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Mar 2, 2024

3 साल के बच्चे को बचाया अपंग होने से - हाथ कटने पर तुरंत की अंगूठे की सर्जरी - पारस हॉस्पिटल दरभंगा

3 साल के बच्चे को बचाया अपंग होने से - हाथ कटने पर तुरंत की अंगूठे की सर्जरी - पारस हॉस्पिटल दरभंगा

पारस हॉस्पिटल दरभंगा ने एक बार फिर नवीनतम तकनीक, आधुनिक व्यवसाय और अपनी विशेष डॉक्टरों की टीम से बचाया 3 साल के बच्चे का हाथ I हाथ कटने पर की हड्डी और जोड़ रोग के विशेषज्ञ ने तुरंत एमेजेन्सी अंगूठे की सर्जरी – और बचाया बच्चे को अपंगता से I सर्जरी और उपचार दरभंगा के प्रसिद्ध डॉक्टर – डॉ दिलशाद अनवर के निर्तत्व में किया गया I

3 साल के दरभंगा में रहने वाले, कुंदन कुमार का हाथ कुट्टी मशीन में आकर कट गया I घाव इतना गहरा था की उसका अंगूठा की अलग से लटक रहा था और हाथ से बहुत सारा खून निकल रहा था I बच्चे के दाएं हाथ को बाँध कर उसके घर वाले तुरंत ही कुंदन को पारस हॉस्पिटल के आपातकालीन विभाग में लेकर आगये, जहाँ उसको तुरंत चिकित्सा देखभाल मिली I घाव तो साफ़ करने के बाद, पारस की इमरजेंसी टीम ने यह तय कर लिया की बच्चे को फ्रैक्चर और टांके दोनों लगाने होंगे और  अंगूठे की सर्जरी के लिए हड्डी रोग विशेषज्ञ को तुरंत बुलाना होगा I मौके पर पहुंचे डॉ दिलशाद अनवर ने बच्चे का भविष्य देखते हुए तुरंत सर्जरी करने का निर्णय लिया I

डॉ दिलशाद अनवर, हड्डी एवं जोग रोग विशषेज्ञ, पारस ग्लोबल हॉस्पिटल दरभंगा के अनुसार, ” ऐसी स्थिति में तुरंत मेडिकल अटेंशन बहुत ज़रूरी है I यदि घाव को देर तक छोड़ दिया जाये तो कटे हुए हिस्से में खून के प्रवाह बंद होने के कारण वो हिस्सा हमेशा के लिए ख़राब हो सकता है, जिसके लिए हमें कई बार वह हिस्सा अलग करना पड़ता है , जिससे हम अंग्रेजी में अम्पूतैत भी कहते हैं I कुंदन के मामले में उसके घर वाले बच्चे को तुरंत हॉस्पिटल में ले आये और उसका अंगूठा इस कारण से बच गया  I”

डॉ दिलशाद अनवर उपचार की प्रक्रिया का वर्णन देते हुए कहते है की, “क्यूंकि अंगूठा एक दम लटक रहा था, हमको उसका पट्टा जिससे हम टेंडन भी कहते हैं, उसका उपचार तुरंत करना था I उपचार के लिए हमने ऑपरेशन थिएटर में उसके अंगूठे को एक – के वायर के साथ बांध दिया और पट्टी कर दी I सकी पट्टी को हमने हर हफ्ते बदला और घर वालों को पानी या किसी गीले पदार्थ में हाथ न डालने की सलाह दी I 3 हफ्ते बाद जब उसकी पट्टी खोली गई तो के -वायर ने पूरे अंगूठे पर पकड़ जमाली थी और कुंदन अपना अंगूठा हिला भी सकता था I”

आज कुंदन स्वास्थ्य है और उसका हाथ भी सुरक्षित है I कुंदन के पिताजी के अनुसार, ” पारस हॉस्पिटल दरभंगा के निवासियों के लिए एक वरदान है I जहाँ हमे सही उपचार के लिए ३-४ घंटे का सफर करके पटना या किसी और बड़े शहर जाना पड़ता है, पारस दरभंगा में ही नवीनतम उपचार उचित दरों में उपलब्ध करवाता है I हम पारस और डॉ दिलशाद अनवर के आभारी हैं I”