सफलता पूर्वक नियंत्रित किया जा सकता है। डॉक्टर तलत ने बताया की ऐसा अनेकों बार हुआ की परिजनों ने पहले ध्यान नही दिया और घर में या किसी सामान्य स्वास्थ्य केंद्र में डेलिवरी के लिए महिला को ले गये। वहाँ जब प्रसव के कारण उसकी जान को ख़तरा होता तो फिर पारस अस्पताल ले आते और मुझे अनेकों माओं की जानें बचाने का मौका मिला है।”

डॉक्टर तलत फात्मा ने अनुरोध करते हुआ कहा की लोगों को प्रसव के मामले में और अधिक सावधानी बरतनी होगी और अच्छा डॉक्टर एवं कुशल अस्पताल ही चुनें ताकि की ऐसा ख़तरा कम हो जाए।