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गर्मी में लू से बचाव कैसे करें? जानें लक्षण, कारण और असरदार बचाव उपाय

heat stroke
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By Dr. Saraswati Kushwah in Internal Medicine

Jun 03, 2025

गर्मी के मौसम में जब तापमान तेज़ी से बढ़ता है, तब लू लगने का खतरा भी बढ़ जाता है। लू लगना यानी हीट स्ट्रोक (Heat Stroke) — एक ऐसी स्थिति जिसमें शरीर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और शरीर के अंदर का कूलिंग सिस्टम काम करना बंद कर देता है। समय पर इलाज न हो तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।

इस ब्लॉग में हम सरल भाषा में समझेंगे:

  • लू क्या होती है?
  • लक्षण क्या होते हैं?
  • कारण क्या हैं?
  • और सबसे जरूरी — इससे बचने के आसान उपाय क्या हैं।

लू क्या होती है? (What is Heat Stroke / Loo?)

जब हम अधिक देर तक तेज़ धूप में रहते हैं या शरीर में पानी की कमी हो जाती है, तो शरीर का तापमान नियंत्रित नहीं रह पाता। शरीर पसीने के माध्यम से तापमान को संतुलित करता है, लेकिन पानी की कमी के कारण यह प्रक्रिया रुक जाती है और शरीर का तापमान खतरनाक स्तर तक बढ़ जाता है। यही स्थिति लू या हीट स्ट्रोक कहलाती है।

लू लगने के लक्षण (Symptoms of Heat Stroke)

अगर किसी को लू लग जाए तो उसके शरीर में ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं:

  • शरीर का तापमान 104°F (40°C) से अधिक हो जाना
  • तेज़ सिर दर्द और चक्कर आना
  • अत्यधिक थकावट और कमजोरी
  • जी मिचलाना और उल्टी होना
  • दिल की धड़कन तेज़ होना
  • त्वचा का लाल और गर्म हो जाना
  • पसीना आना बंद हो जाना
  • बेहोशी या होश में भ्रम की स्थिति

नोट: अगर किसी में ये लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

लू लगने के कारण (Causes of Heat Stroke)

लू लगने के पीछे कई कारण हो सकते हैं:

  • तेज़ धूप में लंबे समय तक रहना
  • शरीर में पानी और नमक की कमी
  • बहुत गर्म और उमस भरे मौसम में बाहर निकलना
  • पर्याप्त पानी न पीना
  • अत्यधिक शारीरिक श्रम करना
  • गर्म कपड़े पहनना

किन्हें लू लगने का खतरा ज्यादा होता है?

  • बच्चे
  • बुजुर्ग
  • गर्भवती महिलाएं
  • दिल और हाई बीपी के मरीज
  • डायबिटीज़ के मरीज
  • जो लोग अधिक समय बाहर धूप में रहते हैं (जैसे मजदूर, यात्री आदि)

लू से बचने के असरदार उपाय (Effective Ways to Prevent Heat Stroke)

दिन के सबसे गर्म समय में बाहर न जाएं

दोपहर 12 बजे से 4 बजे के बीच बाहर निकलने से बचें। अगर निकलना जरूरी हो तो सिर को कपड़े, टोपी या छाते से ढककर निकलें।

खूब पानी पिएं

शरीर में पानी की कमी न होने दें। हर 30 मिनट बाद थोड़ा पानी पिएं। नारियल पानी, नींबू पानी और ओआरएस लेना भी फायदेमंद है।

हल्के और ढीले कपड़े पहनें

गहरे रंग के और टाइट कपड़े पहनने से शरीर में गर्मी बढ़ती है। हमेशा हल्के रंग के सूती कपड़े पहनें।

खानपान पर ध्यान दें

गर्मी में तली-भुनी और भारी चीजों की बजाय हल्का भोजन करें। मौसमी फल जैसे तरबूज, खीरा, ककड़ी ज्यादा खाएं। यह शरीर को हाइड्रेट रखते हैं।

शरीर को ठंडा रखें

अगर शरीर गर्म हो रहा हो तो गीले कपड़े से शरीर पोछें, ठंडी जगह पर रहें या पंखा चलाएं।

तेज व्यायाम से बचें

बहुत गर्म मौसम में तेज दौड़, व्यायाम या मेहनत वाले काम करने से बचें।

इलेक्ट्रोलाइट्स का ध्यान रखें

पसीने से शरीर में नमक की कमी हो जाती है। ओआरएस या ग्लूकोज का पानी पीना इस कमी को पूरा करता है।

लू लगने पर क्या करें? (First Aid for Heat Stroke)

अगर किसी को लू लग जाए तो:

  • उसे तुरंत ठंडी और छायादार जगह पर ले जाएं।
  • शरीर से कपड़े हटा दें और ठंडी हवा दें।
  • शरीर पर ठंडे पानी की पट्टियां रखें।
  • अगर हो सके तो ठंडा पानी धीरे-धीरे पिलाएं।
  • बेहोशी या गंभीर स्थिति में तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाएं।

लू से बच्चों और बुजुर्गों को कैसे बचाएं?

  • बच्चों को धूप में खेलने से रोकें।
  • बुजुर्गों को दोपहर में बाहर जाने से बचाएं।
  • उनके खानपान और पानी पीने पर विशेष ध्यान दें।
  • घर में ठंडी और हवादार व्यवस्था सुनिश्चित करें।

लू से बचने के लिए क्या खाएं?

  • नींबू पानी
  • नारियल पानी
  • छाछ
  • खीरा, तरबूज, पपीता
  • ओआरएस का घोल
  • ग्लूकोज ड्रिंक
  • पानी ज्यादा पिएं

कब डॉक्टर के पास जाएं? (When to See a Doctor)

लू लगने की स्थिति में शुरुआत में कुछ लक्षण हल्के हो सकते हैं, लेकिन यह समस्या बहुत तेज़ी से गंभीर रूप ले सकती है। इसलिए नीचे दिए गए किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत मेडिकल सहायता लें:

  • व्यक्ति बेहोश हो जाए या प्रतिक्रिया न दे।
  • तेज़ बुखार (104°F से अधिक) लगातार बना रहे।
  • बार-बार उल्टी होना।
  • सांस लेने में दिक्कत होना या सांस फूलना।
  • शरीर पर पसीना आना पूरी तरह बंद हो जाए।
  • तेज़ सिर दर्द और तेज़ धड़कन।
  • भ्रम की स्थिति या बोलने में परेशानी।
  • त्वचा पूरी तरह लाल, गर्म और सूखी हो जाए।

महत्वपूर्ण सलाह:
हीट स्ट्रोक एक मेडिकल इमरजेंसी है। अगर समय पर इलाज न मिले तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। किसी भी गंभीर लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें

निष्कर्ष:

गर्मी में लू से बचना पूरी तरह संभव है अगर हम कुछ आसान सावधानियां बरतें। हमेशा शरीर को हाइड्रेट रखें, धूप से बचें और समय रहते लक्षणों को पहचानकर इलाज कराएं। याद रखें — सावधानी ही सुरक्षा है।

हीट स्ट्रोक को नज़रअंदाज़ न करें। Paras Health की इमरजेंसी टीम 24x7 उपलब्ध है। तुरंत जांच व उपचार के लिए संपर्क करें — 8080808069

लू से बचाव से जुड़े सामान्य प्रश्न (Frequently Asked Questions on Loo & Heat Stroke)

लू लगना क्या होता है? (What is Loo / Heat Stroke?)

लू लगना यानी हीट स्ट्रोक तब होता है जब शरीर का तापमान 104°F से ज्यादा हो जाता है। यह स्थिति तब बनती है जब शरीर में पानी और नमक की कमी हो जाती है और शरीर पसीने द्वारा खुद को ठंडा नहीं रख पाता।

लू लगने के प्रमुख लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Loo)

तेज़ बुखार, सिर दर्द, चक्कर आना, उल्टी, सांस फूलना, त्वचा का लाल और सूखा होना, बेहोशी और पसीना आना बंद हो जाना लू लगने के प्रमुख लक्षण हैं।

लू लगने के मुख्य कारण क्या होते हैं? (Causes of Heat Stroke)

गर्मी में तेज़ धूप में रहना, शरीर में पानी की कमी, उमस भरे मौसम में बाहर निकलना, अधिक मेहनत करना और शरीर का कूलिंग सिस्टम ठीक से काम न करना लू लगने के कारण बनते हैं।

लू से बचने के सबसे असरदार उपाय क्या हैं? (Effective Prevention Tips for Loo)

धूप में बाहर न जाएं, खूब पानी पिएं, हल्के कपड़े पहनें, छाता या टोपी लगाएं, इलेक्ट्रोलाइट्स लें, तैलीय भोजन से बचें और शरीर को ठंडा रखें।

हीट स्ट्रोक और लू में क्या फर्क है? (Difference between Heat Stroke and Loo)

लू और हीट स्ट्रोक लगभग समान हैं। दोनों में शरीर का तापमान बढ़ जाता है। भारत में आम भाषा में लू कहा जाता है और मेडिकल टर्म में इसे हीट स्ट्रोक कहते हैं।

लू लगने पर तुरंत क्या करें? (First Aid for Heat Stroke)

मरीज को ठंडी जगह पर ले जाएं, ठंडे कपड़े से शरीर पोंछें, पानी पिलाएं, कपड़े ढीले करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

लू से बचने के घरेलू उपाय कौन से हैं? (Home Remedies to Prevent Loo)

नारियल पानी, नींबू पानी, छाछ, खीरा, तरबूज खाना, ओआरएस पीना और ठंडी चीजों का सेवन करना लू से बचने के लिए बेहद फायदेमंद हैं।

गर्मी में कौन से पेय पीना चाहिए? (Best Drinks to Prevent Dehydration in Summer)

नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ, ओआरएस घोल, बेल शरबत और पानी अधिक मात्रा में पीना गर्मी में डिहाइड्रेशन और लू से बचाव करता है।

लू लगने पर कौन डॉक्टर से संपर्क करें? (Which Doctor to Consult for Heat Stroke)

लू लगने पर तुरंत Internal Medicine Specialist, Emergency Medicine Specialist या General Physician से संपर्क करना चाहिए।

बच्चों और बुजुर्गों को लू से कैसे बचाएं? (How to Protect Children and Elderly from Heat Stroke)

बच्चों को धूप में न खेलने दें, बुजुर्गों को ठंडी जगह पर रखें, समय-समय पर पानी पिलाएं, हल्का खाना दें और धूप से पूरी सुरक्षा दें।\

लू लगने के बाद शरीर में क्या असर होता है? (Effects of Heat Stroke on Body)

लू लगने से शरीर का तापमान असंतुलित हो जाता है, दिल की धड़कन बढ़ जाती है, अंगों पर असर पड़ सकता है और इलाज में देरी होने पर जान का भी खतरा हो सकता है।

कब डॉक्टर के पास जाना चाहिए? (When to Visit Doctor for Loo Symptoms)

अगर मरीज बेहोश हो जाए, उल्टियां लगातार हों, तेज बुखार बना रहे या सांस लेने में परेशानी हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलना जरूरी है। 📞 संपर्क करें — 8080808069

लू लगने से बचाव के लिए दिनचर्या कैसी होनी चाहिए? (Daily Routine to Avoid Heat Stroke)

सुबह या शाम को बाहर जाएं, दोपहर में घर में रहें, हल्का भोजन करें, नियमित पानी पिएं, हवादार कमरे में रहें और धूप में बाहर न निकलें।

Saraswati Kushwah
Dr. Saraswati Kushwah
Consultant - INTERNAL MEDICINE
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