कैल्शियम से भरपूर भोजन: हड्डियों, दाँतों और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए क्या खाएं?
Dec 29, 2025
आजकल बहुत से लोग जोड़ों के दर्द, कमर दर्द, बार-बार थकान या हड्डियों की कमजोरी की शिकायत करते हैं। अक्सर इसकी एक बड़ी वजह होती है – कैल्शियम की कमी। कैल्शियम हमारे शरीर के लिए उतना ही जरूरी है जितना प्रोटीन या आयरन, लेकिन फिर भी हम इसे नज़रअंदाज़ कर देते हैं।
अधिकतर लोगों को लगता है कि कैल्शियम सिर्फ दूध से ही मिलता है, जबकि सच्चाई यह है कि कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ कई तरह के होते हैं – दूध वाले भी और बिना दूध वाले भी। इस ब्लॉग में हम आसान भाषा में जानेंगे कि कैल्शियम क्या है, यह क्यों जरूरी है, रोज़ाना कितना चाहिए और कौन-कौन से कैल्शियम से भरपूर भोजन आपको अपनी डाइट में शामिल करने चाहिए।
कैल्शियम क्या है और शरीर में इसका क्या काम है?
कैल्शियम एक जरूरी मिनरल है जो हमारे शरीर की कई अहम ज़रूरतों को पूरा करता है। शरीर में मौजूद लगभग 99% कैल्शियम हड्डियों और दांतों में जमा होता है, जबकि बाकी 1% मांसपेशियों, नसों और दिल के सही काम करने में मदद करता है।
अगर शरीर को पर्याप्त कैल्शियम नहीं मिलता, तो वह हड्डियों से कैल्शियम निकालना शुरू कर देता है। इससे धीरे-धीरे हड्डियाँ कमजोर होने लगती हैं।
कैल्शियम के फायदे:
- हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है
- मांसपेशियों की सही मूवमेंट में मदद करता है
- नसों के सिग्नल ठीक से काम करते हैं
- दिल की धड़कन को सामान्य रखता है
- खून जमने की प्रक्रिया में मदद करता है
रोज़ाना कैल्शियम की जरूरत कितनी होती है?
हर उम्र के व्यक्ति के लिए कैल्शियम की जरूरत अलग-अलग होती है।
- बच्चे (4–8 साल): लगभग 1000 mg
- किशोर (9–18 साल): लगभग 1300 mg
- वयस्क (19–50 साल): लगभग 1000 mg
- महिलाएं 50 के बाद / पुरुष 70 के बाद: लगभग 1200 mg
- गर्भावस्था और स्तनपान: 1000–1300 mg
इस जरूरत को पूरा करने का सबसे सुरक्षित और अच्छा तरीका है – कैल्शियम युक्त आहार।
कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ (प्राकृतिक स्रोत)
कैल्शियम दवा से लेने की बजाय भोजन से लेना ज्यादा फायदेमंद होता है क्योंकि इससे शरीर इसे बेहतर तरीके से अवशोषित करता है।
दूध और डेयरी से मिलने वाला कैल्शियम
- दूध
- दही
- पनीर
- चीज़
ये सभी कैल्शियम वाले खाद्य पदार्थ हैं और रोज़मर्रा की डाइट में आसानी से शामिल किए जा सकते हैं।
शाकाहारी और वेगन कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ
अगर आप दूध नहीं पीते या वेगन डाइट फॉलो करते हैं, तब भी चिंता की बात नहीं है।
- तिल
- रागी (मंडुआ)
- बादाम
- चिया सीड्स
- टोफू
- सोया दूध
ये सभी पौधों से मिलने वाला कैल्शियम के बेहतरीन स्रोत हैं।
फल और सब्ज़ियाँ जिनमें कैल्शियम होता है
- पालक
- ब्रोकली
- अंजीर
- संतरा
हालांकि इनमें कैल्शियम की मात्रा डेयरी जितनी नहीं होती, लेकिन नियमित सेवन से अच्छा योगदान मिलता है।
दूध के बिना कैल्शियम वाले खाद्य पदार्थ
कई लोगों को दूध पचता नहीं है या वे लैक्टोज इनटॉलरेंट होते हैं। ऐसे लोगों के लिए दूध के बिना कैल्शियम वाले खाद्य पदार्थ बहुत काम के होते हैं।
- तिल और तिल का लड्डू
- रागी की रोटी या दलिया
- बादाम और अखरोट
- टोफू और सोया दूध
- हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ
इस तरह आप बिना दूध कैल्शियम कैसे लें, यह आसानी से समझ सकते हैं।
अलग-अलग उम्र के लिए कैल्शियम युक्त आहार
महिलाओं के लिए कैल्शियम युक्त भोजन
30 की उम्र के बाद महिलाओं में हड्डियों की मजबूती कम होने लगती है, खासकर मेनोपॉज़ के बाद।
- दूध, दही, पनीर
- रागी और तिल
- बादाम और अंजीर
ये खाद्य पदार्थ महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को कम करते हैं।
बच्चों और किशोरों के लिए कैल्शियम
बच्चों की लंबाई और हड्डियों की ग्रोथ के लिए कैल्शियम बहुत जरूरी है।
- दूध और दही
- चीज़
- रागी डोसा या रागी दलिया
- नट्स के साथ स्मूदी
बुजुर्गों के लिए कैल्शियम युक्त आहार
उम्र बढ़ने के साथ हड्डियाँ कमजोर होने लगती हैं।
- नरम पनीर
- दही
- उबली सब्ज़ियाँ
- भीगे हुए बादाम
ये बुजुर्गों के लिए कैल्शियम युक्त आहार अच्छे माने जाते हैं।
ऑस्टियोपोरोसिस में कैल्शियम क्यों जरूरी है?
ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें हड्डियाँ खोखली और कमजोर हो जाती हैं। नियमित रूप से कैल्शियम से भरपूर भोजन लेने से हड्डियों की घनत्व (bone density) बनी रहती है।
ध्यान रखें, कैल्शियम के साथ-साथ विटामिन D भी जरूरी है, जो धूप से या भोजन से मिलता है।
कैल्शियम की कमी के लक्षण
कैल्शियम की कमी धीरे-धीरे बढ़ती है, इसलिए शुरू में लक्षण समझ में नहीं आते।
कैल्शियम की कमी के लक्षण:
- मांसपेशियों में ऐंठन
- बार-बार थकान
- हड्डियों या जोड़ों में दर्द
- नाखूनों का कमजोर होना
- उंगलियों में झनझनाहट
कैल्शियम का अवशोषण कैसे बढ़ाएँ?
- रोज़ थोड़ी देर धूप में बैठें
- विटामिन D युक्त भोजन लें
- नमक और कैफीन का अधिक सेवन न करें
- कैल्शियम को दिन में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लें
कैल्शियम टैबलेट या भोजन – क्या बेहतर है?
अधिकतर मामलों में प्राकृतिक कैल्शियम यानी भोजन से मिलने वाला कैल्शियम ज्यादा सुरक्षित होता है।
कैल्शियम टैबलेट सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही लेनी चाहिए, खासकर बुजुर्गों या गंभीर कमी वाले मरीजों में।
रोज़ाना कैल्शियम युक्त डाइट प्लान (उदाहरण)
नाश्ता:
रागी डोसा + दही
दोपहर का भोजन:
दाल, हरी सब्ज़ी, रोटी
शाम का स्नैक:
भीगे हुए बादाम या अंजीर
रात का खाना:
पनीर या टोफू की सब्ज़ी
FAQs
कैल्शियम किस भोजन में होता है?
दूध, दही, पनीर, रागी, तिल, बादाम और हरी सब्ज़ियों में कैल्शियम होता है।
सबसे ज्यादा कैल्शियम किस चीज़ में होता है?
तिल और रागी कैल्शियम के बहुत अच्छे प्राकृतिक स्रोत हैं।
बिना दूध कैल्शियम कैसे लें?
रागी, तिल, टोफू, बादाम और हरी सब्ज़ियों से कैल्शियम लिया जा सकता है।
रोज़ाना कितना कैल्शियम जरूरी है?
वयस्कों के लिए लगभग 1000 mg कैल्शियम रोज़ जरूरी होता है।
कैल्शियम की कमी के लक्षण क्या हैं?
हड्डियों में दर्द, थकान, मांसपेशियों में ऐंठन और कमजोरी इसके लक्षण हैं।
क्या कैल्शियम जोड़ों के दर्द में मदद करता है?
हाँ, कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाकर जोड़ों पर दबाव कम करता है।
बच्चों को कितना कैल्शियम चाहिए?
बच्चों और किशोरों को रोज़ 1000–1300 mg कैल्शियम चाहिए।
क्या कैल्शियम टैबलेट रोज़ ले सकते हैं?
नहीं, बिना डॉक्टर की सलाह रोज़ टैबलेट नहीं लेनी चाहिए।
कैल्शियम बढ़ाने के घरेलू उपाय क्या हैं?
रागी, तिल, दही और धूप का नियमित सेवन मदद करता है।
क्या सिर्फ दूध से ही कैल्शियम मिलता है?
नहीं, कई शाकाहारी और बिना दूध वाले खाद्य पदार्थ भी कैल्शियम से भरपूर होते हैं।
निष्कर्ष
कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ हर उम्र के व्यक्ति के लिए जरूरी हैं। सही भोजन, नियमित धूप और संतुलित जीवनशैली अपनाकर आप अपनी हड्डियों को लंबे समय तक मजबूत रख सकते हैं। दूध पीते हों या नहीं, कैल्शियम की कमी से बचने के लिए आपके पास कई अच्छे विकल्प मौजूद हैं।