सूखी खांसी क्यों होती है? जानें कारण, लक्षण और असरदार इलाज
Nov 25, 2025
सुखी खांसी, जिसे हम सूखी खांसी, बिना बलगम वाली खांसी, Sukhi Khansi, या Dry Cough भी कहते हैं, वह खांसी होती है जिसमें व्यक्ति को बार-बार खांसी तो आती है, लेकिन बलगम (mucus) नहीं निकलता।
इस प्रकार की खांसी में गला:
- सूखा हुआ लगता है
- बार-बार खुजली होती है
- चुभन या irritation महसूस होती है
- खांसी लगातार आती रहती है
Dry cough का सबसे बड़ा कारण गले की सूखावट (dryness) है। जब गले की नमी कम हो जाती है, तो नसें संवेदनशील हो जाती हैं। इससे खांसी बार-बार ट्रिगर होती रहती है।
कई बार यह खांसी रात में अधिक बढ़ जाती है, क्योंकि:
- हवा का तापमान कम हो जाना
- गले का सूख जाना
- लेटते समय एसिडिटी बढ़ना
- साइलेंट रिफ्लक्स
ये सभी चीजें रात में खांसी को और खराब करती हैं।
सुखी खांसी के लक्षण — विस्तृत विवरण
1. गले में खुजली (Throat Itching)
जब गले की अंदरूनी परत सूखने लगती है, तो irritation बढ़ती है। इससे:
- हल्की खुजली
- लगातार खांसी करने का मन
- गले में "कुछ अटका हुआ" महसूस होना
ये आम लक्षण हैं।
2. गले में सूखापन (Dry Throat / Gala Khushk Rehna)
गला जब बहुत सूखा हो जाता है, तो खांसी रुकती ही नहीं।
सूखापन बढ़ने पर खांसी और ज्यादा irritate करती है।
3. रात में खांसी बढ़ना (Dry Cough at Night)
यह संकेत करता है कि:
- गला दिनभर थका हुआ है
- रात में हवा ठंडी है
- एसिडिटी ट्रिगर होती है
इससे रात भर खांसी आती रहती है, नींद खराब होती है, और सुबह सिरदर्द हो सकता है।
4. आवाज बैठना या भारी होना
लगातार खांसी की वजह से वोकल कॉर्ड थक जाते हैं।
आवाज भारी, बैठी हुई या फटी हुई हो सकती है।
5. छाती में जलन और दर्द
जब खांसी बहुत ज्यादा आती है:
- छाती की मांसपेशियां खिंच जाती हैं
- एसिडिटी चेस्ट बर्निंग बढ़ाती है
- खांसी के दबाव से दर्द महसूस होता है
6. सांस लेने में दिक्कत
Asthma Dry Cough या एलर्जी के मामलों में खांसी के साथ-साथ हल्की साँस फूलना भी हो सकता है।
7. लगातार खांसी रुकना नहीं (Persistent Dry Cough)
यह दर्शाता है कि irritation लगातार बनी हुई है।
कई बार यह पोस्ट-वायरल ड्राई कफ हो सकता है जो 10–20 दिन तक रहता है।
सुखी खांसी के कारण — गहराई से समझें
1. एलर्जी (Allergy Se Sukhi Khansi)
भारत में सुखी खांसी का सबसे बड़ा कारण यही है।
एलर्जी हो सकती है:
- धूल
- पॉल्यूशन
- पालतू जानवर
- पुराने फर्नीचर की मिट्टी
- परागकण (pollen)
- मौसम का बदलाव
इनसे गले की नसें संवेदनशील हो जाती हैं और खांसी बढ़ने लगती है।
2. वायरल संक्रमण (Post Viral Dry Cough)
सर्दी-जुकाम ठीक होने के 1–2 हफ्ते बाद भी सूखी खांसी रहना बिल्कुल सामान्य है।
इसे पोस्ट वायरल कफ कहते हैं।
इसमें गले का tissue सदमे में होता है और सूखापन बढ़ जाता है।
3. प्रदूषण (Pollution Dry Cough)
प्रदूषण हवा में मौजूद कण सीधे गले पर असर करते हैं।
उससे:
- irritation
- सूखापन
- खांसी
- अस्थमा बढ़ना
सब होता है।
4. एसिडिटी / GERD / Acid Reflux
यह Dry Cough का छुपा हुआ कारण है।
एसिड रात में ऊपर आता है और गले को सूखा देता है।
लक्षण:
- चेस्ट बर्निंग
- खट्टी डकार
- खाली पेट खांसी
5. अस्थमा (Asthma Dry Cough)
Asthma का सबसे subtle symptom है Dry Cough।
कई बार व्यक्ति को खुद भी पता नहीं चलता कि उसे अस्थमा है।
6. दवाइयों का साइड इफेक्ट
BP की ACE inhibitor दवाइयां लगातार सूखी खांसी देती हैं।
7. गले का इंफेक्शन
Throat infection में गला लाल, सूखा और दर्दभरा महसूस होता है।
सुखी खांसी के घरेलू उपाय — विस्तृत जानकारी
1. शहद + अदरक (Honey + Ginger)
यह natural antiseptic है।
गले की जलन, खुजली और dryness को तुरंत शांत करता है।
2. तुलसी-अदरक-काली मिर्च की चाय
इसके regular सेवन से:
- सूजन कम होती है
- गले की सूखावट कम
- शरीर में warmth
मिलती है।
3. भाप लेना (Steam Inhalation)
भाप हवा में नमी लाती है।
इससे गले की dryness कम होती है और irritation soothe होती है।
4. हल्दी वाला दूध (Haldi Doodh)
हल्दी में curcumin होता है जो infection और swelling को कम करता है।
5. नमक के गरारे (Salt Water Gargle)
गले की लालिमा कम होती है और infection control में रहता है।
6. गुनगुना पानी
Warm water पूरे दिन थोड़ा-थोड़ा पीते रहें—गले की नमी बनी रहती है।
सुखी खांसी का इलाज — मेडिकल उपचार (Detailed Treatment)
1. Anti-allergic दवाइयाँ
एलर्जी की वजह से होने वाली Sukhi Khansi को तुरंत राहत देती हैं।
2. Cough Suppressant Syrup
यह खांसी की नसों को शांत करता है और खांसी कम होती है।
3. Anti-Reflux Medicines
एसिडिटी या रिफ्लक्स के कारण होने वाली dry cough में बेहद असरदार।
4. Inhalers / Nebulisation
Asthma Dry Cough के लिए सबसे अच्छा उपचार।
5. Lozenges
गले की सूजन कम करते हैं और dryness को कम करते हैं।
डॉक्टर को कब दिखाएं? — (Detailed Warning Signs)
- खांसी 2 हफ्तों से अधिक चली आ रही हो
- बुखार 3–4 दिन से कम नहीं हो रहा
- रात में सांस फूलती हो
- सीने में जलन, दर्द या खट्टी डकार आती हो
- वजन तेजी से कम हो रहा हो
- खांसी में खून आए
- बच्चे/बुजुर्ग की खांसी ज्यादा बढ़ जाए
यह सभी संकेत बताते हैं कि आपको medical evaluation की जरूरत है।
सुखी खांसी में क्या खाएं? क्या न खाएं?
क्या खाएं?
- गुनगुना पानी
- गरम सूप, दलिया, खिचड़ी
- हल्दी दूध
- शहद
- तुलसी पत्ती
- अदरक
- गरम हर्बल चाय
क्या न खाएं?
- आइसक्रीम
- बहुत ठंडे पेय
- तला-भुना खाना
- बहुत तीखा खाना
- कोल्ड ड्रिंक
- फ्रिज का पानी
FAQs
सुखी खांसी क्यों होती है?
सुखी खांसी अक्सर एलर्जी, वायरल संक्रमण, धूल-मिट्टी, बदलते मौसम, प्रदूषण या एसिडिटी की वजह से होती है। गले की सूखावट और irritation Dry Cough को बढ़ा देती है।
सूखी खांसी जल्दी कैसे ठीक करें?
गुनगुना पानी, भाप, शहद-अदरक, तुलसी की चाय और हल्दी दूध बहुत मदद करते हैं। 7–10 दिन में आराम न आए तो डॉक्टर दिखाना जरूरी है।
रात में सुखी खांसी क्यों बढ़ जाती है?
रात में गला सूख जाता है, temperature कम हो जाता है और reflux के chances बढ़ते हैं। ये सभी factors रात में खांसी को ट्रिगर करते हैं।
बिना बलगम वाली खांसी क्या होती है?
यह वह खांसी है जिसमें बलगम नहीं बनता, केवल irritation रहती है। इसे Dry Cough या Sukhi Khansi कहा जाता है।
सुखी खांसी में क्या खाएं?
गरम सूप, हल्दी दूध, शहद, तुलसी, अदरक, नींबू-शहद पानी और warm liquids सबसे फायदेमंद हैं।
सुखी खांसी में क्या न खाएं?
बहुत ठंडी चीजें, आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक, ज्यादा तला हुआ खाना और धूम्रपान Dry Cough को और खराब करते हैं।
सूखी खांसी कितने दिन रहती है?
यदि यह वायरल के कारण है तो 7–15 दिन तक रह सकती है। एलर्जी वाली खांसी लंबे समय तक चल सकती है।
क्या सुखी खांसी खतरनाक हो सकती है?
अधिकतर नहीं, लेकिन अगर यह 2–3 हफ्तों से ज्यादा चले, बुखार हो या सांस लेने में दिक्कत आए तो यह गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है।
बच्चे में सुखी खांसी क्यों होती है?
बच्चों में एलर्जी, प्रदूषण, वायरल संक्रमण और ठंडी हवा के कारण Dry Cough आम है। लंबे समय तक चले तो pediatrician दिखाएं।
सुखी खांसी रोकने के लिए सबसे अच्छी दवा कौनसी है?
Anti-allergic, Dry Cough Syrup और Anti-Reflux Medicines लाभदायक हैं, पर इन्हें डॉक्टर की सलाह के बाद ही लें।