Chat with us on WhatsApp

लगातार खांसी (Lagatar Khansi): कारण, लक्षण, जांच, घरेलू इलाज, मेडिकल ट्रीटमेंट और बचाव

By Dr. Swetabh Purohit in Pulmonology

Sep 24, 2025

इस गाइड में हम कारण (khansi ke karan), लक्षण (khansi ke lakshan), जांच (diagnosis), घरेलू उपाय (home remedies), इलाज (khansi ka ilaj), और रोकथाम (prevention) को आसान भाषा में समझेंगे—ताकि आप तुरंत सही कदम उठा सकें।

परिचय

लगातार खांसी (Lagatar Khansi) कई बार साधारण सर्दी-जुकाम का हिस्सा होती है। लोग शुरुआत में इसे हल्के में लेते हैं और सोचते हैं कि यह समय के साथ अपने-आप ठीक हो जाएगी। लेकिन जब खांसी बार-बार लौटने लगे, दो हफ़्तों से ज़्यादा टिके, रात में बढ़ जाए, या इसके साथ सांस फूलने और सीने में दर्द जैसे लक्षण दिखाई दें—तो यह शरीर का एक संकेत है कि अंदर कुछ गड़बड़ है।

ऐसी खांसी केवल नींद और रोज़मर्रा की गतिविधियों में बाधा ही नहीं डालती, बल्कि यह किसी गंभीर बीमारी की चेतावनी भी हो सकती है। कई लोग इसे नज़रअंदाज़ कर घरेलू नुस्ख़ों तक सीमित रहते हैं, लेकिन हक़ीक़त यह है कि 2–3 हफ़्तों से ज़्यादा चलने वाली खांसी को नज़रअंदाज़ करना सही नहीं। इस गाइड में हम लगातार खांसी के कारण (khansi ke karan), लक्षण (khansi ke lakshan), जांच (diagnosis), घरेलू उपाय (home remedies), इलाज (khansi ka ilaj) और रोकथाम (prevention) को आसान भाषा में समझेंगे—ताकि आप सही समय पर सही कदम उठा सकें।

क्या सामान्य है, क्या नहीं?

  • तीव्र खांसी (Acute Cough): यह आमतौर पर 3 हफ़्तों से कम रहती है और ज़्यादातर सर्दी-जुकाम या वायरल संक्रमण का हिस्सा होती है।

  • उप-तीव्र खांसी (Sub-acute Cough): यह 3–8 हफ़्तों तक बनी रह सकती है और अक्सर इसे “संक्रमण के बाद की खांसी” (post-infectious cough) कहा जाता है।

  • दीर्घकालिक या लगातार खांसी (Chronic Cough): 8 हफ़्तों से अधिक समय तक रहने वाली खांसी को गंभीर माना जाता है और इस स्थिति में डॉक्टर की सलाह ज़रूरी होती है।

संकेत: अगर खांसी 2–3 हफ़्तों से ज़्यादा समय तक बनी रहे, बार-बार लौटे या रोज़मर्रा के काम प्रभावित करे—तो इसे “लगातार खांसी” मानकर जांच ज़रूरी है।

लगातार खांसी के कारण (Khansi ke Karan)

लगातार खांसी के कई कारण होते हैं। कुछ साधारण, तो कुछ गंभीर।

1. संक्रमण (Infections)

सर्दी, जुकाम, ब्रोंकाइटिस या निमोनिया जैसी बीमारियाँ खांसी को लंबे समय तक बनाए रख सकती हैं।

  • संकेत: गले में खराश, बुखार, कफ का रंग बदलना, सीने में भारीपन।

  • उदाहरण: एक साधारण फ्लू अगर ठीक से नहीं संभाला जाए तो ब्रोंकाइटिस में बदल सकता है, और यह लगातार खांसी का कारण बन जाता है।

2. एलर्जी और पोस्ट-नेज़ल ड्रिप

एलर्जी वालों को अक्सर धूल, परागकण, पालतू जानवर या धुएं से परेशानी होती है।

  • संकेत: गले में खुजली, नाक बहना, रात में लेटते ही खांसी बढ़ना।

  • क्यों? क्योंकि नाक से गले में बहने वाला म्यूकस गले को इरिटेट करता है और खांसी शुरू हो जाती है।

3. दमा (Asthma) और COPD

अस्थमा या क्रॉनिक फेफड़े की बीमारी वाले लोगों को खांसी, सांस फूलना और व्हीज़िंग (सीटी जैसी आवाज़) होती है।

  • विशेष रूप से रात में या व्यायाम के बाद खांसी बढ़ जाती है।

4. धूम्रपान (Smoking)

स्मोकिंग करने वाले लोगों को अक्सर सुबह उठते ही गाढ़े बलगम वाली खांसी आती है।

  • लंबे समय तक धूम्रपान फेफड़ों को कमजोर करता है और लगातार खांसी का कारण बन सकता है।

5. टीबी (Tuberculosis)

भारत में लगातार खांसी का सबसे बड़ा और गंभीर कारण टीबी है।

  • संकेत: 2–3 हफ़्तों से ज़्यादा खांसी, बलगम में खून, रात को पसीना आना, वजन घटना।

  • टीबी का इलाज लंबा और सख़्ती से दवाओं का पालन करने पर ही संभव है।

6. GERD / एसिडिटी

कई लोगों को यह पता नहीं होता कि एसिडिटी भी खांसी का कारण बन सकती है।

  • जब पेट का एसिड ऊपर गले तक आता है तो यह गले को चुभता है और लगातार खांसी शुरू हो जाती है, खासकर रात में लेटते समय।

7. दवाइयों के साइड-इफेक्ट

कुछ ब्लड प्रेशर की दवाएँ (ACE inhibitors) भी सूखी खांसी का कारण बन सकती हैं।

लगातार खांसी के लक्षण (Khansi ke Lakshan)

लगातार खांसी सिर्फ़ खांसी नहीं होती, इसके साथ कई लक्षण आते हैं:

  • गले में लगातार खराश और जलन

  • बलगम या कफ निकलना (कभी पीला या हरा रंग)

  • आवाज़ बैठना और बोलने में दिक़्क़त

  • सीने में दर्द और भारीपन

  • रात में खांसी बढ़ना और नींद खराब होना

  • बच्चों में उल्टी और चिड़चिड़ापन

संकेतों को नज़रअंदाज़ न करें, क्योंकि यही आगे की बीमारी की ओर इशारा करते हैं।

इलाज: लगातार खांसी का समाधान (Khansi ka Ilaj)

घरेलू उपाय (Home Remedies)

भारत में लोग खांसी के लिए सबसे पहले घरेलू नुस्ख़ों पर भरोसा करते हैं, और ये कई मामलों में फायदेमंद भी होते हैं:

  • शहद और अदरक: गले की खराश और सूजन कम करता है।

  • भाप लेना (Steam Inhalation): कफ को ढीला कर आसानी से बाहर निकालता है।

  • हल्दी वाला दूध: एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण से शरीर को मजबूत करता है।

  • तुलसी और काली मिर्च: प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं और खांसी कम करते हैं।

डॉक्टर द्वारा दी जाने वाली दवाइयाँ

  • सूखी खांसी के लिए: एंटी-टसिव दवाइयाँ।

  • गीली खांसी के लिए: एक्सपेक्टोरेंट्स और म्यूकॉलिटिक्स।

  • एलर्जी वाली खांसी: एंटी-हिस्टामिन।

  • दमा/COPD: इनहेलर और नेबुलाइज़र।

  • संक्रमण: एंटीबायोटिक (सिर्फ़ जरूरत पड़ने पर)।

  • टीबी: राष्ट्रीय प्रोटोकॉल के अनुसार लंबा इलाज।

क्या खाएँ और क्या न करें?

खाएं

  • गर्म सूप, दलिया, खिचड़ी

  • शहद, तुलसी, अदरक

  • गुनगुना पानी

  • हल्दी वाला दूध

परहेज़ करें

  • ठंडी चीज़ें जैसे आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक्स

  • बहुत मसालेदार और तैलीय खाना

  • धूल, धुआं और प्रदूषण

बच्चों और गर्भवती महिलाओं में लगातार खांसी

  • बच्चों में: अक्सर यह वायरल इन्फेक्शन या एलर्जी की वजह से होती है। डॉक्टर की राय ज़रूरी है क्योंकि दवाओं की डोज अलग होती है।

  • गर्भवती महिलाओं में: ज्यादातर घरेलू उपाय सुरक्षित हैं लेकिन कोई भी दवा डॉक्टर की सलाह के बिना न लें।

रोकथाम (Prevention)

  • धूम्रपान और सेकंड-हैंड स्मोक से दूर रहें।

  • मास्क पहनें, खासकर प्रदूषण वाले इलाकों में।

  • नियमित हाथ धोएं।

  • संतुलित आहार और पर्याप्त नींद लें।

  • समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराते रहें।

Key Facts & Sources

  • WHO: हर साल लाखों लोग खांसी से जुड़ी बीमारियों से प्रभावित होते हैं।

  • ICMR (India): भारत में टीबी लगातार खांसी का बड़ा कारण है।

  • CDC (USA): बताता है कि लंबे समय तक खांसी को नज़रअंदाज़ करना खतरनाक है।

निष्कर्ष (Conclusion)

लगातार खांसी (Lagatar Khansi) को हल्के में लेना सही नहीं है। यह कभी-कभी साधारण सर्दी-जुकाम का हिस्सा होती है, लेकिन कई बार यह गंभीर बीमारियों जैसे दमा, टीबी, एलर्जी या GERD का संकेत भी हो सकती है। अगर खांसी 2–3 हफ़्तों से ज़्यादा बनी रहे, खून आए, सांस लेने में दिक़्क़त हो या वजन घटने लगे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

घरेलू उपाय जैसे शहद, अदरक, भाप लेना और हल्दी वाला दूध खांसी को कम करने में मदद कर सकते हैं, लेकिन सही निदान और इलाज के लिए चिकित्सकीय परामर्श ज़रूरी है।

याद रखें – समय पर पहचान और सही इलाज से लगातार खांसी से राहत पाना संभव है और आप अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकते हैं।

FAQ's

लगातार खांसी क्यों होती है?

यह एलर्जी, दमा, संक्रमण, धूम्रपान, टीबी या एसिडिटी की वजह से हो सकती है। सही कारण पता करने के लिए समय पर जांच ज़रूरी है।

लगातार खांसी में क्या खाएं?

गर्म सूप, शहद, अदरक और हल्दी वाला दूध गले को आराम देते हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।

बच्चों में लगातार खांसी का कारण क्या है?

अक्सर यह सर्दी-जुकाम, एलर्जी या फेफड़ों के संक्रमण की वजह से होती है। सही इलाज के लिए बाल रोग विशेषज्ञ की सलाह ज़रूरी है।

लगातार खांसी कब गंभीर होती है?

जब खांसी 2 हफ़्तों से ज़्यादा चले, खून आए, वजन घटे या सांस लेने में परेशानी हो। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से मिलें।

खांसी के लिए घरेलू उपाय क्या हैं?

शहद-अदरक, भाप लेना, हल्दी वाला दूध और तुलसी की चाय खांसी और गले की खराश को कम करने में असरदार हैं।

Q6. गर्भावस्था में खांसी का इलाज कैसे करें?
गर्भवती महिलाएं सुरक्षित घरेलू उपाय अपनाएं, लेकिन कोई भी दवा सिर्फ स्त्री रोग विशेषज्ञ या डॉक्टर की सलाह से ही लें।

Q7. रात में खांसी क्यों बढ़ती है?
यह एलर्जी, अस्थमा या GERD की वजह से बढ़ सकती है। लेटते समय लक्षण ज़्यादा तीव्र हो जाते हैं और नींद खराब हो जाती है।

क्या धूम्रपान से लगातार खांसी होती है?

हाँ, स्मोकिंग लगातार खांसी और फेफड़ों की बीमारियों का बड़ा कारण है। इसे रोकने के लिए धूम्रपान तुरंत छोड़ना ज़रूरी है।

लगातार खांसी और बलगम का क्या मतलब है?

यह फेफड़ों के संक्रमण, ब्रोंकाइटिस या टीबी का संकेत हो सकता है। अगर बलगम में खून आए तो तुरंत डॉक्टर से दिखाएँ।

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

अगर खांसी 2 हफ़्तों से ज़्यादा रहे, खून आए, सांस लेने में तकलीफ़ हो या वजन कम होने लगे तो डॉक्टर को ज़रूर दिखाएँ।

Content Medically Reviewed by
Dr. Swetabh Purohit
Senior Consultant • PULMONOLOGY

Meet The Doctor

Recent Blogs

हवा से फैलने वाली बीमारियां: कारण, लक्षण, बचाव और इलाज
भीड़-भाड़ वाली जगहों पर अक्सर हम देखते हैं कि अगर किसी को खांसी या जुकाम है, तो आसपास बैठे लोग भी बीमार हो जाते हैं। इसका कारण है – हवा से फैलने वाली बीमारियां (Airborne Diseases)। ये बीमारियां हमारे आस-पास की हवा में मौजूद वायरस, बैक्टीरिया या फंगस से फैलती हैं और बहुत तेजी से एक व्यक्ति से दूसरे में पहुँच जाती हैं।
Continue Reading
फीवर(बुखार), खांसी और सांस की तकलीफ – कब सामान्य है और कब खतरा?
बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ ऐसे लक्षण हैं जो मामूली सर्दी-जुकाम से लेकर गंभीर बीमारियों तक का संकेत हो सकते हैं। कई बार यह वायरल इन्फेक्शन या एलर्जी का हिस्सा होता है, लेकिन कई बार यही लक्षण निमोनिया, टीबी, ब्रोंकाइटिस, अस्थमा, हार्ट फेलियर या कोविड जैसे खतरनाक संक्रमण की ओर इशारा करते हैं।
Continue Reading
View all Blogs
loading