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Press Coverage

Mar 2, 2024

पारस ग्लोबल अस्पताल में युवती की पित की थैली से 103 पत्थर निकाले गये

पारस ग्लोबल अस्पताल में युवती की पित की थैली से 103 पत्थर निकाले गये

अस्पताल के डाॅ. ए. के. झा ने लैप्रोस्कोपिक विधि से आॅपरेशन कर दर्द से कराहती अस्पताल आयी युवती को दिलाई राहत |

दरभंगा, 3 अगस्त 2018: पित की थैली में पथरी के कारण दर्द से परेशान 23 साल की युवती प्रियंका कुमारी को पारस ग्लोबल हाॅस्पिटल, दरभंगा में आॅपरेशन कर राहत दिलायी गई। लैप्रोस्कोपिक विधि से किये गये आॅपरेशन में उसकी पित की थैली से बड़े-छोटे करीब 103 पत्थर निकाले गये। आॅपरेशन के बाद से उसे दर्द से निजात मिल गयी है। अब वह काफी खुश रह रही है। आॅपरेशन करने वाले डाॅ. ए. के. झा ने बताया कि प्रियंका कुमारी दर्द से कराहती अवस्था में अस्पताल आयी थी। असपताल में भर्ती होने के तत्काल बाद उसकी जांच करायी तो पता चला कि उसकी पित की थैली में ढेरों पत्थर हैं जिसके कारण उसे बेतहाशा दर्द हो रहा है।

डाॅ. झा ने कहा कि वह पेट खोलकर आॅपरेशन कराने से डर रही थी तो उसे बताया गया कि उसका आॅपरेशन लैप्रोस्कोपिक विधि से किया जायेगा, तब सर्जरी के लिए तैयारी हुई। करीब घंटे भर चले आॅपरेशन के बाद उसकी पित की थैली से 103 बड़े-छोटे पत्थर निकाले गये। आॅपरेशन के दूसरे दिन उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी। अब वह दर्द से बिल्कुल फ्री है। उसने बताया कि मै तो आॅपरेशन कराने से डर रही थी, परंतु लैप्रोस्कोपिक विधि से सर्जरी ने मेरे डर को समाप्त कर दिया। उसने कहा कि मुझे तो आॅपरेशन के बाद न तो कोई दर्द हुआ, न कोई तकलीफ। इस विधि से आॅपरेशन कराने में तो मुझे कोई डर नहीं लगा। इस विधि की सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें चीरे का कोई निशान नहीं होता है और न घाव भरने का डर।