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हाई और लो बीपी के लक्षण और कब खतरनाक होता है – समस्या और समाधान

हाई और लो बीपी के लक्षण
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By Dr. Sidhnath Singh in Cardiac Sciences

Sep 29, 2025

ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) आज के समय की सबसे आम लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। कोई हाई BP (High Blood Pressure) से परेशान है तो किसी को बार-बार लो BP (Low Blood Pressure) की वजह से कमजोरी और चक्कर आते हैं।
समस्या यह है कि ज्यादातर लोग समय रहते इसके लक्षण पहचान नहीं पाते और इलाज में देरी कर देते हैं। आइए समझते हैं कि यह समस्या क्या है और इसके समाधान क्या हो सकते हैं।

ब्लड प्रेशर क्या है और क्यों बिगड़ता है?

समस्या

ब्लड प्रेशर हमारे दिल द्वारा धमनियों में पंप किए गए खून का दबाव है।

  • सामान्य BP: 120/80 mmHg
  • हाई BP (Hypertension): 140/90 mmHg से ऊपर
  • लो BP (Hypotension): 90/60 mmHg से नीचे

गलत जीवनशैली, तनाव, खराब खानपान और दवाइयों का असर ब्लड प्रेशर को बिगाड़ सकता है।

समाधान

  • नियमित रूप से BP की जाँच करें।
  • स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँसंतुलित आहार, व्यायाम और तनाव नियंत्रण।
  • डॉक्टर से परामर्श लेकर दवाओं का सही इस्तेमाल करें।

लो BP के लक्षण (Low BP ke Lakshan)

समस्या

लो BP होने पर शरीर के अंगों तक पर्याप्त खून और ऑक्सीजन नहीं पहुँच पाता।
लक्षणों में शामिल हैं:

  • चक्कर आना और बेहोशी महसूस होना (low BP mein chakkar aana)
  • थकान, कमजोरी और सिरदर्द (low BP headache)
  • धुंधला दिखाई देना
  • ठंडी और पीली त्वचा
  • दिल की धड़कन तेज या धीमी

समाधान

  • पर्याप्त पानी पिएँ और डिहाइड्रेशन से बचें।
  • लंबे समय तक खाली पेट रहें।
  • नमक की मात्रा डॉक्टर की सलाह से लें।
  • अचानक खड़े होने से बचें।

गंभीर स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

हाई BP के लक्षण (High BP ke Lakshan)

समस्या

हाई ब्लड प्रेशर को साइलेंट किलर कहा जाता है क्योंकि कई बार कोई लक्षण नहीं दिखते। जब दिखते हैं तो इनमें शामिल हैं:

  • लगातार सिरदर्द (high BP headache)
  • चक्कर आना (high BP mein chakkar aana)
  • नाक से खून आना (high BP mein nak se khoon aana)
  • धुंधला दिखाई देना और सांस फूलना
  • सीने में दर्द और धड़कन तेज होना

समाधान

  • नमक और तैलीय खाना कम करें।
  • रोजाना हल्का व्यायाम करें।
  • तनाव, धूम्रपान और शराब से बचें।
  • डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं का नियमित सेवन करें।
  • अगर BP 180/120 mmHg से ऊपर हो तो तुरंत अस्पताल जाएँ।

लो BP कब खतरनाक होता है?

समस्या

लो BP की स्थिति गंभीर हो सकती है जब:

  • बार-बार बेहोशी हो
  • सांस लेने में दिक्कत हो
  • छाती में दर्द हो
  • पेशाब कम आने लगे

समाधान

  • तुरंत आपातकालीन चिकित्सा लें।
  • डॉक्टर द्वारा बताए गए इलाज और दवाओं का पालन करें।

जिन लोगों को बार-बार लो BP होता है, उन्हें हमेशा पानी और हल्का नमक वाला स्नैक साथ रखना चाहिए।

हाई BP कब खतरनाक होता है?

समस्या

अगर BP अचानक 180/120 mmHg से ऊपर पहुँच जाए तो इसे Hypertensive Crisis कहा जाता है। यह स्ट्रोक, हार्ट अटैक और किडनी फेलियर जैसी आपातकालीन स्थितियों का कारण बन सकता है।

समाधान

  • ऐसे समय पर तुरंत अस्पताल जाएँ।
  • डॉक्टर की सलाह से आपातकालीन दवाएँ लें।
  • भविष्य में हाई BP कंट्रोल रखने के लिए नियमित जाँच और जीवनशैली सुधार ज़रूरी है।

हाई और लो BP के कारण

लो BP के कारण (Low BP kaaran)

  • डिहाइड्रेशन: शरीर में पानी की कमी से खून की मात्रा घट जाती है, जिससे BP गिरता है।
  • खून की कमी (एनीमिया): लो हीमोग्लोबिन होने से अंगों तक ऑक्सीजन नहीं पहुँचती और BP कम हो जाता है।
  • दवाइयों का साइड इफेक्ट: कुछ हार्ट या डायबिटीज़ की दवाइयाँ BP को अचानक कम कर देती हैं।
  • थायरॉइड और हार्मोनल असंतुलन: हाइपोथायरॉइड या एड्रिनल समस्याएँ भी लो BP का कारण बन सकती हैं।
  • शुगर लेवल का गिरना: डायबिटीज़ मरीजों में हाइपोग्लाइसीमिया से लो BP हो सकता है।

हाई BP के कारण (High BP Kaaran)

  • ज्यादा नमक: अधिक नमक खाने से शरीर में पानी रुकता है और दबाव बढ़ जाता है।
  • मोटापा: वजन ज्यादा होने से दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
  • तनाव: लगातार तनाव से हार्मोनल बदलाव होते हैं जो BP को बढ़ाते हैं।
  • धूम्रपान और शराब: ये धमनियों को नुकसान पहुँचाकर BP बढ़ाते हैं।
  • पारिवारिक इतिहास और उम्र: बढ़ती उम्र और जेनेटिक्स हाई BP के जोखिम को दोगुना कर देते हैं।

समाधान

  • लो BP मेंहाइड्रेशन और संतुलित आहार पर ध्यान दें।
  • हाई BP मेंनमक कम करें, वजन नियंत्रित रखें, व्यायाम करें और धूम्रपान से बचें।

अगर इलाज किया जाए तो जटिलताएँ

लो BP untreated रहने पर

  • बार-बार बेहोशी और चोट: गिरने से फ्रैक्चर या सिर की चोट हो सकती है।
  • अंगों तक खून पहुँचना: ब्रेन, हार्ट और किडनी को ऑक्सीजन मिलने से डैमेज हो सकता है।
  • शॉक और जान का खतरा: लगातार गिरा हुआ BP जानलेवा साबित हो सकता है।

हाई BP untreated रहने पर

  • हार्ट अटैक और स्ट्रोक: लगातार दबाव धमनियों को नुकसान पहुँचाता है।
  • किडनी डैमेज: हाई BP किडनी के फिल्टर को खराब करता है।
  • आंखों पर असर: रेटिना को नुकसान पहुँचकर दृष्टि धुंधली हो सकती है।
  • हार्ट फेलियर: दिल पर लगातार दबाव से हार्ट बड़ा और कमजोर हो जाता है।

समाधान

  • समय रहते जांच, जीवनशैली सुधार और दवा से इन जटिलताओं से बचा जा सकता है।

वास्तविक उदाहरण (Patient Scenarios)

  • मोहित (28 वर्ष): ऑफिस में बार-बार चक्कर आने पर जांच हुई और BP 85/55 निकला। पर्याप्त पानी, संतुलित आहार और दवा से राहत मिली।
  • सीमा (52 वर्ष): सिरदर्द और थकान को नज़रअंदाज़ किया। जांच में BP 170/105 निकला। दवा और लाइफस्टाइल बदलाव से कंट्रोल हुआ।
  • शंकरलाल (65 वर्ष): हाई BP को नज़रअंदाज़ किया और एक दिन स्ट्रोक हो गया। समय पर इलाज से बच गए लेकिन अब उन्हें दवा और डाइट का सख्ती से पालन करना पड़ता है।

नीहा (32 वर्ष, गर्भवती): प्रेगनेंसी में बार-बार चक्कर आते थे। जांच में लो BP मिला। डॉक्टर ने डाइट और पानी बढ़ाने की सलाह दी जिससे समस्या कंट्रोल हो गई।

प्रमुख संस्थानों से तथ्य (Key Facts)

  • WHO: दुनिया भर में हर साल लगभग 1.3 अरब लोग हाई ब्लड प्रेशर से प्रभावित।
  • ICMR: भारत में 25% वयस्कों को हाई BP और लगभग 10% वयस्कों को लो BP की समस्या।
  • AHA (American Heart Association): हाई BP स्ट्रोक का सबसे बड़ा कारण है, लो BP शॉक और बेहोशी का कारण बन सकता है।

FAQs – हाई और लो BP से जुड़े सवाल

लो BP के लक्षण क्या होते हैं?

लो BP में चक्कर आना, कमजोरी, सिरदर्द, थकान और बेहोशी जैसी समस्याएँ दिखाई देती हैं। लंबे समय तक रहने पर ध्यान केंद्रित करने और काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है।

हाई BP के लक्षण कैसे पहचानें?

लगातार सिरदर्द, धुंधला दिखाई देना, नाक से खून आना और चक्कर आना हाई BP के संकेत हैं। कई बार शुरुआती स्टेज पर लक्षण हों, इसलिए नियमित जाँच ज़रूरी है।

लो ब्लड प्रेशर कब खतरनाक होता है?

जब लो BP की वजह से बार-बार बेहोशी, सांस लेने में तकलीफ, छाती में दर्द या पेशाब कम आना शुरू हो जाए तो यह खतरनाक है। यह स्थिति शॉक या अंग फेलियर तक ले जा सकती है।

हाई ब्लड प्रेशर कब खतरनाक है?

अगर BP 180/120 mmHg से ऊपर चला जाए तो इसे Hypertensive Crisis कहा जाता है। यह स्ट्रोक, हार्ट अटैक और किडनी फेलियर का कारण बन सकता है। तुरंत आपातकालीन इलाज लें।

लो BP में क्या खाना चाहिए?

लो BP में नारियल पानी, सूप, नमकीन पानी और नींबू पानी जैसे पेय फायदेमंद हैं। साथ ही थोड़ी-थोड़ी देर पर पौष्टिक आहार लेना मदद करता है।

हाई BP को कैसे कंट्रोल करें?

हाई BP को कंट्रोल करने के लिए नमक कम करें, रोजाना हल्का व्यायाम करें और ताजे फल-सब्जियाँ खाएँ। तनाव कम करें और डॉक्टर की दवाओं का नियमित सेवन करें।

क्या लो BP से मौत हो सकती है?

हाँ, अगर समय पर इलाज मिले तो लो BP शॉक और अंग फेलियर का कारण बन सकता है। अचानक बेहोशी, सांस रुकना या पेशाब आना गंभीर संकेत हैं।

क्या हाई BP में हमेशा दवा लेनी पड़ती है?

अधिकतर मरीजों को दवा लेनी पड़ती है। शुरुआती स्टेज में वजन घटाना, डाइट और व्यायाम से कंट्रोल हो सकता है, लेकिन गंभीर मामलों में दवा ज़रूरी होती है।

सामान्य BP स्तर क्या है?

सामान्य BP 120/80 mmHg होता है। 140/90 mmHg से ऊपर हाई BP और 90/60 mmHg से नीचे लो BP कहलाता है। इस स्तर से ऊपर-नीचे होने पर नियमित निगरानी करनी चाहिए।

क्या लो BP और हाई BP दोनों हो सकते हैं?

हाँ, यह दोनों अलग स्थितियाँ हैं लेकिन एक ही व्यक्ति को जीवन के अलग-अलग समय पर हो सकती हैं। इसलिए साल में कम से कम एक बार पूरी हेल्थ चेकअप कराना जरूरी है।

निष्कर्ष

हाई BP और लो BP दोनों ही गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ हैं।
जहाँ हाई BP धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुँचाता है, वहीं लो BP अचानक बेहोशी और शॉक का कारण बन सकता है।
इसलिए हर किसी को अपना BP नियमित रूप से जांचना चाहिए, हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना चाहिए और समस्या दिखते ही डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

Sidhnath Singh
Dr. Sidhnath Singh
Consultant - CARDIOLOGY
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