पेचिश (Dysentery): कारण, लक्षण, इलाज, डाइट, घरेलू उपाय और पूरी जानकारी
Dec 03, 2025
पेचिश एक आम लेकिन गंभीर पाचन संबंधी समस्या है जो भारत में गर्मी और बरसात के मौसम में सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। इसमें दस्त, पेट दर्द, मरोड़, कमजोरी और खून वाली दस्त जैसे लक्षण शामिल होते हैं। पेचिश का समय पर इलाज न किया जाए तो यह डिहाइड्रेशन, कमजोरी, और आंतों में गंभीर संक्रमण जैसी समस्याएँ पैदा कर सकता है।
इस ब्लॉग में हम पेचिश के कारण, लक्षण, जांच, इलाज, क्या खाएं–क्या न खाएं, घरेलू उपाय, और डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए—हर जानकारी आसान भाषा में समझेंगे।
पेचिश क्या है? (Pechis Kya Hai?)
पेचिश एक प्रकार का आंतों का संक्रमण है जिसमें:
- बार-बार दस्त
- पानी जैसा दस्त
- खून वाली दस्त
- पेट में तेज मरोड़
- कमजोरी और बुखार
जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
आमतौर पर पेचिश के दो प्रकार होते हैं:
1. बैक्टीरियल पेचिश (Shigellosis / E.coli infection)
इसमें स्टूल में खून और बलगम आता है, बुखार तेज होता है और दर्द अधिक होता है।
2. वायरल पेचिश
दस्त ज्यादा होते हैं, बुखार हल्का रहता है, और दर्द कम होता है।
बच्चे, बुजुर्ग, और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों में पेचिश जल्दी फैलती है।
पेचिश क्यों होता है? (Pechis kyo hota hai)
पेचिश का सबसे बड़ा कारण है दूषित पानी और असुरक्षित खाना। भारत में बरसात और गर्मियों के दौरान यह समस्या बहुत बढ़ जाती है।
मुख्य कारण:
- गंदा या दूषित पानी पीना
- सड़क का खाना / स्ट्रीट फूड
- बासी या कटे हुए फल-खाने
- ठीक से न धोए गए सब्जी/फल
- हाथ न धोना
- फूड पॉइजनिंग
- घर में किसी संक्रमित व्यक्ति से फैलना
- स्कूल–ऑफिस जैसे जगहों पर संक्रमण फैलना
बच्चों और बुजुर्गों में यह तेजी से बढ़ता है क्योंकि उनकी immunity कम होती है।
पेचिश के लक्षण (Lakshan)
पेचिश के लक्षण हल्के से गंभीर रूप तक हो सकते हैं:
सामान्य लक्षण
- पतला दस्त
- पानी जैसा दस्त
- पेट में मरोड़
- बार-बार टॉयलेट जाना
- पेट में जलन
- भूख कम लगना
गंभीर लक्षण
- खून वाली दस्त
- तेज बुखार
- उल्टी
- बहुत ज्यादा कमजोरी
- शरीर में पानी की कमी (Dehydration)
- चक्कर आना
- बच्चे का रोना बंद न होना या सुस्ती
अगर लक्षण 2–3 दिन से अधिक रहें तो डॉक्टर से संपर्क जरूरी है।
पेचिश और साधारण दस्त में अंतर (Diarrhoea & Pechis me Antar)
|
दस्त (Diarrhoea) |
पेचिश (Dysentery) |
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केवल पानी जैसा दस्त |
खून और बलगम वाला दस्त |
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पेट दर्द हल्का |
पेट में तीव्र मरोड़ |
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बुखार कम या नहीं |
बुखार अधिक |
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डिहाइड्रेशन धीरे |
डिहाइड्रेशन तुरंत |
पेचिश हमेशा दस्त से अधिक गंभीर होती है और समय पर इलाज जरूरी होता है।
पेचिश की जांच (Diagnosis)
डॉक्टर आमतौर पर निम्न जांच सुझाते हैं:
- स्टूल टेस्ट (Stool Routine + Culture)
संक्रमण का प्रकार पता चलता है। - CBC / CRP टेस्ट
शरीर में सूजन और संक्रमण की स्थिति बताता है। - डिहाइड्रेशन लेवल
यह पता करने के लिए कि शरीर में कितनी पानी की कमी हुई है।
अगर खून वाली दस्त या बहुत कमजोरी हो, तो अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है।
पेचिश का इलाज (Treatment)
पेचिश के इलाज में सबसे जरूरी है पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी पूरा करना और संक्रमण को रोकना।
दवाइयाँ
- बैक्टीरियल पेचिश में एंटीबायोटिक
- बुखार कम करने की दवा
- मरोड़ के लिए ऐंटीस्पाज़मोडिक
- उल्टी की दवा
ध्यान दें: एंटीबायोटिक हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही लें।
ORS और हाइड्रेशन
पेचिश के इलाज में ORS सबसे महत्वपूर्ण है।
- हर पतले दस्त के बाद ORS पिएं
- धीरे-धीरे सिप लेकर पिएं
- नारियल पानी, ग्लूकोज, दाल का पानी भी लाभदायक है
- बच्चों में ORS बेहद जरूरी है क्योंकि उन्हें जल्दी पानी की कमी होती है
कब अस्पताल जाना जरूरी है?
- खून वाली दस्त
- 102° से अधिक बुखार
- पेशाब बहुत कम होना
- 12–24 घंटे से दस्त रुक न रहा हो
- लगातार उल्टी
- बच्चे में सुस्ती, रोने पर आँसू न आना
पेचिश में क्या खाएं? (Diet Guide)
क्या खाएं (Recommended Foods)
- खिचड़ी
- दही चावल (कुछ मामलों में)
- रवा उपमा
- उबला हुआ आलू
- केला
- चावल का माड़
- नारियल पानी
- दाल का पानी
- टोस्ट
- बेल का शरबत
ये भोजन पचने में आसान हैं और पेट को आराम देते हैं।
क्या न खाएं (Avoid Foods)
- तला-भुना भोजन
- मसालेदार खाना
- दूध (कुछ लोगों में दस्त बढ़ाता है)
- सोडा/कोल्ड ड्रिंक
- मैदा
- पिज़्ज़ा, बर्गर
- कटे हुए फल
- street food
पेचिश के घरेलू उपाय (Home Remedies)
हल्के मामलों में निम्न उपाय राहत दे सकते हैं:
1. बेल का शरबत
आंतों को मजबूत करता है और दस्त नियंत्रित करता है।
2. जीरा पानी
पाचन सुधारता है और गैस कम करता है।
3. धनिया पानी
शरीर ठंडा रखता है और मरोड़ कम करता है।
4. अदरक रस
उल्टी और मरोड़ में राहत।
5. चावल का माड़
आंतों को पोषण देता है।
महत्वपूर्ण: ये उपाय क्षणिक राहत देते हैं, दवा का विकल्प नहीं हैं।
डिहाइड्रेशन का खतरा (Risk of Dehydration)
पेचिश में सबसे बड़ा खतरा है शरीर से बहुत ज्यादा पानी का निकल जाना।
डिहाइड्रेशन के लक्षण:
- चक्कर आना
- मुंह सूखना
- पेशाब कम होना
- थकान
- बच्चों में रोने पर आँसू न आना
- सांस तेज होना
इन लक्षणों में तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।
पेचिश कब गंभीर हो जाती है? (Warning Signs)
- खून वाली दस्त
- तेज बुखार
- उल्टी रुक न रही हो
- दस्त 2–3 दिन से अधिक
- बहुत ज्यादा कमजोरी
- बच्चे का सुस्त होना
बुजुर्गों में बेहोशी जैसा महसूस होना
पेचिश को कैसे रोकें? (Prevention)
- साफ पानी पीएं
- बाहर का स्ट्रीट फूड न खाएं
- हाथ साबुन से धोएं
- गंदे पानी में बने बर्फ के गोले न खाएं
- घर का ताजा खाना खाएं
- यात्रा में बोतलबंद पानी साथ रखें
बच्चों में पेचिश — क्यों खतरनाक है?
बच्चों में पानी की कमी बहुत तेजी से होती है।
उनके लिए:
- ORS बार-बार दें
- दूध कुछ समय के लिए बंद करें (डॉक्टर की सलाह के अनुसार)
- केला, खिचड़ी, माड़ खिलाएं
- तेज बुखार या खून आए तो तुरंत अस्पताल जाएं
अगर बच्चा सुस्त हो जाए, रोना बंद कर दे या पेशाब कम करे—तो यह आपात स्थिति है।
डॉक्टर को कब दिखाएं? (When to See a Doctor)
पेचिश कई बार घर पर ORS और हल्के भोजन से ठीक हो सकती है, लेकिन कुछ स्थितियाँ ऐसी होती हैं जिन्हें नज़रअंदाज़ करने पर हालत बिगड़ सकती है। नीचे दिए गए किसी भी लक्षण में तुरंत डॉक्टर को दिखाना जरूरी है:
1. खून वाली दस्त (Bloody Diarrhoea)
स्टूल में खून या बलगम आना बैक्टीरियल पेचिश का संकेत है। यह गंभीर संक्रमण होता है और तुरंत इलाज की जरूरत होती है।
2. बुखार 102°F या उससे ज्यादा
उच्च बुखार आंतों में गंभीर संक्रमण का संकेत है। यह स्थिति बच्चों और बुजुर्गों में खतरनाक हो सकती है।
3. लगातार उल्टी होना
उल्टी रुक-रुक कर होती रहे तो शरीर में पानी की कमी तेजी से बढ़ती है।
4. पेशाब बहुत कम होना
डिहाइड्रेशन का सबसे स्पष्ट संकेत है। शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स तेजी से कम हो रहे होते हैं।
5. 24–48 घंटे से अधिक दस्त जारी रहना
अगर दस्त 2 दिन में भी कम न हों, तो यह सामान्य नहीं है और जांच की आवश्यकता है।
6. बच्चे में सुस्ती, रोना बंद करना या गोद में लुढ़क जाना
यह बच्चों में acute dehydration का संकेत है — यह एक medical emergency है। तुरंत अस्पताल जाएं।
7. चक्कर आना, कमजोरी, बोलने में दिक्कत
ये संकेत बताते हैं कि शरीर में नमक और पानी की भारी कमी हो चुकी है।
8. बुजुर्गों में बेहोशी जैसा महसूस होना
इन्हें पेचिश का गंभीर रूप जल्दी पकड़ लेता है, इसलिए देर न करें।
9. गंभीर पेट दर्द या लगातार मरोड़
यह आंतों में सूजन, संक्रमण या ब्लीडिंग का संकेत हो सकता है।
10. दवा लेने के बाद भी स्थिति में सुधार न होना
अगर घर की देखभाल, ORS और दवा से 1–2 दिनों में भी सुधार न दिखे तो डॉक्टर की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
पेचिश एक सामान्य लेकिन गंभीर समस्या है। दूषित पानी और असुरक्षित खाना इसका सबसे बड़ा कारण है। सही समय पर ORS, दवाइयां और साफ-सफाई से इसे आसानी से रोका और ठीक किया जा सकता है। अगर दस्त लगातार जारी रहे या खून आने लगे, तो डॉक्टर को तुरंत दिखाना जरूरी है।
FAQs
1. पेचिश क्या है?
पेचिश आंतों का संक्रमण है जिसमें दस्त, पेट दर्द, बुखार और खून वाली दस्त आ सकती है। यह दूषित पानी और संक्रमित भोजन से फैलता है।
2. पेचिश क्यों होता है?
पेचिश का कारण होता है दूषित पानी, गंदा खाना, फूड पॉइजनिंग और गंदगी के कारण होने वाला बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण।
3. पेचिश कैसे ठीक करें?
ORS, हल्का भोजन, पानी की पर्याप्त मात्रा और डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं से पेचिश ठीक होती है। गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है।
4. पेचिश में क्या खाना चाहिए?
खिचड़ी, दही-चावल, केला, चावल का माड़, सूप, नारियल पानी और उबला हुआ भोजन सबसे अच्छा माना जाता है।
5. पेचिश में क्या नहीं खाना चाहिए?
तला-भुना खाना, भारी भोजन, मसालेदार खाना, मैदा, कोल्ड ड्रिंक, स्ट्रीट फूड और कच्चे फल/सब्जियाँ न खाएं।
6. खून वाली पेचिश क्या होती है?
इसमें स्टूल में खून और बलगम आता है। यह बैक्टीरियल पेचिश का संकेत है और इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
7. बच्चों में पेचिश क्यों खतरनाक है?
बच्चों में पानी की कमी बहुत तेजी से होती है। इसलिए उन्हें ORS बार-बार देना और तुरंत डॉक्टर को दिखाना जरूरी है।
8. पेचिश में ORS कब पिएं?
हर पतले दस्त के बाद ORS पिएं। हल्के-हल्के सिप लेकर धीरे-धीरे पीना चाहिए।
9. पेचिश में कौन सी दवा लें?
एंटीबायोटिक या अन्य दवाएं हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही लें। स्वयं दवा लेने से स्थिति खराब हो सकती है।
10. क्या घर पर पेचिश का इलाज हो सकता है?
हाँ, हल्की पेचिश ORS, नारियल पानी और हल्के भोजन से ठीक हो सकती है। लेकिन खून वाली दस्त या तेज बुखार में तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।