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सायटिका में बिना ऑपरेशन इलाज या सर्जरी—कब क्या ज़रूरी?

सायटिका
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By Dr. Chandra Kant Ameta in Orthopaedics

Dec 20, 2025

कमर से पैर तक जाने वाला तेज़, चुभता या जलन जैसा दर्द अगर आपको परेशान कर रहा है, तो आपने ज़रूरसायटिकाका नाम सुना होगा। ऐसे में सबसे आम सवाल यही आता है
क्या सायटिका में ऑपरेशन करवाना पड़ेगा?”

अच्छी खबर यह है कि ज़्यादातर मामलों में सायटिका बिना सर्जरी के ठीक हो जाता है लेकिन कुछ स्थितियों में सर्जरी ज़रूरी हो जाती है, ताकि नस को स्थायी नुकसान से बचाया जा सके।

इस ब्लॉग में हम आसान भाषा में समझेंगे:

  • सायटिका क्या है
  • सायटिका का ऑपरेशन कब ज़रूरी होता है
  • किन लक्षणों को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए
  • कौन-कौन सी सर्जरी होती हैं

और ऑपरेशन के बाद रिकवरी कैसी रहती है

सायटिका क्या है और यह दर्द क्यों होता है?

सायटिका कोई बीमारी नहीं, बल्कि एक नस से जुड़ी समस्या है। हमारे शरीर की सबसे लंबी नस को सायटिक नर्व कहा जाता है, जो कमर से शुरू होकर कूल्हे, जांघ और पैर तक जाती है।

जब किसी वजह से इस नस पर दबाव पड़ता है, तो कमर से पैर तक दर्द, झनझनाहट, सुन्नपन या कमजोरी महसूस होती है। इसी को सायटिका दर्द कहा जाता है।

सायटिका के आम कारण

  • स्लिप डिस्क से सायटिका
  • कमर की नस दबना
  • रीढ़ की हड्डी में दबाव
  • स्पाइनल स्टेनोसिस
  • चोट या लंबे समय तक गलत पोश्चर

क्या सायटिका बिना ऑपरेशन ठीक हो सकता है?

हाँ, अधिकतर मामलों में सायटिका बिना ऑपरेशन ठीक हो सकता है

लगभग 80–90% मरीजों को दवा, फिजियोथेरेपी और लाइफस्टाइल बदलाव से आराम मिल जाता है आमतौर पर 4 से 6 हफ्तों में दर्द कम होने लगता है।

बिना सर्जरी के इलाज में शामिल हैं:

  • दर्द और सूजन कम करने की दवाइयाँ
  • फिजियोथेरेपी और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़
  • सही बैठने और उठने की आदतें
  • गरम या ठंडी सिकाई

अगर इन उपायों से दर्द धीरे-धीरे कम हो रहा है, तो ऑपरेशन की ज़रूरत नहीं होती

सायटिका दर्द कितने दिन में ठीक होता है?

  • हल्का सायटिका दर्द: 2–4 हफ्ते
  • मध्यम सायटिका दर्द: 4–6 हफ्ते

लेकिन अगर:

  • दर्द 6 हफ्ते से ज़्यादा बना रहे
  • दवाइयों और फिजियोथेरेपी से भी आराम मिले
  • दर्द रोज़मर्रा की ज़िंदगी में रुकावट डालने लगे

तो डॉक्टर सर्जरी पर विचार कर सकते हैं।

सायटिका में ऑपरेशन की ज़रूरत कब पड़ती है?

सायटिका में ऑपरेशन पहला विकल्प नहीं, बल्कि आखिरी विकल्प होता है। सर्जरी तभी की जाती है जब नस को नुकसान होने का खतरा हो।

1. जब दर्द बहुत ज़्यादा और लगातार हो

अगर सायटिका का दर्द इतना तेज़ है कि:

  • सोना मुश्किल हो
  • चलना-फिरना कठिन हो
  • दवाइयों से भी आराम मिले

तो सर्जरी की सलाह दी जा सकती है।

2. पैर में कमजोरी या सुन्नपन बढ़ना

अगर:

  • पैर में ताकत कम होती जा रही हो
  • पैर बार-बार लड़खड़ा रहा हो
  • पैर सुन्न पड़ने लगा हो

तो यह संकेत है कि नस पर ज़्यादा दबाव पड़ रहा है।

3. पेशाब या मल पर नियंत्रण रहना (आपात स्थिति)

अगर सायटिका के साथ:

  • पेशाब या मल रोकने में दिक्कत
  • जांघों या गुप्तांग के आसपास सुन्नपन

तो यह कॉडा इक्विना सिंड्रोम हो सकता है। यह मेडिकल इमरजेंसी है और तुरंत ऑपरेशन ज़रूरी होता है।

किन स्थितियों में सायटिका सर्जरी आमतौर पर की जाती है?

  • स्लिप डिस्क से सायटिका, जब डिस्क नस को बुरी तरह दबा रही हो
  • स्पाइनल स्टेनोसिस सायटिका, जिसमें नसों के लिए जगह कम हो जाती है
  • बार-बार होने वाला सायटिका दर्द
  • नस को स्थायी नुकसान का खतरा

सायटिका के लिए कौन-कौन सी सर्जरी होती हैं?

1. माइक्रोडिस्केक्टॉमी

यह सबसे आम सायटिका सर्जरी है। इसमें स्लिप डिस्क का वह हिस्सा हटाया जाता है जो नस पर दबाव डाल रहा होता है।

फायदे:

  • जल्दी दर्द से राहत
  • छोटा चीरा
  • तेज़ रिकवरी

2. लैमिनेक्टॉमी

इस सर्जरी में रीढ़ की हड्डी का छोटा हिस्सा हटाया जाता है, ताकि नस पर से दबाव कम हो सके। यह ज़्यादातर स्पाइनल स्टेनोसिस में की जाती है।

3. मिनिमली इनवेसिव सर्जरी

आधुनिक तकनीक से की जाने वाली यह सर्जरी:

  • कम दर्द
  • कम खून बहना
  • जल्दी चलने-फिरने की सुविधा

देती है।

क्या सायटिका का ऑपरेशन सुरक्षित है?

हाँ, आजकल सायटिका की सर्जरी काफ़ी सुरक्षित मानी जाती है, खासकर जब अनुभवी डॉक्टर द्वारा की जाए।

  • अधिकतर मरीजों को ऑपरेशन के बाद दर्द से राहत मिलती है
  • सफलता दर काफ़ी अच्छी होती है

हालाँकि, हर सर्जरी की तरह इसमें भी कुछ जोखिम हो सकते हैं, जिनके बारे में डॉक्टर पहले ही बता देते हैं।

सायटिका सर्जरी के जोखिम और सावधानियां

संभावित जोखिम:

  • संक्रमण
  • खून बहना
  • नस को नुकसान (बहुत कम मामलों में)

सही अस्पताल, अनुभवी डॉक्टर और ऑपरेशन के बाद दी गई सावधानियों से जोखिम बहुत कम हो जाता है।

सायटिका ऑपरेशन के बाद रिकवरी कैसी होती है?

  • अस्पताल में रहना: 1–3 दिन
  • 1–2 दिन में हल्का चलना शुरू
  • 2–4 हफ्तों में ऑफिस का काम
  • 6–8 हफ्तों में सामान्य गतिविधियाँ

फिजियोथेरेपी रिकवरी का अहम हिस्सा होती है।

सायटिका दर्द को नज़रअंदाज़ करने से क्या हो सकता है?

अगर सायटिका को लंबे समय तक अनदेखा किया जाए, तो:

  • नस को स्थायी नुकसान
  • पैर में कमजोरी
  • चलने-फिरने में दिक्कत
  • लगातार दर्द

हो सकता है। इसलिए समय पर इलाज ज़रूरी है।

सायटिका में कब डॉक्टर को दिखाना चाहिए?

  • दर्द लगातार बढ़ता जाए
  • पैर में सुन्नपन या कमजोरी आए
  • दवाइयों से आराम मिले
  • पेशाब या मल से जुड़ी समस्या हो

निष्कर्ष

सायटिका में सर्जरी हर किसी के लिए ज़रूरी नहीं होती। सही समय पर पहचान और इलाज से अधिकतर मामलों में ऑपरेशन टाला जा सकता है लेकिन अगर नस को नुकसान का खतरा हो, तो सर्जरी दर्द से राहत और बेहतर जीवन देने में मदद करती है।

FAQs

क्या सायटिका में ऑपरेशन ज़रूरी होता है?

नहीं, ज़्यादातर मामलों में सायटिका बिना ऑपरेशन ठीक हो जाता है।

सायटिका में ऑपरेशन कब आखिरी विकल्प होता है?

जब 6–8 हफ्तों तक इलाज से आराम मिले और नस को नुकसान का खतरा हो।

क्या सायटिका बिना सर्जरी पूरी तरह ठीक हो सकता है?

हाँ, कई मरीजों में दवा और फिजियोथेरेपी से पूरी तरह आराम मिल जाता है।

सायटिका ऑपरेशन के बाद कितने दिन में आराम मिलता है?

अधिकतर मरीजों को कुछ ही दिनों में दर्द से राहत मिलने लगती है।

क्या सायटिका का ऑपरेशन सुरक्षित है?

हाँ, आधुनिक तकनीकों से यह काफ़ी सुरक्षित है।

सायटिका दर्द के लिए सबसे अच्छा इलाज क्या है?

शुरुआत में दवा, फिजियोथेरेपी और लाइफस्टाइल बदलाव सबसे अच्छे इलाज हैं।

क्या सायटिका का दर्द वापस सकता है?

सही एक्सरसाइज़ और सावधानियों से दोबारा होने का खतरा कम रहता है।

सायटिका में चलना ठीक है या नहीं?

हल्का और सही तरीके से चलना अक्सर फायदेमंद होता है।

सायटिका कब खतरनाक होता है?

जब पैर में तेज़ कमजोरी या पेशाब-मल पर नियंत्रण रहे।

सायटिका ऑपरेशन के बाद क्या सावधानियां रखनी चाहिए?

भारी वजन उठाने से बचें और फिजियोथेरेपी नियमित करें।

Chandra Kant Ameta
Dr. Chandra Kant Ameta
Director & HOD - ORTHOPAEDICS
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