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नॉर्मल हृदय गति (Heart Rate) कितना होना चाहिए?

नॉर्मल हृदय गति (Heart Rate) कितना होना चाहिए?
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By Dr. Ankur Gupta in Cardiac Sciences

Jul 28, 2025

क्या आपने कभी सोचा है कि दिल की धड़कन कितनी होनी चाहिए?

दिल की नॉर्मल धड़कन कितनी होनी चाहिए?, नॉर्मल हार्ट रेट कितना होता है?, या हृदय गति तेज क्यों हो जाती है? ऐसे सवाल आजकल बहुत आम हो गए हैं, और इनका जवाब जानना हर किसी के लिए जरूरी भी है।

इस ब्लॉग में हम जानेंगे:

  • हृदय गति क्या होती है? (Heart rate kya hoti hai?)
  • नॉर्मल हृदय गति कितनी होनी चाहिए? (Normal Heart Rate kitni honi chahiye?)
  • उम्र, लिंग और एक्टिविटी के अनुसार सामान्य हृदय गति
  • हृदय गति तेज या धीमी होने के कारण और लक्षण (High ya low heart rate ke kaaran?)
  • हृदय गति मापने का सही तरीका
  • हार्ट रेट कैसे कंट्रोल करें? (Heart rate kaise control kare?)
  • कब डॉक्टर से संपर्क करें? (Doctor se kab mile?)

हृदय गति क्या होती है? (Heart Rate Kya Hota Hai?)

हृदय गति (Heart Rate) का मतलब है आपके दिल की धड़कन की रफ्तार, यानी एक मिनट में आपका दिल कितनी बार धड़कता है। इसे बीपीएम (BPM Beats Per Minute) में मापा जाता है।

सामान्य स्थिति में यह 60 से 100 BPM के बीच होती है। लेकिन यह संख्या व्यक्ति की उम्र, शारीरिक गतिविधि, मानसिक स्थिति और स्वास्थ्य पर भी निर्भर करती है।

सामान्य हृदय गति कितनी होनी चाहिए? (Normal Heart Rate Range)

उम्र

 नॉर्मल हार्ट रेट (BPM)

नवजात (0–1 माह)

100–180

शिशु (1 माह–1 वर्ष)

90–160

बच्चा (110 वर्ष) 

70–130

किशोर/वयस्क

60–100

एथलीट्स/खिलाड़ी

40–60 (विशेष परिस्थिति)

ध्यान दें: एथलीट्स या बहुत फिट लोगों की हार्ट रेट कम हो सकती है, जो सामान्य मानी जाती है। 

महिलाओं और पुरुषों की सामान्य हृदय गति 

  • महिलाओं की सामान्य हृदय गति: थोड़ी ज्यादा (70100 BPM)
  • पुरुषों की सामान्य हृदय गति: लगभग 6090 BPM

महिलाओं में हार्मोनल बदलाव, मासिक धर्म या प्रेगनेंसी के दौरान हार्ट रेट में हल्की वृद्धि हो सकती है। 

गतिविधियों और भावनाओं के अनुसार बदलाव 

आपकी हृदय गति कई परिस्थितियों में बदलती है: 

  • आराम की स्थिति में (Resting Heart Rate): 6080 BPM
  • एक्सरसाइज के दौरान: 100160 BPM या अधिक
  • तनाव, डर या गुस्से में: हार्ट रेट बढ़ जाती है 
  • नींद में: हार्ट रेट कम हो जाती है 

हृदय गति तेज या धीमी होने के कारण 

जब हृदय गति सामान्य से तेज हो (Tachycardia):

  • बुखार या इंफेक्शन 
  • डिहाइड्रेशन 
  • थायरॉइड की समस्या 
  • तनाव या चिंता 
  • कैफीन या एल्कोहल ज़्यादा मात्रा में लेना 
  • दिल की बीमारी 

जब हृदय गति सामान्य से धीमी हो (Bradycardia):

  • नींद के दौरान (सामान्य कारण) 
  • दवा का साइड इफेक्ट 
  • हाई ब्लड प्रेशर या हृदय रोग 
  • इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी 
  • फिजिकली बहुत फिट होना 

हार्ट रेट के असामान्य होने के लक्षण 

  • बार-बार चक्कर आना 
  • सांस लेने में तकलीफ 
  • थकान या कमजोरी 
  • सीने में दर्द या घबराहट 
  • बेहोशी की स्थिति 

अगर ऐसे लक्षण लगातार दिखें तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। 

हृदय गति कैसे मापें? (Heart Rate Check Kaise Kare)

घर पर मापने का आसान तरीका: 

  • अपनी कलाई या गर्दन पर पल्स (नाड़ी) महसूस करें। 
  • 15 सेकंड तक धड़कनों की गिनती करें। 
  • उसे 4 से गुणा करें = आपकी हार्ट रेट (BPM)

डिवाइसेस से मापें: 

  • स्मार्ट वॉच
  • फिटनेस बैंड
  • डिजिटल हार्ट रेट मॉनिटर

हार्ट रेट कैसे कंट्रोल करें? (Kaise control me rakhe)

  • रोज़ व्यायाम करें: वॉक, योग, साइकलिंग, तैराकी आदि
  • तनाव से बचें: मेडिटेशन, प्राणायाम अपनाएं
  • कैफीन और शराब कम करें
  • हेल्दी डाइट लें: फाइबर और पोटैशियम युक्त आहार
  • पर्याप्त नींद लें: 7-8 घंटे की नींद लें
  • धूम्रपान छोड़ें
  • रेगुलर हेल्थ चेकअप कराएं

दिल की सेहत से जुड़ी जरूरी बातें

  • दिल की धड़कन हमारे शरीर के ब्लड सर्कुलेशन को कंट्रोल करती है।
  • बहुत तेज या धीमी धड़कन दोनों हानिकारक हो सकती हैं।
  • ब्लड प्रेशर और हृदय गति में आपस में गहरा संबंध होता है।

डॉक्टर से कब संपर्क करें? 

अगर आपकी हृदय गति: 

  • लगातार 100 BPM से अधिक है (बिना कारण)
  • 60 BPM से नीचे है और लक्षण भी हैं
  • दिल की धड़कन अनियमित लगती है 
  • बार-बार चक्कर आते हैं या सांस फूलती है 

तो बिना देर किए डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है। 

निष्कर्ष (Conclusion)

नॉर्मल हृदय गति जानना सिर्फ एक नंबर समझने का मामला नहीं है, यह आपकी दिल की सेहत और फिटनेस का इंडिकेटर है। अगर आप अपनी हार्ट रेट को रेगुलर मॉनिटर करते हैं और स्वस्थ जीवनशैली अपनाते हैं, तो दिल को दुरुस्त रखना आसान हो जाता है।

अपने दिल की धड़कनों को नजरअंदाज न करें  वो आपको ज़िंदा रखती हैं।

FAQs 

Q1. दिल की नॉर्मल धड़कन कितनी होनी चाहिए?

वयस्कों के लिए 60 से 100 BPM सामान्य है।

Q2. हार्ट रेट और पल्स रेट में क्या फर्क है?

दोनों लगभग समान होते हैं; पल्स रेट आपकी नाड़ी में महसूस की जाती है। 

Q3. क्या हार्ट रेट उम्र के साथ बदलती है?

हां, बच्चों की हार्ट रेट ज्यादा होती है और उम्र के साथ कम होती जाती है। 

Q4. क्या स्मार्ट वॉच से मापी गई हृदय गति भरोसेमंद है?

सामान्य जानकारी के लिए हां, लेकिन सटीकता के लिए डॉक्टर की जांच ज़रूरी है। 

Q5. क्या हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर एक जैसे होते हैं?

नहीं। हार्ट रेट दिल की धड़कनों की संख्या होती है (BPM में मापी जाती है), जबकि ब्लड प्रेशर खून के बहाव का दबाव होता है जो mmHg में मापा जाता है। दोनों अलग-अलग चीजें हैं, लेकिन दिल की सेहत के लिए दोनों का सामान्य होना जरूरी है।

Q6. हार्ट रेट कम होने पर क्या समस्या हो सकती है?

यदि हार्ट रेट बहुत कम (Bradycardia < 60 BPM) है और इसके साथ चक्कर, थकान या सांस फूलने जैसे लक्षण हैं, तो यह एक गंभीर संकेत हो सकता है।

Q7. हृदय गति अचानक बढ़ने के क्या कारण हो सकते हैं?

एक्सरसाइज, तनाव, कैफीन, डिहाइड्रेशन, बुखार या थायरॉइड जैसी स्थितियों के कारण हार्ट रेट अचानक बढ़ सकती है। 

Q8. क्या सोते समय हार्ट रेट कम हो जाती है?

हां, नींद के दौरान शरीर शांत रहता है और दिल की ज़रूरतें कम हो जाती हैं, जिससे हार्ट रेट भी कम हो जाती है  यह सामान्य बात है।

Q9. क्या हार्ट रेट का मोबाइल ऐप से मापन करना सुरक्षित है?

सामान्य निगरानी के लिए यह ठीक है, लेकिन यदि कोई स्वास्थ्य समस्या है तो मेडिकल-ग्रेड डिवाइस या डॉक्टर की सलाह लेना ज़रूरी है।

Q10. क्या तेज़ चलने या सीढ़ी चढ़ने पर हार्ट रेट बढ़ना सामान्य है?

हां, किसी भी फिजिकल एक्टिविटी के दौरान हार्ट रेट बढ़ना एक सामान्य प्रतिक्रिया है क्योंकि शरीर को ज्यादा ऑक्सीजन और ब्लड सप्लाई की ज़रूरत होती है।

Q11. बच्चे की सामान्य हार्ट रेट क्या होती है?

नवजात शिशुओं की हृदय गति 100180 BPM और 110 साल के बच्चों में 70130 BPM तक सामान्य मानी जाती है।

Q12. क्या स्ट्रेस हार्ट रेट बढ़ाता है?

बिल्कुल। जब आप तनाव में होते हैं तो शरीर “fight or flight” मोड में चला जाता है, जिससे हार्मोनल बदलाव होते हैं और हार्ट रेट बढ़ जाती है।

Q13. हार्ट रेट को नेचुरल तरीके से कैसे कम करें?

गहरी सांस लेना, ध्यान (meditation), प्राणायाम, नियमित व्यायाम, और कैफीन कम करना नेचुरल तरीके हैं जो हार्ट रेट को संतुलित करने में मदद करते हैं।

Q14. क्या एथलीट्स की हार्ट रेट हमेशा कम होती है?

हां, जो लोग नियमित रूप से कार्डियो और हाई-लेवल एक्सरसाइज करते हैं, उनकी हृदय गति कम हो सकती है (4060 BPM) यह फिटनेस का संकेत है, न कि बीमारी का।

Q15. क्या हर बार हार्ट रेट हाई होना खतरनाक है?

नहीं, अगर कोई एक्सरसाइज या स्ट्रेस जैसी स्पष्ट वजह हो तो यह सामान्य है। लेकिन अगर लगातार बिना कारण हार्ट रेट हाई रहती है, तो डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है। 

Dr. Ankur Gupta
Consultant • CARDIOLOGY - INTERVENTIONAL

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